लुधियाना PAU ने पराली प्रबंधन का ढूंढा नया तरीका, सब्जियों के लिए बनाया नर्सरी प्लांटर; इनके लिए होगा फायदेमंद
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने पराली प्रबंधन के लिए एक बेहतरीन तरीका ढूंढा है। दरअसल पीएयू ने पराली से सब्जियों के लिए नर्सरी प्लांटर बना दिया। खास बात यह है कि पराली नर्सरी प्लांटर को पौधे समेत गमले व जमीन में लगाया जा सकता है।
By Asha Rani Edited By: DeepikaUpdated: Wed, 02 Nov 2022 10:24 AM (IST)
आशा मेहता, लुधियाना। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) की तरफ से पराली प्रबंधन को लेकर अलग-अलग तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। अब पीएयू ने पराली के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए एक नया और आसान तरीका ढूंढा है। पीएयू के डिपार्टमेंट आफ अपैरल एंड टेक्सटाइल ने पराली से नर्सरी प्लांटर बनाया गया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह नर्सरी प्लांटर किसानों के साथ-साथ किचन गार्डनिंग के शौकीनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। यह प्लांटर प्लास्टिक के इस्तेमाल को घटाएगा। डिपार्टमेंट आफ अपैरल एंड टेक्सटाइल की रिसर्च एसोसिएट डा. मनीषा सेठी ने बताया कि मौजूदा समय में प्लांट नर्सरी में प्लास्टिक के प्लांटरों में सब्जियों और फूलों के पौधे तैयार होते हैं। जब भी हम पौधे लेने जाते हैं, तो ब्लैक रंग के प्लास्टिक में नर्सरी से पनीरी मिलती है।
पौधे लगाने के बाद अकसर हम प्लास्टिक प्लांटर को कूड़े में फेंक देते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। ऐसे में प्लास्टिक प्लांटर को रिप्लेस करने और पराली की समस्या के निदान के लिए नर्सरी प्लांटर लेकर आए हैं। इस प्लांटर को हमने पूरी तरह से पराली से ही तैयार किया है। किसी अन्य तरह की सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया है। पराली से तैयार नर्सरी प्लांटर को पौधे समेत गमले या जमीन में लगाया जा सकता है।
इससे पौधों की खाद की जरूरत भी पूरी हो जाती है और खरपतवार की समस्या नहीं आती। इसकी कीमत 10 से 15 रुपये पड़ती है। अगर बड़े स्तर मशीनरी के जरिए इसे बनाया जाए, तो कीमत घटकर दो से तीन रुपये रह जाएगी। अभी हम केवल सब्जियों की पनीरी लगाने के लिए पराली नर्सरी प्लांटर का इस्तेमाल कर रहे हैं।खास बात यह है कि पराली नर्सरी प्लांटर को पौधे समेत गमले व जमीन में लगाया जा सकता है। यह मिट्टी के लिए खाद का काम करेगी। हम कोशिश कर रहे हैं कि इसे ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। हमने करीब सौ से अधिक घरों में सब्जियों के लिए इस प्लांटर में पौधे लगाकर ट्रायल किए, जो कि काफी सफल रहे। डा. मनीषा ने कहा कि अगर पराली से नर्सरी प्लांटर बनाने को लेकर कोई ट्रेनिंग लेना चाहता है, तो संपर्क कर सकता है।
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