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राउंडटेबल कॉन्‍फ्रेंस: बुड्ढा दरिया के कायाकल्प का काम शुरू, 'स्टेटिक कंपेक्टर' से होगा कचरा प्रबंधन

लुधियाना में माय सिटी माय प्राइड अभियान के तहत कई विकास कार्य शुरू हुए हैं।

By Krishan KumarEdited By: Updated: Tue, 28 May 2019 02:55 PM (IST)

जागरण संवाददाता, लुधियाना : दैनिक जागरण के माय सिटी माय प्राइड अभियान में कई चरणों की चर्चा, सरकार और प्रशासन पर दबाव के बाद कुछ समस्याओं के समाधान के लिए जमीन पर काम शुरू हो गया है। आने वाले समय में इसका लाभ स्मार्ट सिटी लुधियाना की जनता को होगा। शहर में बुड्ढा दरिया को लेकर नामधारी समुदाय के सतगुरु ठाकुर उदय सिंह के नेतृत्व में बनी टास्क फोर्स ने सर्वे के बाद दस दिसंबर से काम शुरू करने का ऐलान किया है। इसी तरह इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ओर से शहर में बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए स्टेटिक कंपेक्टर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भूजल के स्तर को बेहतर बनाने और बरसात के पानी को जमीन में पहुंचाने के मकसद से सरकार ने नई आवास नीति में कई प्रावधान किए हैं।

प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए शहर में सीएनजी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए पहले चरण में चार सीएनजी पंप लगाए जा रहे हैं। इन उपायों से शहर की आबोहवा बेहतर होगी, वहीं लोगों को भी बेहतर जीवन जीने का माहौल मिलेगा। शहर को बेहतर बनाने के लिए शुरू किए जा रहे प्रोजेक्ट्स पर मंथन के लिए शुक्रवार को दैनिक जागरण के लुधियाना कार्यालय में राउंड टेबल कॉन्‍फ्रेंस का आयोजन हुआ। इसमें विशेषज्ञो ने प्रशासन की योजनाओं पर खुलकर चर्चा की और अपने विचार व्यक्त किए। बेहतर नतीजे हासिल करने के लिए अपने सुझाव भी दिए।

बुड्ढा नाला में गंदे पानी को रोकना होगा : कपिल अरोड़ा

सिविल इंजीनियरिंग काउंसिल के प्रधान कपिल अरोड़ा ने साफ किया कि बुड्ढा दरिया को साफ करने के लिए पहले भी कई योजनाएं बनी हैं। हालांकि अब नामधारी समुदाय ने इसके कायाकल्प का संकल्प लिया है, बावजूद इसके जनता का सहयोग मिलना जरूरी है। दरिया में गंदे पानी की आमद को पूरी तरह से रोकना होगा। इनके लिए नियमित चेकिंग की जरूरत है। दरिया में गंदगी डालने वालों के खिलाफ सख्ती करने की भी जरूरत है।
कपिल ने कहा कि आवास नीति बनाकर बरसाती पानी को जमीन में नहीं पहुंचाया जा सकता। इस नीति को कड़ाई से लागू करना जरूरी है। मसलन यदि कोई नया मकान बनता है तो वहां इंजीनियर या आर्किटेक्टर की टीम बने। यह टीम चेकप्वाइंट पर हर चीज की जांच कर सर्टिफिकेट दे। उसके बाद ही वाटर री-चार्ज का काम पूरा हो सकेगा। वहीं मोहल्लों और गलियों में निगम रिचार्ज कुंए बनवाए। इसके लिए मात्र पांच सौ वर्ग फीट एरिया की जरूरत है।

कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाना होगा : राकेश जैन


भगवान महावीर सेवा संस्थान के प्रधान राकेश जैन का कहना है कि शहर में बढ़ रहा कचरा बड़ी समस्या बन गया है। इससे निपटने के लिए स्टेटिक कंपेक्टर लगाए जा रहे हैं, यह अच्छा प्रयास है। लेकिन साथ में कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाना भी जरूरी है। सड़कों पर फैले कचरे को सही जगह पर डम्‍प करने के लिए भी उपयुक्त प्रयास होने जरूरी है। शहर में बढ़ा प्रदूषण भी सेहत के लिए नुकसानदायक है। सीएनजी को प्रोमोट किया जा रहा है। वहीं चार सीएनजी पंप लग रहे हैं। यह अच्छा है, लेकिन इनकी संख्या में इजाफा करना होगा। बैटरी चलित रिक्शा को भी प्रोत्साहित कर उनकी संख्या बढ़ानी होगी।

