Punjab News: 'शिवसेना नेता पर हमले की जांच की खुद कर रहा हूं निगरानी', राज्यपाल पुरोहित ने न्याय का दिया आश्वासन
पंजाब के लुधियाना में शिवसेना नेता संदीप थापर गोरा पर 5 जुलाई को सिविल अस्पताल के बाहर कातिलाना हमला किया गया। इस हमले को लेकर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा है कि यह काफी गंभीर मामला है। शिवसेना नेता पर हुए जानलेवा हमले को लेकर राज्य में राजनीति काफी गरमा गई है। सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित शिवसेना नेता संदीप थापर पर हुए जानलेवा हमले को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि हमले की जांच की मैं खुद निगरानी कर रहा हूं। पुलिस से पल-पल की जानकारी ली जा रही है। आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। शुक्रवार सुबह तीन निहंगों ने 58 वर्षीय संदीप थापर पर तलवारों से हमला कर लहूलुहान कर दिया और उनकी एक्टिवा लेकर फरार हो गए थे।
पुलिस ने दो हमलावरों को श्री फतेहगढ़ साहिब से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन तीसरा आरोपित पकड़ में नहीं आया। राज्यपाल पुरोहित रविवार को यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। राज्यपाल ने संदीप थापर का इलाज कर रहे दयानंद मेडिकल कॉलेज (डीएमसी) के डॉक्टरों, पुलिस कमिश्नर कुलदीप चाहल और डीसी साक्षी साहनी से केस की जानकारी ली। कहा कि डॉक्टरों ने बताया है कि संदीप थापर स्वस्थ हो रहे हैं। 10 दिन के भीतर उनको छुट्टी मिल जाएगी। इस मामले में गनमैन की भूमिका की जांच की जा रही है, उस पर कार्रवाई भी होगी।
राज्यपाल ने हत्या की जताई आशंका
राज्यपाल ने कहा कि जिस तरह से संदीप थापर पर हमला किया गया है, उससे ऐसा लगता है कि आरोपित उनकी हत्या करना चाहते थे, लेकिन वह किसी तरह बच गए। हमले की कड़ी निंदा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पंजाब के लोग सौहार्दपूर्ण माहौल में रहना चाहते हैं लेकिन कुछ असामाजिक तत्व माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।राज्यपाल ने नशे को बताया बड़ा कारण
उन्होंने पुलिस कमिश्नर कुलदीप चाहल से फरार हमलावर को जल्द गिरफ्तार कर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा। राज्यपाल ने कहा कि पंजाब में नशे की समस्या बनी हुई है और इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। थापर पर हमले की अभी तक की जांच में भी यह बात सामने आई है कि हमलावर नशा करने के आदी हैं। यह पहला मौका नहीं है जब राज्यपाल पुरोहित ने राज्य में बढ़ रहे अपराध पर खुलकर बात कही है।
इससे पहले भी वह राज्य में बढ़ते नशे के खिलाफ अपने स्तर पर पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती राज्यों में मुहिम चला चुके हैं। कई मामलों में राज्य सरकार और राज्यपाल आमने-सामने तक आ चुके हैं। विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट तक का सहारा लेना पड़ा था।
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