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Jagran Impact: बठिंडा की नसीब काैर का जागा 'नसीब', एमबीबीएस में ले सकेंगी दाखिला; पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगी चन्नी सरकार

Jagran Impact मेरिटोरियस स्कूल की बॉयोलॉजी की लेक्चरर व नसीब कौर की क्लास इंचार्ज रही जपनीत कौर ने बताया कि उनको सीएमओ से अतिरिक्त प्रिंसिपल सचिव शौकत अहमद पैरी का फोन आया था कि पंजाब सरकार नसीब कौर का पूरा खर्च उठाएगी।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Sun, 28 Nov 2021 09:15 AM (IST)
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अतिरिक्त प्रिंसिपल सचिव ने फोन करके क्लास इंचार्ज को किया सूचित-अब एमबीबीएस में दाखिला ले पाएगी नसीब
जागरण संवाददाता, बठिंडा। आखिर नसीब कौर के 'नसीब' खुल ही गए। अब वह एमबीबीएस में दाखिला ले पाएगी। अतिरिक्त प्रिंसिपल सचिव टू सीएम ने नसीब कौर की क्लास इंचार्ज जपनीत कौर को फोन करके सूचित किया है। दैनिक जागरण द्वारा नसीब कौर के पिता की मौत हो जाने के कारण नीट क्लीयर होने के बावयूद एमबीबीएस में दाखिला नहीं ले पाने का मामला प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद पंजाब सरकार हरकत में आई और उन्होंने नसीब कौर की एमबीबीएस की पूरी पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया है।

मेरिटोरियस स्कूल की बॉयोलॉजी की लेक्चरर व नसीब कौर की क्लास इंचार्ज रही जपनीत कौर ने बताया कि उनको सीएमओ से अतिरिक्त प्रिंसिपल सचिव शौकत अहमद पैरी का फोन आया था। उन्होंने पूछा कि उन्होंने 'दैनिक जागरण' में खबर पढ़ी थी। क्या नसीब कौर को सीट अलाट हो गई है। तो जपनीत कौर ने बताया कि अभी तक सीट अलाट नहीं हुई है। इसके बाद शौक्त अहमद पैरी ने कहा कि उनको सीट अलाट कराओ। बाकी आप चिंता न करें। पंजाब की चन्नी सरकार नसीब कौर का पूरा खर्च उठाएगी।

लेक्चरर जपनीत कौर ने कहा-'थैंक्यू जागरण'

लेक्चरर जपनीत कौर ने दैनिक जागरण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 'दैनिक जागरण' के कारण नसीब कौर के 'नसीब' खुले हैं। जबकि वे अपने स्तर पर पत्राचार के जरिए काफी समय से कोशिश कर रही थी। लेकिन सरकार की ओर से कोई जबाव नहीं आ रहा था। अब सीएमओ से अतिरिक्त प्रमुख सचिव की कॉल आ गई है और उन्होंने खर्च उठाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण अगर नसीब कौर का मामला नहीं उठाता तो जरूरतमंद व होनहार छात्रा की एमबीबीएस में एडमिशन नहीं हो पानी थी।

डाक्टर भी आए आगे

दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के बाद बठिंडा के कई डाक्टर आगे आए हैं। बठिंडा आईएमए के प्रधान व छाबड़ा अस्पताल के मालिक डा.विकास छाबड़ा ने कहा कि होनहार बच्ची को सरकार की रहमदिली पर नहीं छोड़ा जा सकता। अगर सरकार कुछ नहीं कर रही तो मैं पहले एक साल का खर्च दो लाख रुपये उठाने को तैयार हूं। जबकि नागपाल अस्पताल की आइवीएफ माहिर डा.रुपिंदर कौर ने भी अपना सरोकार दिखाया है। उन्होंने कहा कि वह और उनके सर्कल की कई डाक्टर्स ने नसीब कौर की मदद करने का फैसला किया है। नसीब की पढ़ाई में अड़चन नहीं आनी चाहिए,उनकी हर प्रकार की मदद हम करने को तैयार हैं।

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