Punjab Election 2022: पटियाला की समाना सीट में कांटे की टक्कर, एक गांव से चुनाव मैदान में 3 उम्मीदवार
Punjab Election 2022 पटियाला का एक छोटा सा गांव अलग तरह के मुकाबले के लिए चर्चा में है। विधानसभा हलका समाना के गांव जोड़ेमाजरा से तीन पार्टियों ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। 1400 की आबादी वाले इस गांव में 900 मतदाता हैं।
By Vipin KumarEdited By: Updated: Sun, 30 Jan 2022 10:29 AM (IST)
हरदयाल सिंह नागी, समाना, (पटियाला)। Punjab Election 2022: पंजाब के विधानसभा चुनाव में इस बार कई रोचक मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। कहीं रिश्तेदार आमने-सामने हैं, तो कहीं अपनी ही पार्टी के नेता चुनौती दे रहे हैं। इस सबके बीच पटियाला का एक छोटा सा गांव अलग तरह के मुकाबले के लिए चर्चा में है। विधानसभा हलका समाना के गांव जोड़ेमाजरा से तीन पार्टियों ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। 1400 की आबादी वाले इस गांव में 900 मतदाता हैं। यहां से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में हरिंदरपाल सिंह हैरीमान, चेतन सिंह और रछपाल सिंह शामिल हैं।
गांववासियों को उम्मीद, दूर होंगी समस्याएं इस गांव का राजनीति से कोई पुराना संबंध नहीं रहा है। न ही इस गांव ने कोई बड़ा नेता दिया है, लेकिन इस बार तीन उम्मीदवारों के कारण यह चर्चा में आ गया है। गांव के लोगों का कहना है कि उन्हें खुशी है कि चुनाव के बहाने ही सही, उनका गांव राजनीतिक दलों की नजर में आया है। गांव के लोगों साजन व कुलदीप सिंह ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि अब गांव और हलके की प्रमुख समस्याएं दूर हो सकेंगी।
कांग्रेस : हरिंदरपाल सिंह हैरीमान को कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, हैरीमान पिछले चुनाव में हार गए थे। पार्टी ने उन पर फिर से भरोसा जताया है। इससे पहले हैरीमान ने वर्ष 2002 में समाना से निर्दलीय उम्मीदवार लड़ा था। तब भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वे फिर किस्मत आजमा रहे हैं। वह गांव के सरपंच रह चुके हैं। हैरीमान कहते हैं कि पार्टी अपने विकास के माडल पर चुनाव लड़ रही है। वह इसी माडल को गांव स्तर तक पहुंचाएंगे।
संयुक्त मोर्चा : ये छपाल सिंह हैं। इन्हें गुरनाम सिंह चढ़ूनी की संयुक्त संघर्ष पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। किसान नेता चढ़ूनी की पार्टी राज्य की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। रछपाल सिंह ने वर्ष 1983 से किसान यूनियन से अपनी सामाजिक व राजनीतिक गतिविधियां शुरू की थीं। इस दौरान उन्होंने किसानों की ओर से चंडीगढ़ में लगाए गए धरने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1990 में युवा कांग्रेस के लिए काम किया। उनके कामकाज को देख पार्टी ने उन्हें युवा कांग्रेस का जिला अध्यक्ष भी नियुक्त किया। वह पार्टी के अलग-अलग पदों पर रहे। उनका कहना है कि किसान आंदोलन भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन अभी कई ऐसे मुद्दे हैं, जो हल नहीं हुए हैं, इसलिए सक्रिय राजनीति में आना जरूरी है।
आम आदमी पार्टी: चेतन सिंह पर आम आदमी पार्टी ने दांव खेला है। वह संयुक्त मोर्चा के प्रत्याशी रछपाल सिंह के ही नजदीकी रिश्तेदार हैं। चेतन सिंह का कहना है कि दिल्ली में अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए आंदोलन में केजरीवाल से प्रभावित होकर वह आप से जुड़े थे। वह शुरू से ही भ्रष्टाचार मुक्त पंजाब के लिए काम कर रहे हैं। अब आप ने उन्हें मौका दिया है, तो वह यह सीट जीतने का प्रयास करेंगे।
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