पर्यावरण प्रेमियों ने पंजाब सरकार को चेताया-मत्तेवाड़ा के नजदीक टेक्सटाइल पार्क बना तो दिल्ली जैसा मोर्चा लगाएंगे
लुधियाना के इंडस्टियल पार्क काे लेकर कई संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। संगठनों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि इस जगह पर टेक्सटाइल पार्क बनाया गया तो दिल्ली किसान आंदोलन की तर्ज पर यहां भी पक्का मोर्चा लगाया जाएगा
जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब सरकार मत्तेवाड़ा के जंगलों के नजदीक करीब एक हजार एकड़ जगह में मैगा टेक्सटाइल पार्क बनाने जा रही है। इस पार्क का पर्यावरण प्रेमी विरोध कर रहे हैं। पर्यावरण प्रेमियों की संस्था पब्लिक एक्शन कमेटी के बैनर तले आज मत्तेवाड़ा के जंगलों के पास जबदरस्त रोष धरना लगाया जा रहा है। इस धरने में पर्यावरण प्रेमियों के अलावा किसान संगठन,सामाजिक संगठनाें समेत समाज के हर वर्ग के जुड़े लाेग मौजूद हैं।
सभी ने हाथों में पोस्टर बैनर थाम रखे हैं और मत्तेवाड़ा के जंगलों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। उधर संगठनों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि इस जगह पर टेक्सटाइल पार्क बनाया गया तो दिल्ली किसान आंदोलन की तर्ज पर यहां भी पक्का मोर्चा लगाया जाएगा, लेकिन किसी भी सूरत में यहां पर टेक्सटाइल पार्क बनने नहीं दिया जाएगा।
वक्ताओं ने साफ कहा कि पंजाब की भगवंत मान सरकार को यह प्रोजेक्ट किसी कीमत पर पास नही करना चाहिए, अगर फिर भी उन्होंने इस परिजेक्ट को पास किया। तो पंजाबी संघर्ष करना भी जानते हैं। वक्ताओं ने पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल के खामोसी पर सवाल उठाया और कहा कि पहले वे इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे। अब राज्यसभा सीट मिलते चुप्पी साध गए हैं, यह समझ से परे है।
इस अवसर पर प्रोफेसर मंजीत सिंह ने साफ कहा कि अगर मत्तेवाड़ा जंगल की जमीन दी, तो दिली जैसा मोर्चा लगेगा। दिल्ली के बाहर एक साल से ज्यादा मोर्चा लगा था, अब मत्तेवाड़ा को बचाने को कुछ भी करेंगे, लेकिन सरकार को यहां पर टेक्सटाइल पार्क नहीं बनाने देंगे। इस अवसर पर पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग भी खास तौर पर पहुंचे हैं।
राजनीतिक दल भी कर रहे समर्थन
राजनीति दल कांग्रेस, शिअद और सीपीआइ भी इसे समर्थन दे रही हैं। हालांकि इस बीच आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया है कि सरकार इस मुद्दे पर बात करने को तैयार है। सरकार ने मोर्चे की संचालक पब्लिक एक्शन कमेटी (पीएसी) से आग्रह किया है कि वे किसी भी समय चंडीगढ़ आएं और बैठकर इस पर बातचीत करें। मत्तेवाड़ा मोर्चा सतलुज किनारे स्थित गुरुद्वारा साहिब के बाहर लगाया जाएगा। पांच हजार लोगों के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से आने वाले लोगों को खाने-पीने की समस्या नहीं होगी।
छिन जाएगी जमीन
इंडस्टियल पार्क से पांच गांवों के लोग भी प्रभावित होंगे। इनमें सबसे अधिक असर गांव सेखेवाल के लोगों पर पड़ेगा। इस गांव की पंचायत की 416 एकड़ जमीन पार्क के लिए दी गई है। इस गांव में 70 परिवार रहते हैं। यह लोग 1964 में यहां आकर बसे थे। इनमें पास पांच-पांच एकड़ जमीन है। इस जमीन को लोग पंचायत से हर साल 11 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से ठेके पर लेकर खेती करते थे। इन परिवारों के लिए जीवन यापन का एक बड़ा सहारा यह जमीन है जो पार्क के कारण उनसे छिन जाएगी।