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Nag Panchami 2022: नागपंचमी पर सर्प दिखना शुभ संकेत, ये उपाय करने से कालसर्प दोष से भी मिलती है मुक्ति

Nag Panchami 2022 इस दिन सांप का दिख जाना इस बात का संकेत होता है कि आप जल्द ही तरक्की पाने वाले हैं। ये जानकारी सनातन धर्म प्रचारक प्रसिद्ध विद्वान ब्रहमऋषि पं. पूरन चंद्र जोशी ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में नागपंचमी पर प्रकाश डालते हुए दी।

By DeepikaEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 10:09 AM (IST)
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Nag Panchami 2022: 2 अगस्त को मनाई जाएगी नाग पंचमी। (सांकेतिक)
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। Nag Panchami 2022: नाग पंचमी का त्योहार हर साल सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा। अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है तो इस दिन उपाय करने से काफी लाभ मिल सकता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है।

नागपंचमी पर सर्प दिखे तो खुलते हैं उन्नति के द्वार 

वहीं कहीं-कहीं दूध पिलाने की परंपरा चल पड़ी है। इस दिन सांप का दिख जाना इस बात का संकेत होता है कि आप जल्द ही तरक्की पाने वाले हैं। ये जानकारी सनातन धर्म प्रचारक प्रसिद्ध विद्वान ब्रहमऋषि पंडित पूरन चंद्र जोशी ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में नागपंचमी पर प्रकाश डालते हुए दी। पंडित जोशी ने कहा कि अगर नाग पंचमी पर सर्प दिखे तो समझो आपकी उन्नति के द्वार जल्द खुलने वाले हैं।

संतान के हत्यारे से बदला लेने का संकल्प...पढ़ें पूरी कथा

कथा पर प्रकाश डालते हुए पंडित जी ने बताया कि किसी राज्य में एक किसान परिवार रहता था। किसान के दो पुत्र व एक पुत्री थी। एक दिन हल जोतते समय नाग के तीन बच्चे कुचल कर मर गए। नागिन पहले तो विलाप करती रही फिर उसने अपनी संतान के हत्यारे से बदला लेने का संकल्प किया। रात्रि को अंधकार में नागिन ने किसान, उसकी पत्नी व दोनों लड़कों को डस लिया।

अगले दिन प्रातः किसान की पुत्री को डसने के उद्देश्य से नागिन फिर चली। किसान कन्या ने उसके सामने दूध का भरा कटोरा रख दिया। हाथ जोड़ क्षमा मांगने लगी। नागिन ने प्रसन्न होकर उसके माता-पिता व दोनों भाइयों को पुनः जीवित कर दिया। उस दिन श्रावण शुक्ल पंचमी थी। तब से आज तक नागों के कोप से बचने के लिए इस दिन नागों की पूजा की जाती है। इस दिन, लोग सर्पों व नागों की पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते हैं।

जहां वे सांपों को दूध, मिठाई और फूल चढ़ाते हैं । त्योहार के दौरान, महिलाएं उपवास या व्रत रखती हैं, जहां वे भोजन से परहेज करती हैं, जो भक्ति और अनुशासन का प्रतीक है। नाग पंचमी के दिन धरती पर हल भी नहीं चलाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन सुई में धागा भी नहीं डालना चाहिए। इसके अलावा नाग पंचमी के दिन आग पर तवा और लोहे की कढ़ाही चढ़ाना भी अशुभ माना जाता है।

नागपंचमी पर न करें ये काम

इस दिन सांप मारना मना है, इसका महापाप लगता है। पूरे श्रावण माह विशेष कर नागपंचमी को धरती खोदना निषिद्ध है। इस दिन व्रत करके सांपों को खीर खिलाई व दूध पिलाया जाता है जबकि यह गलत है। कहीं-कहीं सावन माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी को भी नाग पंचमी मनाई जाती है। व्रत के साथ एक बार भोजन करने का नियम है। पूजा में पृथ्वी पर नागों का चित्रांकन किया जाता है। स्वर्ण, रजत, काष्ठ या मिट्टी से नाग बनाकर पुष्प, गंध, धूप-दीप एवं विविध नैवेद्यों से नागों का पूजन होता है।

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