Punjab News: तीन कानूनों को लागू करने के लिए सामने आ सकता है वित्तीय संकट, पंजाब सरकार ने केंद्र से मांगी मदद
तीन नए आपराधिक कानून को लेकर पंजाब सरकार ने वित्तीय सहायता के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। नए कानूनों में प्राथमिकी दर्ज होने से लेकर चालान पेश करने से जुड़े सभी काम ऑनलाइन होने हैं। ऐसे में इन्हें अमल में लाने के लिए सरकार ने केंद्र से सहायता मांगी है। प्रदेश में कैमिकल लैब बनाने जैसे कार्य भी लंबित हैं।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। केंद्र सरकार की ओर से पारित तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता ,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को सही ढंग से लागू करने के लिए वित्तीय संकट आड़े आ सकता है। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को लिखा है कि उन्हें वित्तीय सहायता दी जाए।
चूंकि नए कानूनों में एफआईआर दर्ज होने से लेकर चालान पेश करने से जुड़े सभी काम ऑनलाइन होने हैं और इसके लिए अवधि भी तय की गई है। ऐसे में इन्फ्रास्ट्रक्चर के अभाव में इनको समय पर लागू करना मुश्किल होगा।
मसलन इस समय कत्ल, जहरीली चीज खाकर आत्महत्या, ड्रग्स की ओवरडोज के कारण मौत व अन्य उन केसों में जहां कैमिकल शामिल है की जांच के लिए मात्र एक ही लैब है जो खरड़ में बनी हुई है।
जहरीली चीज खाने या किसी अन्य कारणों से हुई मौतों के बाद कैमिकल लैब में आने वाले बिसरे के कई केस लंबित होने के कारण इसकी समय पर रिपोर्ट देनी संभव नहीं है।
कैमिकल लैब बनाने की भी है जरूरत
गृह विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने माना कि पंजाब में कम से कम एक कैमिकल लैब और बनाने की जरूरत है ताकि केसों का सही ढंग से निपटारा किया जा सके।इसी तरह अन्य मामलों जहां फोरेंसिंक लैब की जरूरत है वहां पर काम शुरू किया गया है और कुछ अन्य जिलों में भी लैब बनाई जा रही हैं जिसके लिए वित्तीय सहायता की जरूरत है।फिलहाल पंजाब सरकार ने अपनी ओर से 15 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं, अधिक राशि के लिए केंद्र सरकार को लिखा गया है।
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