इससे भी प्रदूषण की समस्या कम हो सकेगी। राकेश ने कहा कि बुड्ढा दरिया को साफ करने के लिए सीवरेज एवं निगम के गंदे पानी को इसमें गिरने से रोकना होगा। तभी इस समस्या का सटीक समाधान किया जा सकता है। बुडढा दरिया शहर की सबसे बड़ी समस्या है। लाखों की आबादी इसके आसपास रहती है। बीमारियां बढ़ रही हैं। ऐसे में इससे निजात पाना भी जरूरी हो गया है। लोगों ने शहर की सुंदरता के लिए फ्लाईओवर के पिल्लरों और दीवारों पर ग्रेफिटी कराई थी, लेकिन वहां पर भी माफिया ने पोस्टर चिपकाकर उनकी खूबसूरती को खराब कर दिया। इस मुद्दे पर प्रशासन जिम्मेदारी ले और पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। तभी ग्रेफिटी को बरकरार रखा जा सकता है।

बरसात के पानी की समस्या से खुद निपटाना होगा : पांधी


अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर एसबी पांधी कहते हैं जागरण के जगाने पर सोई हुई सरकार और प्रशासन ने कई मसलों पर काम तो शुरू कर दिए हैं पर उन्हें अभी और रफ्तार की जरूरत है। विदेशों की तरह हमारे जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी गंभीरता के साथ न तो समस्याओं से जुड़े हैं न ही उसके हल के लिए उतने गंभीर हैं। ऐसे में अपने घर, समाज और शहर की समस्याओं के लिए लोगों को खुद आगे आना होगा। मसलन बरसाती पानी के जमाव की समस्या की मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि कई दशकों से ये शहर के लगभग हर इलाके की समस्या है।

अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने काम करना तो दूर इसका जिक्र करना भी छोड़ दिया है। सड़कों, गलियों और बाजारों के नवनिर्माण के चलते हर साल यह समस्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने अपने रिहायश वाले इलाके का जिक्र करते हुए बताया कि इसका हल वह आपस में मिलकर बिना सरकारी सहायता के निकाल रहे हैं। इलाके के लोगों ने आपस में कलेक्शन के जरिए फंड जुटाकर रिचार्जिंग वेल बनाने की तैयारी कर ली है। प्रत्येक वेल पर साइज के हिसाब से पचास हजार से लेकर दो लाख रुपये तक का खर्च होगा। इससे बरसाती पानी के जमाव से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ ही भूजल के स्तर को उठाने में भी मदद मिलेगी।

रिचार्ज वेल के लिए नागरिकों को भी आगे आना होगा : गुरपाल सिंह


समाज सेवक गुरपाल सिंह ने दैनिक जागरण की ओर से चलाए अभियान 'माय सिटी माय प्राइड' की सराहना करते हुए कहा कि शहर को इसके जरिए एक प्लेटफॉर्म मिल गया है। इससे हम शहर की प्रमुख समस्याओं को प्रशासन, नगर निगम, संबंधित विभागों के साथ-साथ पंजाब सरकार तक पहुंचा रहे हैं। समस्याओं का समाधान भी निकल रहा है। जैसे कि बुड्ढा नाला जैसी गंभीर समस्या पर सरकार जागी और इसकी सफाई का अभियान भी विधिवत शुरू हो गया जिसकी कमान नामधारी समाज प्रमुख को सौंपी गई।

100 गज से अधिक एरिया में होने वाले नवनिर्माण और नई बनने वाली कॉलोनियों के लिए रिचार्ज वेल आवश्यक बनवाने के लिए आदेश भी जारी हुए। गुरपाल सिंह ने कहा कि इसके बावजूद लोगों को खुद जागरूक होना होगा। प्रशासन को सख्त रुख अख्तियार करना होगा। एक बार सिस्टम बन जाए उसके बाद इसका पालन लोग खुद करने लगते हैं। ऐसा ही हमें यहां भी करना होगा।

नवंबर में जिन मुद्दों पर काम शुरू हुए
- कूड़ा प्रबंधन को लेकर कम्पोस्टिंग प्लांट का काम शुरू, शहर में आठ स्टेटिक कम्पेक्टर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
- बुड्ढा दरिया को साफ करने के लिए टास्क फोर्स जमीन पर उतरी, दस दिसंबर से होगा सोलिड वेस्ट सफाई का काम।
- वाटर हार्वेस्टिंग के लिए सरकार ने नए बिल्डिंग बायलाज में 120 गज से ऊपर वाली इमारतों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया।
- शहर में प्रदूषण रोकने के लिए चार सीएनजी पंप लगाने का काम शुरू।

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