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पीएम माेदी की सुरक्षा में चूक का मामलाः वीडियो में साफ दिख रहे प्रदर्शनकारी, पंजाब पुलिस 4 दिन बाद भी नहीं पहचान पाई

PM Modi security breach थाना कुलगढ़ी के प्रभारी बीरबल सिंह ने कहा अभी तक किसी प्रदर्शनकारी की पहचान नही हो सकी है। खास बात यह है कि काफिला रोकने की जिम्मेदारी लेने वाला शख्स सामने आने के बावजदू पुलिस कार्रवाई के मूड में नहीं दिख रही।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Sun, 09 Jan 2022 10:58 AM (IST)
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प्रदर्शनकारियों के वीडियो वायरल होने के चार दिन बाद भी पुलिस नहीं कर पाई पहचान। (जागरण)
संजय वर्मा/तरूण जैन, फिरोजपुर। PM Modi security breach प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फिरोजपुर दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में चूक के मामले में प्रदर्शनकारियों के वीडियो वायरल होने के चार दिन बाद भी पुलिस उनकी पहचान नहीं कर सकी है। पुलिस ने केवल 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने तक ही सीमित है। यही नहीं, इन लोगों के खिलाफ धारा 283 के तहत केस दर्ज कर उनको राहत भी दी है। जमानती धारा लगाने से जाहिर है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर फिरोजपुर पुलिस कितनी गंभीर है।

थाना कुलगढ़ी के प्रभारी बीरबल सिंह ने कहा अभी तक किसी प्रदर्शनकारी की पहचान नही हो सकी है। खास बात यह है कि काफिला रोकने की जिम्मेदारी लेने वाला शख्स सामने आने के बावजदू पुलिस कार्रवाई के मूड में नहीं दिख रही। गांव प्यारेआना के जिस पुल पर प्रधानमंत्री के काफिले को 20 मिनट तक रोका गया था, यह एरिया थाना कुलगढ़ी के अधिकार क्षेत्र में आता है।

हाईवे जाम करने वालों की वीडियोग्राफी करवा पुलिस दर्ज करती है केस

हाईवे जाम होता है तो पुलिस जाम लगाने वालों की वीडियोग्राफी करने के बाद नाम के साथ मामला दर्ज करती है, लेकिन प्रधानमंत्री के रास्ते में बाधा डालने वाले लोगों की पहचान से पंजाब पुलिस खुद पल्ला झाड़ रही है।

नोटिस के बाद किया था पर्चा

प्रधानमंत्री का काफिला रुकने के बाद गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को कारण बताओ नोटिस दिया तो अगले दिन वीरवार को पौने आठ बजे थाना कुलगढ़ी में 150 अज्ञात आरोपितों पर पर्चा दर्ज किया गया। थाना कुलगढ़ी के इंस्पेक्टर बीरबल सिंह की शिकायत पर दर्ज पर्चे में कहा गया कि वे डीएसपी (सीएडब्ल्यू) सुरिंदर बांसल के साथ ड्यूटी पर गए थे, जब थाने लौट रहे थे तो कृषि भवन रूट पर सूचना मिली कि फिरोजपुर से मोगा रोड पर प्यारेआना गांव के फ्लाईओवर पर अज्ञात लोगों ने धरना लगा दिया है, जिस कारण वहां से निकल रही आम पब्लिक, रैली में जाने वाले व्यक्ति और वीआइपी वाहनों के लिए रास्ता बंद हो गया है। सूचना मिलने पर दोपहर ढाई बजे से तीन बजे तक वो वहां रहे।

प्रदर्शनकारियों का खाका खंगाल रही एजेंसियां, राजनीतिक शह की आशंका

प्रधानमंत्री के काफिले को रोकने के मामले में सुरक्षा एजेंसियां उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं, जो मौके पर लोग भड़काऊ भाषण दे रहे थे। एजेंसियों की ओर से ऐसे लोगों का खाका तैयार करना शुरू कर दिया गया है। भाषण देने वालों से लेकर धरने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वालों पर भी सख्त नजर रखी जा रही है और उनकी हिस्ट्री खंगाली जा रही है। एजेंसियां इस पूरे मामले में विभिन्न थ्योरी पर काम कर रही हैं। न सिर्फ किसान संगठन बल्कि राजनीतिक साजिश के तहत भी रास्ता रोकने के तथ्यों से जांच की जा रही है।

पता चला है कि इस मामले में राजनीतिक शह भी बड़े स्तर पर काम कर रही थी। बेशक सुरक्षा एजेंसियां पूरी कार्रवाई को गोपनीयता के साथ अंजाम दे रही हैं, लेकिन प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर जिस तरह से सीमावर्ती जिले में चूक हुई है। इससे कई और बड़े स्तर के अधिकारियों पर गाज गिरना यकीनी माना जा रहा है।

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