Move to Jagran APP

लुधियाना PAU के 60 साल पूरे, डायमंड जुबली मनाने की तैयारियां शुरू, देश को अनाज के क्षेत्र में बनाया आत्मनिर्भर

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना ने अपने 60 वर्ष पूरे कर लिए हैं। विश्वविद्यालय में डायमंड जुबली वर्ष मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। भारत में खेती बाड़ी खोज के लिए सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में इसका नाम आता है।

By DeepikaEdited By: Updated: Wed, 02 Nov 2022 11:39 AM (IST)
Hero Image
लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय। (जागरण फोटो)
आनलाइन डेस्क, लुधियाना। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय अपनी डायमंड जुबली वर्ष मनाने की तैयारियां कर रहा है। बता दें कि, साल 1962 में पीएयू की स्थापना हुई थी। वहीं 8 जुलाई, 1963 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरूने इसका रस्मी उद्घाटन किया था। पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोच थी कि भारत को अनाज की तरफ से स्वयं निर्भर बनाना है। उनकी इस सोच को पूरा करने में पीएयू ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। पीएयू भारत में दूसरा सबसे पुराना कृषि विश्वविद्यालय है, जिसकी ख्याति दूर-दूर तक है।

पीएयू ने अब तक फल, फूल, सब्जियां की हैं विकसित

देश को भुखमरी से निकालने के लिए इस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कमान संभाली थी। भारत में खेती बाड़ी खोज के लिए सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में इसका नाम आता है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने देश को अनाज के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाया है। पीएयू ने अब तक फल, फूल, सब्जियां विकसित की हैं। पीएयू द्वारा लगातार कृषि का विकास किया जा रहा है। इसके साथ ही पीएयू प्रबंधन घटते भूजल स्तर को रोकने के लिए भी काम कर रहा है।

वीसी डा. गोसल ने अध्यापकों के साथ की मीटिंग

यूनिवर्सिटी में अध्यापन, खोज व प्रसार सेवाओं के जरिए किसान भाईचारे के लिए छह दशकों की सेवा को समर्पित कार्यों का अध्ययन और भविष्य की योजनाएं बनाने के लिए सारा साल कार्यक्रम हाेंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए वीसी डा. गोसल ने अध्यापकों के साथ मीटिंग की। उन्होंने कहा कि पिछले 60 सालों के दौरान यूनिवर्सिटी का नाम हरित क्रांति के साथ जुड़ गया है। यहां के छात्रों और वैज्ञानिकों ने पूरे विश्व में नाम कमाया है।

वहीं पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में स्थित अजायब घर नई पीढ़ी को महान विरासत और संस्कृति से जोड़े रखने का काम कर रहा है। इसका नींव पत्थर एक मार्च 1971 को रखा गया था। इस अजायब घर में ऐतिहासिक व दुर्लभ सिक्के, कलाकृतियां, कृषि औजार, पंजाब के पारंपरिक पहरावे, पशुओं के सजावटी सामान, मिट्टी व लकड़ी के घड़े, किसानों द्वारा पहने जाने वाले ट्रेडिशनल कोट सहित हड़प्पा संस्कृति से संबंधित अनमोल धरोहर हैं।

यह भी पढ़ेंः- Punjab Weather Update: लुधियाना सहित कई शहराें में 5 नवंबर तक मौसम रहेगा साफ, जानिए IMD का अलर्ट

यह भी पढ़ेंः- लुधियाना PAU ने पराली प्रबंधन का ढूंढा नया तरीका, सब्जियों के लिए बनाया नर्सरी प्लांटर; इनके लिए होगा फायदेमंद

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।