Punjab Politics: बतौर गवाह लुधियाना कोर्ट में आज पेश होंगे नवजोत सिद्धू, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को आज लुधियाना कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं उनकी पेशी के लिए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। कोर्ट कांप्लेक्स के भीतर जाने वाले रास्तों पर पुलिस की नाकाबंदी कर दी गई है।
By Dilbag SinghEdited By: DeepikaUpdated: Fri, 21 Oct 2022 10:04 AM (IST)
दिलबाग दानिश, लुधियाना। रोडरेज मामले में सजा काट रहे नवजोत सिंह सिद्धू को आज अदालत में पेश किया जाना है। दो दिन पहले ही सीजेएम सुमित मक्कड़ की कोर्ट ने सिद्धू को बतौर गवाह 21 अक्टूबर को तलब किया था। नवजोत सिद्धू सुरक्षा का हवाला देकर केस में गवाही देने से बचते रहे हैं। इसी कारण अब उनकी पेशी के लिए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने के आदेश दिए गए हैं। जिला लघु सचिवालय से लेकर कोर्ट कांप्लेक्स तक पुलिस का पहरा लगाया गया है। कोर्ट कांप्लेक्स के भीतर जाने वाले रास्तों पर नाकाबंदी की गई है।
वहीं इस बीच नवजोत सिद्धू के राजनीतिक सलाहकार सुरेंद्र डल्ला ने सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर ट्वीट कर कहा कि सिद्धू न कभी सच से डरे हैं और न कभी डरेंगे। न कभी गवाही देने से इनकार किया है। सिद्धू पूरी शान के साथ गवाही देंगे। पर मामला सुरक्षा का है। सिदधू की सुरक्षा मांग पर कुछ लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। क्या आप मूसेवाला का मामला भूल गए हैं। बता दें कि, सिद्धू ने जेल सुपरिटेंडेंट को पत्र लिखकर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त की मांग की थी। उन्हें लगता है कि उनकी जान को खतरा है। वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद ट्वीट कर सुरक्षा पुख्ता होने की बात कही है।
अदालत ने पूर्व डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों द्वारा पूर्व खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ दायर एक शिकायत मामले में उन्हें गवाह के रूप में बुलाया है। आदेश पारित करते हुए, सीजेएम ने कहा कि शिकायतकर्ता पूर्व डीएसपी सेखों का केस है कि उन्हें तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू द्वारा एक जांच सौंपी गई थी। हालांकि शिकायतकर्ता को जांच करने से रोकने के लिए पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु ने उन्हें फोन किया और धमकी दी थी।
बर्खास्त डीएसपी को धमकाने पर दायर है केस
चार साल पहले आरटीआइ एक्टिविस्ट कुलदीप खैरा की तरफ से गिल रोड के एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण पर सवाल खडे़ करते हुए शिकायत दी गई थी। शिकायत के बाद मामला गरमाता देख तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू ने जांच डीएसपी बलविंदर सेखों को सौंपी थी। सेखों की तरफ से इस पर रिपोर्ट तैयार की गई थी। इसे कैबिनेट मंत्री के पास सबमिट कर दिया गया था। इस दौरान ही आशु व डीएसपी के बीच फोन पर बहस हुई थी। इसके बाद सेखों को नगर निगम के पद से हटाकर कमांडो में तैनात कर दिया गया था।गुम हो चुकी है फाइल, उसकी गवाही में बुलाया
सुनवाई के दौरान बताया गया कि सेखों की तरफ से सबमिट की गई फाइल गुम हो चुकी है। इसी को लेकर उसे धमकाया गया था। उसने इसकी एक कापी भी अदालत में पेश कर दी थी। इसे प्रमाणित करने के लिए ही उस समय कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को गवाह के तौर पर बुलाया गया था। वहीं, नवजोत सिद्धू द्वारा लगाई गई अर्जी में यह कहा गया था कि उन्हें नहीं पता है कि कोई फाइल थी और वह गुम हो गई। पहले इसकी एफआइआर दर्ज होनी चाहिए थी। नवजोत सिद्धू ने इसे लेकर सुरक्षा का भी हवाला दे दिया।
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