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पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बड़ी कार्रवाई, लुधियाना के दो यूनिट किए बंद; 9 इंडस्ट्रीज पर लगाया जुर्माना

साइंस टेक्नाेलजी एवं इन्वायरमेंट के प्रिंसिपल सचिव ने कहा कि पीपीसीबी को शिकायतें मिली थी कि कुछ कंपनियां पिकलिंग प्रोसेस के लिए सरफयूरिक एसिड का इस्तेमाल कर रही है। ऐसे में विभाग की टीमों द्वारा औचक निरीक्षण करने पर इसे सही पाया।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Thu, 29 Jul 2021 03:28 PM (IST)
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लुधियाना में नियमों का उलंघन करने वाले उद्याेगाें पर बड़ी कार्रवाई। (सांकेतिक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) ने वीरवार को लुधियाना में नियमों का उलंघन करने वाले उद्याेगाें पर बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने यह कार्रवाई साइंस, टेक्नाेलाॅजी एवं इन्वायरमेंट के प्रिंसिपल सचिव अनुराग वर्मा के निर्देशों पर की है। नियमों का पालन नहीं करने पर दो यूनिट्स रविंदरा एलाय इंडस्ट्री जसपाल बांगड़ और सौंद इंपेक्स फोकल प्वाइंट फेज-4 को बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही आठ यूनिटों पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

इनमें गणपति फास्टनर इंडस्ट्री एरिया सी, अशोका इंडस्ट्रीयल फास्टनर फेज-4, बांसल इंडस्ट्रीज फेज-2 फोकल प्वाइंट, अशोका इंडस्ट्रीयल फास्टनर फेज-4, अमरजीत स्टील दशमेश नगर, विष्णु वायर फेज-8, अशीष इंटरनेशनल फेज-6, अभय स्टील प्राइवेट लिमिटेड फेज-6 शामिल है। इन सभी यूनिट्स को नियमों की धज्जियां उड़ाने पर कार्रवाई की गई है।

पीपीसीबी को मिली थी शिकायतें

साइंस, टेक्नाेलजी एवं इन्वायरमेंट के प्रिंसिपल सचिव अनुराग वर्मा ने कहा कि पीपीसीबी को शिकायतें मिली थी कि कुछ कंपनियां पिकलिंग प्रोसेस के लिए सरफयूरिक एसिड का इस्तेमाल कर रही है। ऐसे में विभाग की टीमों द्वारा औचक निरीक्षण करने पर इसे सही पाया। इसके लिए संबंधित कंपनी की एक शोकाज नोटीस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा गया था। जांच के दौरान इन कंपनियों में कई तरह की अनियमताएं पाई गई। इन कंपनियों में इस्तेमाल किए जा रहे एसिड के सैंपल भी लिए गए हैं।

मापदंडों को दरकिनार करते हुए एसिड का किया इस्तेमाल

इन कंपनियों की ओर से बिना किसी अनुमति और मापदंडों को दरकिनार करते हुए एसिड का इस्तेमाल किया जा रहा है। जोकि पर्यावरण के लिए बेहद घातक है। उन्होंने कहा कि मीडियम स्केल यूनिट वल्लभ स्टील लिमिटेड नंदपुर विभाग के वैलिड कंसेट लिए बिना ही यूनिट चला रहा था। ऐसे में विभाग द्वारा यूनिट को 1.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही कई यूनिट्स ऐसे है, जिनमें बेहद छोटी खामियां पाई गई हैं, उन्हें सुधार के लिए मौका देने के साथ साथ अधिकारियों को दोबारा चेकिंग को कहा गया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण सरंक्षण को लेकर किसी तरह की कोताही नहीं बर्दाश्त की जाएगी।

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