Move to Jagran APP

Punjab Industry: लुधियाना की इंडस्ट्री काे बड़ा झटका, पावरकाॅम ने ठाेका 83 करोड़ रुपये जुर्माना; जानें कारण

उद्यमियों का तर्क है कि इन उद्योगों में कुछ हिस्से में जनरल कैटागिरी के अलावा इस्तेमाल किया जाता है जोकि इंडस्ट्री प्रोडक्शन का हिस्सा है। फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि इस मामले में सीधे जुर्माने होने की बजाए विभाग को वार्निंग देनी चाहिए थी।

By Vinay KumarEdited By: Updated: Mon, 29 Nov 2021 11:46 AM (IST)
Hero Image
लुधियाना की इंडस्ट्री को पीएसपीसीएल की ओर से एक बड़ा झटका दिया गया है।
लुधियाना [मुनीश शर्मा]। पंजाब की आर्थिक राजधानी लुधियाना की इंडस्ट्री को पावरकाम काे बड़ा झटका देते हुए 83 करोड़ रुपये के जुर्माने लगाए हैं। लुधियाना के 64 उद्योगों को अन आथोराइज्ड यूजड आफ इलेक्ट्रीसिटी के चलते जुर्माने लगाए गए हैं। यह कार्रवाई पिछले 15 दिनों में की गई है और इससे लुधियाना के कारखानों ने सरकार पर निशाना साधा है और कहा कि सरकार न तो पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली दे पा रही है और टू पार्ट टैरिफ से लेकर कई तरह से इंडस्ट्री पर भारी भरकम जुर्माने लगा रही है।

64 कंपनियों को जनरल लोड की बजाए कुछ हिस्से में इलेक्ट्रोप्लेटिंग, हीट ट्रीटमेंट, इंडक्शन हीटर चलाने पर कार्रवाई की गई है। इसके लिए पिछले 15 दिनों में चेकिंग कर बिजली का डबल टैरिफ रेट एक साल का जुर्माना लगाया गया है। ज्ञात हो कि पावर इंटेसिव लोड 18 पैसे महंगा है, लेकिन इसपर सबसिडी भी मिल जाती है। इसको लेकर एक साल पूर्व नोटिफिकेशन तो जारी किया गया है। लेकिन सारी इंडस्ट्री को इसकी जानकारी न होने के चलते उद्योगपतियों ने इसपर राहत दिए जाने की मांग की है।

उद्यमियों का तर्क है कि इन उद्योगों में कुछ हिस्से में जनरल कैटागिरी के अलावा इस्तेमाल किया जाता है, जोकि इंडस्ट्री प्रोडक्शन का हिस्सा है। फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि इस मामले में सीधे जुर्माने होने की बजाए विभाग को वार्निंग देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि शहर की कई नामी कंपनियों को लाखों रुपए के नोटिस भेजे गए हैं। इसको लेकर नोटिस एक साल पहले ही हुआ है। पब्लिक नोटिस दिया है, कंज्यूमर्स तक पहुंचाया नहीं गया। इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन में कई तरह के प्रोसेस की आवश्यकता पड़ती है। कहीं पर काम न रूके इसको लेकर कुछ हिस्से की बिजली इन कामों पर इस्तेमाल करने पर इतने बड़े जुर्माने डाले जाना उचित नहीं है।

लघु उद्योग भारती के प्रधान राजीव जैन ने कहा कि दो पार्ट टैरिफ खत्म होना चाहिए। इंडस्ट्री को बिजली के इस्तेमाल पर पैसे लेने चाहिए। न कि कई तरह से इंडस्ट्री को महंगी बिजली देनी चाहिए। यूसीपीएमए महासचिव मनजिंदर सिंह सचदेवा ने कहा कि इंडस्ट्री पर इतने भारी भरकम जुर्माने डाले जाना उचित नहीं है। इसको लेकर सरकार को पुन विचार करना चाहिए। पहले ही इंडस्ट्री कोविड के बाद संकट के दौर से गुजर रही है। इस तरह के फैंसलो से इंडस्ट्री राहत की बजाए परेशानी में होगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।