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दो महीने में छह हजार का चिकन चट कर गया सरकारी मेहमान बना पिटबुल

पंजाब में लुधियाना में एक पिटबुल लावारिस हालत में मिला तो नगर निगम ने उसको अपनी देखरेख में ले लिया। यह उसे भारी पड़ रहा है। यह पिटबुल दो माह में छह हजार रुपये का चिकन खा गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 03 Jun 2020 12:29 PM (IST)
दो महीने में छह हजार का चिकन चट कर गया सरकारी मेहमान बना पिटबुल
लुधियाना, [राजेश भट्ट]। दो महीने पहले गिल रोड पर स्थित ईशर सिंह नगर से पकड़ा गया लावारिस पिटबुल नगर निगम के लिए आफत बन चुका है। दो महीने से 15-15 हजार रुपये मासिक वेतन लेने वाले दो कर्मचारियों को इसकी देखरेख और आवभगत में तैनात हैैं। बिना चिकन के रोटी न खाने वाले पिटबुल को रोजाना दस से 12 रोटियों के साथ दिन में करीब पौना किलो चिकन परोसा जा रहा है। वह दो महीने में छह हजार रुपये का चिकन खा चुका है।

15-15 हजार मासिक वेतन लेने वाले दो कर्मचारी लगातार कर रहे कुत्ते की देखरेख

कुत्ते की देखरेख कर रहे कर्मचारी लालमणि के अनुसार, 60 दिन में उसे छह हजार रुपये से ज्यादा का चिकन खिलाया जा चुका है। उसने बताया कि पिटबुल के लिए रोजाना खाना तैयार करना पड़ता है। कर्फ्यू के दौरान चिकन लाना भी बेहद मुश्किल था, क्योंकि पुलिस बाहर जाने नहीं दे रहे थी और कुत्ता बिना चिकन के खाना नहीं खा रहा था।

रोजाना पौना किलो चिकन चट कर रहा पिटबुल, कर्फ्यू में भी चिकन का बंदोबस्त करते रहे कर्मचारी

लालमणि ने बताया कि चिकन न देने पर पिटबुल जोर जोर से भौंकता है। उसके लिए रोजाना चिकन की व्यवस्था करनी पड़ी। उधर, निगम अफसरों को उम्मीद थी कि लॉक डाउन खुलने के बाद कुत्ते को मालिकों को सौंप दिया जाएगा लेकिन अभी ऐसे आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

निगम अफसर अब डॉग लवर्स से अपील कर रहे हैैं कि वह कुत्ते को अडॉप्ट कर लें ताकि उन्हें कुत्ते से छुटकारा मिल सके। निगम टीम ने दो अप्रैल को इसे पकड़कर हैबोवाल डेयरी कांप्लेक्स स्थित कुत्तों के नसबंदी केंद्र में पिंजरे में बंद कर दिया था। 

दांतों और पंजे से तोड़ दिया पिंजरे का ताला

लालमणि ने बताया कि पिटबुल अब बहुत खुंखार हो चुका है। वह पिंजरे से बाहर निकलना चाहता है। कुत्ते ने दांतों और पंजे के साथ पिंजरे का ताला ही तोड़ दिया। अब सरिया फंसाकर पिंजरे को बंद किया गया है। 

पिटबुल की मालकिन ने कहा, पटना में हूं, अब फोन बंद है

नगर निगम के सीनियर वेटरनरी अफसर डॉ. हरबंस डल्ला के अनुसार बड़ी मुश्किल से कुत्ते के मालिक का फोन नंबर हासिल किया। मालिक ने फोन नहीं उठाया लेकिन उन्हें एक अन्य नंबर से एक महिला का फोन आया। उसने कहा कि वह कुत्ते की मालकिन है और जमालपुर में रहती हैं। अभी वह पटना में है और आने से पहले कुत्ते को नौकर के पास छोड़ आई थी। उसने कर्फ्यू के बाद कुत्तों को ले जाने की बात कही।

डॉ. हरबंस डल्ला ने कहा कि महिला उसने पटना का एड्रेस नहीं बताया और अब उसका नंबर बंद आ रहा है। उन्होंने कहा कि कुत्ते की आवभगत का खर्च उसके मालिक से वसूला जाएगा। वहीं अगर उसके मालिक या मालकिन ने निगम से संपर्क न किया तो पुलिस को शिकायत दी जाएगी। 

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