लुधियाना में बोले हीरो मोटर्स कंपनी के सीएमडी पंकज- केंद्र के सहयोग से अब ई-साइकिल प्रोडक्शन को मिलेगी रफ्तार
भारतीय साइकिल उद्योग की ग्रोथ को लेकर केंद्र सरकार जल्द ही एक बड़ा फैसला ले सकती है। साइकिल उद्योग इस समय एक्सपेंशन के लिए तेजी से ई व्हीकल सेगमेंट की ओर फोकस कर रहा है। ये बात हीरो मोटर्स कंपनी (हीरो साइकिल ग्रुप) के सीएमडी पंकज मुंजाल ने कही।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Mon, 30 May 2022 09:44 AM (IST)
लुधियाना [मुनीश शर्मा]। भारतीय साइकिल उद्योग की ग्रोथ को लेकर केंद्र सरकार जल्द ही एक बड़ा फैसला ले सकती है। साइकिल उद्योग इस समय एक्सपेंशन के लिए तेजी से ई व्हीकल सेगमेंट की ओर फोकस कर रहा है। इसमें सबसे अहम उत्पाद ई-साइकिल है। इस सेक्टर को मजबूती प्रदान करने के लिए साइकिल उद्योग केंद्र सरकार से लंबे अर्से से ई-साइकिल में विस्तार के लिए सहयोग की मांग कर रहा है। कारोबारियों का तर्क है कि अगर सरकार सहयोग करे तो पूरे विश्व बाजार में इसकी बढ़ती डिमांड को देखते हुए भारतीय साइकिल निर्माता प्रमुख प्रतिद्वंदी चीन से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। साथ ही अब देश में भी इसका बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। इन सभी बातों को देखते हुए इसकी तकनीक को भारत उद्योग में अग्रसर करने के लिए सरकार इसे प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीआइएल) योजना में शामिल कर सकती है। ये बात हीरो मोटर्स कंपनी (हीरो साइकिल ग्रुप) के सीएमडी पंकज मुंजाल ने कही।
पंकज मुंजाल ने इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल संग एक वार्ता की। मुंजाल ने कहा कि अगर सरकार का प्रोत्साहन मिले तो यह कारोबार दो बिलियन यूएस डालर के पार जा सकता है। इस दौरान पीयूष गोयल ने प्रेंजेटेशन को देखकर कहा कि ई-साइकिल के क्रिटिकल पार्ट्स को पीएलआइ के दायरे में लाया जाएगा ताकि भारतीय उद्योग इस विस्तार का हिस्सा बनें और बेहतर प्रदर्शन करें। अब तक साइकिल इंडस्ट्री इस सेक्टर की ग्रोथ के लिए मांग करती रही। पंजाब के साइकिल वैली प्रोजेक्ट में भी हीरो ग्रुप की ओर से भारी निवेश कर इस सेक्टर में कई बड़ी नामी कंपनियों को लाने की योजना पर काम किया जा रहा है।
अब तक प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिंव (पीआइएल) में इलेक्टिक वाहनों को लिया गया था, जबकि ई साइकिल को इससे बाहर रखा गया था। इस वजह से भारत पर अगले पांच वर्षो में यूरोपीय देशों को 10 हजार करोड़ रुपये के ई साइकिल निर्यात आर्डर खोने का खतरा मंडरा रहा है। यूरोपीय संघ चीन से ई बाइक आयात पर भारी एंटी डं¨पग टैरिफ लगाता है, जोकि 83 प्रतिशत तक जा सकता है। बात हीरो साइकिल की करें, तो कंपनी ने ई-साइकिलों के निर्माण को लेकर 300 करोड़ रुपये के निवेश से अत्याधुनिक प्लांट स्थापित किया है।
मेक इन इंडिया ई साइकिल का सपना होगा साकारमौजूद समय में साइकिल के कई उत्पाद ऐसे हैं, जिनका निर्माण भारत में नहीं हो रहा। इसलिए मेक इन इंडिया ई-साइकिल का निर्माण नहीं हो पा रहा। कारोबारियों का तर्क है कि सरकार पीएलआइ के माध्यम से कई चुनिंदा पार्ट्स पर राहत देती है, तो पंजाब इसका हब बन सकता है। इससे कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों के लिए नई संभावनाएं होंगी। इसके साथ ही यहीं से पूर्ण मेक इन इंडिया ई साइकिल का सपना साकार होगा।
देश में सालाना डेढ़ करोड़ साइकिल में से एक करोड़ लुधियाना में बनते हैंबात साइकिल निर्माण की करें, तो देश में बन रहे सलाना डेढ़ करोड़ साइकिलों में एक करोड़ साइकिलों का निर्माण केवल लुधियाना में किया जाता है। यहां साइकिल एवं इसके पुर्जे बनाने वाले पांच हजार से अधिक छोटे-बड़े कारखाने हैं। काले साइकिल से शुरुआत करने वाली इंडस्ट्री इस समय फैंसी साइकिल निर्माण में तेजी से काम कर रहा है। अब विश्व में तेजी से ई साइकिल की मांग बढ़ रही है।
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