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मरीज और बीमारी की हिस्ट्री सब फर्जी, एंबुलेंस से दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे श्रमिक

पंजाब से फर्जी मरीज बनाकर और फर्जी बीमारी हिस्‍ट्री बनाकर एंबुलेंस से श्रमिकों को दूसरे राज्‍यों में भेजे जाने का खुलासा हुआ है। सब कुछ धड़ल्‍ले से हो रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 25 Apr 2020 11:48 AM (IST)
मरीज और बीमारी की हिस्ट्री सब फर्जी, एंबुलेंस से दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे श्रमिक
लुधियाना, [दिलबाग दानिश/गौरव कनौजिया]। कोराेना के कारण पैदा संकट की इस घड़ी में सफेद गाउन में काली कमाई का खेल का खुलासा हुआ है। बिना किसी परिणाम की परवाह किए कुछ लोग पवित्र पेशा की आड़ लेकर अपने जमीर को बेचकर जेबें भरने में लगे हैं। एक ऐसा ही मामला लुधियाना के बहादुरके रोड क्षेत्र में सामने आया है। यहां फर्जी मरीज बनाकर और बीमारी की फर्जी हिस्‍ट्री तैयारर एंबुलेंस से दूूसरे राज्‍यों को एंबुलेंस से भेजे जाने का खुलासा हुआ है। एक डाक्टर कर्फ्यू में फंसे दूसरे राज्यों के लोगों को घरों पर पहुंचाने के लिए फर्जीवाडा करने का आरोप लगाया है। वह काली कमाई के लिए लोगों की जान को खतरे में डाल रहा है।

मरीज बनाकर लोगों को दूसरे राज्यों में भेजने के लिए बीमारी की फाइल बनाने के डॉक्टर ले रहा तीन हजार

सामने आया है कि निजी अस्पताल का यह डॉक्टर दूसरे राज्यों के लोगों की पहले फर्जी रूप से मरीज बनाता है फिर बीमारी की फर्जी हिस्ट्री की फाइल बनाकर एंबुलेंस के माध्यम से भेज रहा है। इसकी एवज में वह लोगों से मोटी रकम वसूल रहा है। इस डॉक्टर का लेटर हेड हाथ लगने पर मामले की पड़ताल की गई तो कई चौंकाने वाली जानकारियां  सामने आईं।

सफेद गाउन में काली कमाई, तीन हजार लेकर बनाए जा रहे कागजात, 18 रूपये प्रति किमी एंबुलेंस चार्ज

खुद को एमबीबीएस, एमडी (मेडिसिन) बताने वाले इस डॉक्टर के फर्डीवाड़े से अभी तक सेहत, सिविल और पुलिस प्रशासन अनभिज्ञ है। दैनिक जागरण संवाददाता ने जब इससे बात की तो उसने कहा कि वह फर्जी टेस्ट रिपोर्ट से लेकर एक्सरे तक सब बनाकर दे देगा। उसने बातचीत में खुद माना कि वह अब तक कई लोगों को दूसरे राज्यों में  पहुंचा चुका है।

डॉक्टर से फोन पर हुई बातचीत

रिपोर्टर - डॉक्टर साहब, नमस्कार राजेश का जानकार बोल रहा हूं।

डॉक्टर-हां बताओ, मैं राजेश को नहीं जानता।

रिपोर्टर-जिसका आपने परसों इलाज किया था।

डॉक्टर-अच्‍छा-अच्‍छा उसका ऑपरेशन करना था।

रिपोर्टर - हां-हां वही।

डॉक्टर-वो तो चला गया था न घर।

रिपोर्टर- हां-हां, वहीं और बंदे भी भेजने हैं, दो तीन हैं। एक-एक करके भेजोगे।

डॉक्टर-एंबुलेंस से जाएंगे। मतलब तीन बंदे जा सकते हैं।

रिपोर्टर-कितने पैसे लगेंगे?

डॉक्टर-जाना कहां हैं?

रिपोर्टर-अबरपुर जाना है।

डॉक्टर-कितने किलोमीटर होगा?

