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नहीं रहे पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पीए सुरेंद्र गुप्ता, फरीदकोट के निजी अस्पताल में ली अंतिम सांस

सुरेंद्र गुप्ता का वीरवार सुबह देहांत हो गया। उनका अंतिम संस्कार वीरवार की दोपहर 1 बजे रामबाग श्मशानघाट में किया जाएगा। सुरेंद्र गुप्ता 5 नवंबर दोपहर ढ़ाई बजे अचानक बीमार हो गए थे और पांच दिनों से वेंटिलेटर पर थे।

By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Thu, 11 Nov 2021 12:34 PM (IST)
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सुरेंद्र गुप्ता ने वीरवार सुबह फरीदकोट के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
जासं, फरीदकोट। देश के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पीए व पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष रहे सुरेंद्र गुप्ता का वीरवार सुबह देहांत हो गया। उनका अंतिम संस्कार वीरवार की दोपहर 1 बजे रामबाग श्मशानघाट में  किया जाएगा। गुप्ता अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़कर गए हैं। सुरेंद्र गुप्ता 5 नवंबर दोपहर ढ़ाई बजे अचानक बीमार हो गए थे, उन्हें उपचार के लिए निजी अस्पताल, मेडिकल कालेज फरीदकोट व डीएमसी दाखिल करवाया गया, जहां पर डाक्टरों ने जवाब दे दिया। इसके बाद उन्हें फरीदकोट के एक निजी अस्पताल में वेंटीलेटर पर रखा गया, जहां जिंदगी-मौत के बीच जंग लड़ते रहे और अंतत: वीरवार की सुबह पांच बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

ज्ञानी जैल सिंह के करीबियों में शामिल रहे सुरेंद्र गुप्ता

सुरेंद्र गुप्ता पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के बेहद करीबियों में रहे हैं। जिस समय ज्ञानी जैल सिंह देश के राष्ट्रपति थे, उस समय गुप्ता का करियर भी पीक पर था। वह आरंभ से लेकर अंत तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे। दिवंगत सुरेंद्र गुप्ता फरीदकोट नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन भी रहे। अपने कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए। ज्ञानी जैल सिंह एवेन्यू उसमें से एक महत्वपूर्ण कार्य है। बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्ञानी जैल सिंह वर्ष 1982 से लेकर 1987 तक देश के राष्ट्रपति रहे थे। 

गांधी परिवार से रहा सीधा संपर्क

सुरेंद्र गुप्ता हमेशा विवादों व गुटबाजी से दूर रहे। उनकी पार्टी में उपयोगिता और महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह गांधी परिवार तक सीधा संपर्क रखते थे और कई बार महत्वपूर्ण विषयों पर सलाह देते रहते थे। उनकी असमय मृत्यु से कांग्रेस पार्टी व गुप्ता परिवार को अपूर्णीय क्षति पहुंची है। मृत्यु की सूचना पर सुबह से ही कांग्रेस नेताओं व उनके प्रशंसकों का श्रद्धांजलित अर्पित करने के लिए तांता लगा हुआ है।

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