दिव्यांगों की जिंदगी संवारना ही इनका मकसद, ऐसे बदली इनकी जिंदगी
2005 में भगवान महावीर सेवा संस्थान की स्थापना हुई थी। इसी के तहत पोलियोग्रस्त लोगों के अंगों को सर्जरी करवाते थे।
By Krishan KumarEdited By: Updated: Sat, 22 Sep 2018 06:00 AM (IST)
जागरण संवाददाता, लुधियाना : बात 2005 की है। उस दिन हमारी कॉलोनी के बाहर भुज से आया एक पोलियोग्रस्त व्यक्ति गिरा पड़ा था। परन्तु किसी ने उसका हाल जानने की कोशिश नहीं की। मैंने भी अपने दोस्त को उसकी फोटो करने के लिए कहा और घर आ गया। उसी दिन देर रात एक व्यक्ति ने मेरे घर का दरवाजा खटकाया और बताया कि गेट के पास अभी भी वो व्यक्ति गिरा पड़ा है। तब मैं उसके पास गया और उसे उठाने की कोशिश की।जैसे-तैसे उसे घर लेकर गए और पता चला कि हाथ-पैर ही नहीं पूरे शरीर से विकलांग था। उसने मिन्नत की कि उसे भुज (गुजरात) छोड़ आये ।
उसे घर पहुंचाने कोर्इ आगे न आया तो एक दोस्त को साथ लेकर तीन दिन ट्रेन में उसके साथ बिताए। उसकी पूरी देखभाल की यहां तक कि उसे टॉयलेट भी खुद करवाया। इन तीन दिनों ने मेरे जीने का फलसफा ही बदल दिया। यह कहना है समाज सेवी राकेश जैन का। जिन्होंने तभी से पोलियोग्रस्त लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया लिया।भगवान महावीर सेवा संस्थान जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन भारत विकास परिषद, एनिमल वेलफेयर आफिस, अखिल भारतीय जैन पत्रकार संघ, आत्मजैन सोसाइटी ,महावीर इंटरनेशनल, सिविल डिफेंस, श्री आत्मरूप संघ, अन्न जल सेवा सोसाइटी सहित 16 संस्थाओं से राकेश जुड़े हैं। राकेश बीमा क्षेत्र से भी जुड़े हैं।
राकेश जैन ने बताया कि 2005 में समाज सेवा के लिए भगवान महावीर सेवा संस्थान की स्थापना की। इसी के तहत पोलियोग्रस्त लोगों के अंगों को सर्जरी करवाते थे। साथ ही इसका वास्तविक आकार देने का प्रयास अच्छे डॉक्टरों के जरिए करवाने लगे। अभी तक वह पोलियो सर्जरी के सैकड़ों कैम्प लगा चुके हैं।
कई लोगों की कराई शादी
पोलियो सर्जरी कैम्प से फायदा लेने के बाद जमीन पर बैठकर जीवन बिताने वाले सैकड़ों युवक-युवतियों की शादी हो चुकी है और कई लोग अच्छी नौकरियां कर रहे है। ऐसे लोगों के चेहरे पर मुस्कान उनको और अधिक समाज सेवा करने के लिए प्रेरित करती है। पत्नी भी हैं मददगार
राकेश जैन की पत्नी रमा जैन इस काम में इनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती है। वह समाज के गरीब व जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए है। वह घर-घर जाकर सर्वे करती है कि कहां बच्चा पैसों की वजह से पढ़ाई से वंचित है या कहां पिता शराबी है ? जो अभिभावक बच्चों को नहीं पढ़ा पा रहे हैं। ऐसे बच्चों की वो मदद करती हैं। रमा ने बताया कि उनकी संस्थाओं ने तीन स्कूलों से अनुबंध किया है, जहां वह नर्सरी से बारहवीं तक लगभग 100 बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी निभा रही हैं।
पोलियो सर्जरी कैम्प से फायदा लेने के बाद जमीन पर बैठकर जीवन बिताने वाले सैकड़ों युवक-युवतियों की शादी हो चुकी है और कई लोग अच्छी नौकरियां कर रहे है। ऐसे लोगों के चेहरे पर मुस्कान उनको और अधिक समाज सेवा करने के लिए प्रेरित करती है। पत्नी भी हैं मददगार
राकेश जैन की पत्नी रमा जैन इस काम में इनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती है। वह समाज के गरीब व जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए है। वह घर-घर जाकर सर्वे करती है कि कहां बच्चा पैसों की वजह से पढ़ाई से वंचित है या कहां पिता शराबी है ? जो अभिभावक बच्चों को नहीं पढ़ा पा रहे हैं। ऐसे बच्चों की वो मदद करती हैं। रमा ने बताया कि उनकी संस्थाओं ने तीन स्कूलों से अनुबंध किया है, जहां वह नर्सरी से बारहवीं तक लगभग 100 बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी निभा रही हैं।
राशन भी बांटते हैं राकेश लोगों के दान के सहयोग से विधवा राशन वितरण समारोह चलाकर गरीब व जरूरतमंद लोगों को राशन बांटते हैं। समाज सेवक राकेश जैन के अनुसार, अन्य दानी सज्जनों के सहयोग से शहर के विभिन्न इलाकों में तीन चैरिटेबल डिस्पेंसरियां चल रही है जहां पर रोजाना सैंकड़ों मरीज मुफ्त उपचार करवा रहे हैं। इतना ही नहीं शहर की औद्योगिक घरानों की महिलाओं को साथ लेकर महिला शाखा भगवान महावीर सेवा सोसायटी बना है जोकि शिक्षा व पर्यावरण व देश में आपदा का शिकार हुए राज्यों को मदद भेजते हैं। समाज सेवक राकेश जैन का कहना है कि समाज के बुद्धिजीवियों व उद्योगपतियों व व्यापारियों के सहयोग से समाज के गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कभी पीछे नहीं हटते है। उन्होंने अपने बच्चों रिधि व दिव्यांश को भी समाज सेवा के संस्कार दिए हैंं और वे भी अपनी पॉॉकेट मनी से जरूरतमंद बच्चों की मदद करते हैंं।
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