Punjab: पुलिस की मौजूदगी में किसानों ने लाडोवाल टोल प्लाजा पर किया 'कब्जा', बिना टैक्स दिए गुजरे वाहन
किसान मांग कर रहे थे कि राहो रोड की हालत बहुत खस्ताहाल है। सड़क के नाम पर बड़े गड्ढे और धूल है। सड़क की बदतर स्थिति होने की वजह से आए दिन दो पहिया वाहन चालकों को चोटें आती हैं। यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह ने कहा कि इस सड़क की खराब हालत की वजह से रात में दुर्घटना होने पर कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
जागरण संवादाता, लुधियाना। भारतीय किसान यूनियन चडूनी पंजाब ने रविवार को लाडोवाल टोल प्लाजा पर करीब पांच घंटे तक धरना दिया। इसकी वजह से वाहन चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि शाम पांच बजे एडीसी जनरल के साथ हुई बैठक के बाद किसानों ने धरना हटा लिया। किसान करीब साढ़े दस बजे लाडोवाल टोल प्लाजा पर पहुंच गए थे।
तीन सौ से अधिक किसान टोल प्लाजा को घेर कर सड़क के बीचोबीच बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लग गए। किसानों के धरने की वजह से दो पहिया व चार पहिया वाहन चालकों को आगे जाने में दिक्कतें आई। किसानों की भीड़ की वजह से वाहनों को रेंगते हुए निकलना पड़ा और जाम लग गया।
इसके बाद दोपहर बारह बजे से किसानों ने वाहन चालकों के टोल प्लाजा फ्री करवा दिया। हालांकि इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस मुलाजिम भी मौजूद थे। लेकिन किसी ने भी किसानों को समझाने की कोशिश नहीं की।
धरने पर बैठे किसान मांग कर रहे थे कि राहो रोड की हालत बहुत खस्ताहाल है। सड़क के नाम पर बड़े गड्ढे और धूल है। सड़क की बदतर स्थिति होने की वजह से आए दिन दो पहिया वाहन चालकों को चोटें आती हैं। यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह ने कहा कि इस सड़क की खराब हालत की वजह से रात में दुर्घटना होने पर कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
यह सड़क पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आती है। पिछले सात सालों से सड़क बनाने को लेकर कई गांवों के लोग विभाग के दफ्तर में चक्कर काट रहे हैं। सड़क बनाने के लिए फंड भी आ चुका हैं। इसके बाद भी विभागीय अधिकारी जानबूझकर सड़क नहीं बना रहे।
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हमारी मांग है कि राहो रोड को पक्का किया जाए। इस रोड की खस्ताहाल की वजह से जिन लोगों की दुर्घटना के चलते मौत हुई है, उन्हें मुआवजा दिया जाए। साल 2016 से अब तक करीब 14 लोगों ने दम तोड़ा है। इसके साथ ही सभी फसलों पर एमएसपी व बाढ़ से प्रभावित हुई फसलों के मुआवजा देने की भी मांग है।
एडीसी ने हमें आश्वासन दिलाया है कि राहो रोड को बनाने की प्रमुख मांग को एक महीने के भीतर पूरा कर दिया जाएगा। एक नवंबर को टेंडर खुलने और फिर सड़क बनाने का काम शुरू करने की बात कही है। दूसरी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया गया है।
इसी के चलते टोल प्लाजा से धरना हटाया गया है। अगर एक महीने के भीतर राहों रोड की सड़क नहीं बनाई गई, तो दोबारा से टोल प्लाजा पर धरना देंगे और फिर अनिश्चितकाल के लिए टोल प्लाजा फ्री कर दिया जाएगा।