रिपोर्टर-इसे इतना नहीं पता, 15 साल का है। यहां फंसा है, गांव का नाम ही पता है।

डॉक्टर- छह बजे आना अस्पताल।

रिपोर्टर-कितना खर्च आएगा?

डॉक्टर-मेरा कोई पैसा नहीं, न ही मेरी एंबुलेंस है। एंबुलेंस वाले से पता करना पड़ेगा। पूछकर बताता हूं। फोन कट गया...

कुछ समय बाद दोबारा फोन लगाया गया।

रिपोर्टर- तीन बैग चले जाएंगे?

डॉक्टर-हां चले जाएंगे, कोई दिक्कत नहीं है, कोई नहीं रोकता।

रिपोर्टर-पैसा कितना खर्च होगा वो तो बता दें?

डॉक्टर-मेरी फीस तीन हजार है। फाइल बनेगी।

रिपोर्टर-मगर उसे तो कुछ हुआ ही नहीं है?

डॉक्टर-वो चिंता न करो। कुछ न कुछ बना देंगे। कुछ भी लिख देंगे।

रिपोर्टर-एक और जाना है, उसका क्या करें?

डॉक्टर-कहीं भी चले जाओ फाइल बनेगी और एंबुलेंस का 18 रुपये प्रति किलोमीटर आने-जाने का खर्च लगेगा।

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 पेट में थी गैस, बता दिए कोरोना के लक्षण, ठगे पैंतीस हजार

आरोप है कि यह डॉक्टर मरीजों की फर्जी बीमारी की हिस्ट्री ही नहीं बना रहा बल्कि कोरोना संक्रमण के लक्षण होने का खौफ दिखाकर भी हजारों रुपये ठग रहा है। मंडी में काम करने वाले न्यू आदर्श नगर (बहादुरके रोड) निवासी राजेश ने बताया कि उसे बुखार था तो वह सिविल अस्पताल चला गया। वहां पर दवा देकर लौटा दिया। उसे फर्क नहीं पड़ा तो वह इसी डॉक्टर के पास चला गया। डॉक्टर ने उसे कोरोना के लक्षण बता दिए और उसका इलाज शुरू कर दिया। पैंतीस हजार का बिल बना दिया जिसे उसने पत्नी की बालियां गिरवी रखकर चुकाया। मगर ठीक वह फिर भी नहीं हुआ। जब दूसरे डॉक्टर के पास गया तो पता चला कि  पेट में गैस की समस्या है।

फिर फोन किया तो मुकरा डॉक्टर

आरोपित डॉक्टर का पक्ष जानने के लिए अन्य फोन से की गई कॉल पर पहले तो डॉक्टर सीधे तौर पर मुकर गया कि उसने किसी को बाहर भेजा है। डॉक्टर का कहना था कि उन्होंने एक मरीज हरदोई से आगे भेजा है और उसका पता भी उनके पास है। उसका ऑपरेशन होना था इसलिए उसे एंबुलेंस करवाकर भेजा गया है। उन्होंने ही उसे रेफर किया था। जब उनसे पूछा कि उसे यहां के अस्पताल में रेफर क्यों नहीं किया तो उन्होंने कहा कि वह मरीज वहीं जाना चाहता था।

कर्फ्यू पास जरूरी, डीसी करेंगे कार्रवाई: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा का कहना है कि कोई भी डॉक्टर इस तरह बिना मंजूरी लिए रेफर नहीं कर सकता। सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने कहा कि राज्य की सीमा पार करनी है तो प्रशासन से कर्फ्यू पास लेना जरूरी है। अगर डॉक्टर ने ऐसा किया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और डिप्टी कमिश्नर से इसकी शिकायत करें और वह कार्रवाई करेंगे।

सीपी बोले, जांच करेंगे

पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने कहा कि यदि डॉक्टर ऐसा कर रहा है तो यह सरकारी आदेशों का सरासर उल्लंघन है। दूसरे राज्य में मरीज को रेफर नहीं कर सकता। जांच करवा रहे हैं। यदि डॉक्टर का फर्जीवाड़ा मिला तो कार्रवाई करेंगे।

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