लुधियाना में घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे पुलिस कंट्रोल रूम से होंगे अटैच
लुधियाना के घरों के बाहर लगे 16 हजार सीसीटीवी कैमरे पुलिस 'सेफ सिटी प्रोजेक्ट' के कंट्रोल रूम से अटैच होंगे।
By Krishan KumarEdited By: Updated: Fri, 28 Sep 2018 06:00 AM (IST)
गगनदीप रत्न, लुधियाना । 25 लाख की आबादी वाले लुधियाना में बढ़ रही छीना-झपटी और लूटपाट की वारदातों को कम करने और सुरक्षा को लेकर पुलिस नई पहल करने जा रही है। लुधियानवियों के घरों के बाहर लगे करीब 16 हजार सीसीटीवी कैमरे पुलिस 'सेफ सिटी प्रोजेक्ट' के कंट्रोल रूम से अटैच होंगे, जिससे हर गली व नुक्कड़ पर पुलिस की नजर रहेगी। हालांकि पुलिस ने इस सिस्टम की शुरुआत ग्राउंड लेवल पर कर दी है, जिसे थाना स्तर पर बनाई गई टीमें ऑपरेट कर रही हैं।
गली मोहल्लों तक रहेगी पुलिस की सीधी नजरपुलिस डिपार्टमेंट की ओर से शहर के प्रमुख चौकों और सड़कों पर सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 450 सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं, जिसकी मदद से पुलिस क्राइम कंट्रोल करने में काफी हद तक कामयाब रही है। हालांकि, गली मोहल्लों व अंदरूनी बाजारों में होने वाली छीना-झपटी को रोक नहीं पा रही थी, इस कारण पुलिस ने एक सर्वे करवाया, जिससे पता चला कि लुधियाना में करीब 16 हजार प्राइवेट कैमरे लगे हैं। जोकि इन्हीं अंदरूनी बाजारों और गली-मोहल्लों में हैं। इन्हें पुलिस लाइन स्थित पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ लिया जाएगा, ताकि कंट्रोल रूम में बैठे पुलिस मुलाजिम पूरे शहर पर नजर रख सकेंगे, जिससे क्राइम भी जल्दी ट्रेस हो पाएगा।
दो साल पहले लगाए जाने थे 1442 सीसीटीवी कैमरे
सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत प्रमुख इलाकों व चौक के 45 लोकेशन पर 450 के करीब सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए दो कंपनियों ने काम किया है, जिसमें एक कंपनी भारत की है और दूसरी पोलैंड की। इन कैमरों का कंट्रोल रूम पुलिस लाइन में बनाया गया है। जहां 24 घंटे मुलाजिम नजर रखते हैं। हालांकि दो साल पहले 159 लोकेशन पर 1442 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे, लेकिन फंड की वजह से इन्हें पूरा नहीं किया जा सका। यही वजह रही कि और कैमरे लगवाने की बजाए पुलिस लोगों के कैमरों को ही अटैच करने पर काम करने लगी। एसएचओ करेंगे लोगों से अब मीटिंग
पुलिस द्वारा चयनित किए गए कैमरों के अलावा अधिकारियों द्वारा 29 थानों के एसएचओ को ड्यूटी दी गई है कि वो गली मोहल्लों और बाजारों में जाकर लोगों से मीटिंग करें, ताकि लोगों को अच्छे कैमरे लगाने की जरूरत बता सकें। साथ ही उन कैमरों को लगवाने के बाद पुलिस को इसकी सूचना जरूर दें, ताकि उन्हें भी सेफ सिटी प्रोजेक्ट के साथ जोड़ा जा सके। एसएचओ के अलावा थाना स्तर पर दो मुलाजिमों की टीम भी लोगों को कैमरों के लिए जागरूक करेगी।
सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत प्रमुख इलाकों व चौक के 45 लोकेशन पर 450 के करीब सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए दो कंपनियों ने काम किया है, जिसमें एक कंपनी भारत की है और दूसरी पोलैंड की। इन कैमरों का कंट्रोल रूम पुलिस लाइन में बनाया गया है। जहां 24 घंटे मुलाजिम नजर रखते हैं। हालांकि दो साल पहले 159 लोकेशन पर 1442 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे, लेकिन फंड की वजह से इन्हें पूरा नहीं किया जा सका। यही वजह रही कि और कैमरे लगवाने की बजाए पुलिस लोगों के कैमरों को ही अटैच करने पर काम करने लगी। एसएचओ करेंगे लोगों से अब मीटिंग
पुलिस द्वारा चयनित किए गए कैमरों के अलावा अधिकारियों द्वारा 29 थानों के एसएचओ को ड्यूटी दी गई है कि वो गली मोहल्लों और बाजारों में जाकर लोगों से मीटिंग करें, ताकि लोगों को अच्छे कैमरे लगाने की जरूरत बता सकें। साथ ही उन कैमरों को लगवाने के बाद पुलिस को इसकी सूचना जरूर दें, ताकि उन्हें भी सेफ सिटी प्रोजेक्ट के साथ जोड़ा जा सके। एसएचओ के अलावा थाना स्तर पर दो मुलाजिमों की टीम भी लोगों को कैमरों के लिए जागरूक करेगी।
इस पहल से होगा ये फायदा
पिछले कुछ साल से क्राइम का ग्राफ बढ़ा है। इसी को कंट्रोल करने के लिए पुलिस लोगों द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की मदद लेगी। इससे कई स्नैचरों व आपराधिक प्रवृति वाले लोगों को गिरफ्तार किया जा सकेगा। ये सिस्टम पूरा होने के बाद पुलिस काफी हद तक क्राइम कंट्रोल कर पाएगी। माय सिटी, माय प्राइड के फोरम का असर
बता दें कि 'दैनिक जागरण' के फोरम 'माय सिटी माय प्राइड' में शहर की सुरक्षा के मुद्दे प्रमुखता से उठाया गया था, जिसके बाद पुलिस ने संज्ञान लेते हुए काम शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत सेफ सिटी प्रोजेक्ट साथ कैमरे जुड़ेगें।
पिछले कुछ साल से क्राइम का ग्राफ बढ़ा है। इसी को कंट्रोल करने के लिए पुलिस लोगों द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की मदद लेगी। इससे कई स्नैचरों व आपराधिक प्रवृति वाले लोगों को गिरफ्तार किया जा सकेगा। ये सिस्टम पूरा होने के बाद पुलिस काफी हद तक क्राइम कंट्रोल कर पाएगी। माय सिटी, माय प्राइड के फोरम का असर
बता दें कि 'दैनिक जागरण' के फोरम 'माय सिटी माय प्राइड' में शहर की सुरक्षा के मुद्दे प्रमुखता से उठाया गया था, जिसके बाद पुलिस ने संज्ञान लेते हुए काम शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत सेफ सिटी प्रोजेक्ट साथ कैमरे जुड़ेगें।
कमिश्नर का यह है कहना
शहर के लोगों द्वारा लगाए गए कैमरों को ट्रेस किया गया है और बाकियों को भी किया जा रहा है। जिन्हें सेफ सिटी प्रोजेक्ट के साथ जोडऩा शुरू कर दिया गया है, जिससे क्राइम को काफी हद तक कंट्रोल किया जाएगा।
- डॉ. सुखचैन सिंह गिल, पुलिस कमिश्नर। लुधियाना पर एक नजर
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।शहर के लोगों द्वारा लगाए गए कैमरों को ट्रेस किया गया है और बाकियों को भी किया जा रहा है। जिन्हें सेफ सिटी प्रोजेक्ट के साथ जोडऩा शुरू कर दिया गया है, जिससे क्राइम को काफी हद तक कंट्रोल किया जाएगा।
- डॉ. सुखचैन सिंह गिल, पुलिस कमिश्नर। लुधियाना पर एक नजर
- 25 लाख की आबादी है लुधियाना की
- 16 हजार घरों के सीसीटीवी कैमरे होंगे अटैच
- 450 कैमरे सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे हैं शहर में
- 24 घंटे रहेगी पुलिस की नजर
- 29 थानों के एसएचओं की लगाई गई है ड्यूटी