Sanskarshala: प्रिंसिपल मानसी की सलाह, डिजिटल प्लेटफार्म के सुरक्षा पहलुओं के प्रति सचेत रहना जरूरी
Sanskarshala रायन इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल मानसी थापर ने लोगों को डिजिटल प्लेटफार्म के सुरक्षा पहलुओं के प्रति सचेत रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि आजकल ठग सक्रिय हैं तो ऐसे में जरा सी भी लापरवाही न बरतें।
जागरण संवाददाता, लुधियाना: आज डिजिटल प्लेटफार्म आधुनिकता का पर्याय बन चुका है, जिसने गांव-शहर और शिक्षित-अशिक्षित के अंतर को मिटा दिया है। आज समाज का कोई भी वर्ग ऐसा नहीं, जो इससे अछूता हो। वर्तमान समय में विकास और परिवर्तन की तीव्र गति से कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए सभी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से ही किए जाने को सरकार द्वारा मान्यता दी जा रही है।
डिजिटल प्लेटफार्म का प्रयोग करने वाले सभी लोगों को अपनी निजी जानकारी जैसे कि बैंक खाता संख्या, फोन नंबर, पैन नंबर इत्यादि नेट बैंकिंग से जोड़ने की आवश्यकता होती है। ऐसे में लोगों को इस जानकारी और पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म को प्रयोग करते समय सुरक्षा नियमों के प्रति सचेत और जागरूक रहने की आवश्यकता होती है। डिजिटली आर्थिक गतिविधियां संपन्न करना तो अति सरल है। किंतु इन्हें कार्यान्वित करने के लिए दी जाने वाली जानकारी का उपयोग कई बार डिजिटल /साइबर ठगों द्वारा कर लिया जाता है जो दूर बैठे हमारी जीवन भर की संपत्ति लूटने का प्रयास करते हैं।
डिजिटल प्लेटफार्म के उपभोक्ताओं को इसका प्रयोग करते समय निम्नलिखित बातों के प्रति सचेत और जागरूक रहना चाहिए। डिजिटल प्लेटफार्म पर आपके द्वारा प्रयोग किए जाने वाले पासवर्ड और कोड नंबर की जानकारी कभी भी किसी के साथ सांझी नहीं की जानी चाहिए। नेट बैंकिंग का प्रयोग करते समय बैंक सर्वर सिस्टम द्वारा भेजा गया ओटीपी किसी के भी साथ सांझा न करें। ठग नए-नए ढंग से आपसे पैसे लूटने का प्रयास करते हैं। ऐसे में शीघ्रता न करने की बजाय उसकी सत्यता की जांच पड़ताल करके ही उचित कदम उठाना चाहिए।
यह बात भी ध्यान रखने योग्य है कि बैंक अथवा अन्य कोई भी सरकारी संस्था किसी भी प्रकार की जानकारी देने अथवा लेने के लिए वाट्सएप संदेश माध्यम का प्रयोग नहीं करती। ठग कई प्रकार के प्रलोभन जैसे कि आप की लाटरी लगी है, आप लक्की विजेता है अथवा घर बैठे-बैठे पैसा कमाए इत्यादि कहकर आप को निजी जानकारी प्रदान करने के लिए कहते हैं। तो कभी भी ऐसी जानकारी किसी के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए।
एटीएम से पैसे निकालते समय अपना कार्ड किसी को न दें। साइबर ठग सहयोग के नाम पर आपके पासवर्ड की जानकारी प्राप्त कर बड़ी चतुराई से कार्ड बदलकर आपकी पूंजी निकाल लेते हैं। एटीएम का प्रयोग करते समय ध्यान रखें कि कोई अन्य व्यक्ति आपके कार्ड संबंधित जानकारी न देख सके। यदि कोई भी व्यक्ति उपरोक्त लिखित साइबर ठगी के किसी भी कारण का शिकार हो जाता है, तो उसे उससे संबंधित बैंक एवं पुलिस प्रशासन का सहयोग अवश्य लेना चाहिए। - मानसी थापर, प्रिंसिपल रायन इंटरनेशनल स्कूल जमालपुर।
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