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Punjab Weather News: झमाझम बारिश के साथ प्रदेश से विदा होगा मानसून, बढ़ सकती है किसानों की मुश्किलें

पंजाब में मानसून की वापसी 25 सितंबर के बाद होगी। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक बारिश की संभावना नहीं है। इसके बाद मानसून सक्रिय होने से कई जिलों में सामान्य से मध्यम वर्षा हो सकती है। इस बार मानसून की विदाई में देरी हो रही है। हालांकि सितंबर के आखिर में बारिश धान की फसल के लिए ठीक नहीं है।

By Asha Rani Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 22 Sep 2024 08:30 AM (IST)
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बारिश धान की फसल के लिए ठीक नहीं है बारिश (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब में पिछले दस दिनों से मानसून कमजोर चल रहा हैं। 24 सितंबर तक यही स्थिति बनी रहेगी। 25 सितंबर के बाद से मानसून दोबारा से सक्रिय होगा और पंजाब से विदा होने से पहले झमाझम बरसेगा। मौसम केंद्र चंडीगढ़ ने यह पूर्वानुमान जारी किया है।

विभाग के डायरेक्टर डॉ. सुरिंदरपाल के अनुसार अभी मानसून कमजोर चल रहा है। जिसके चलते अगले तीन दिन पंजाब में वर्षा होने की संभावना नहीं है लेकिन इसके बाद मानसून सक्रिय होने से कई जिलों में सामान्य से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

इस बार देरी से होगी मानसून की विदाई

इस बार भी मानसून की विदाई देरी से हो रही हैं। सितंबर के अंत तक मानसून पंजाब में रहेगा। पिछले कुछ सालों से जून से सितंबर तक मानसून रह रहा है। बीच में एक दो साल मानसून सितंबर के तीसरे सप्ताह से पहले ही लौट गया।

इस साल पंजाब में मानसून सीजन के दौरान सामान्य के नजदीक या थोड़ा कम वर्षा होने की संभावना हैं। अभी तक मानसून सीजन के दौरान पंजाब में 308.1 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर 419.2 मिलीमीटर वर्षा होती है।

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धान की फसल के लिए ठीक नहीं है बारिश

फरीदकोट को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सामान्य से कम वर्षा ही हुई है। उधर दूसरी तरफ कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक सितंबर के आखिर में वर्षा धान की फसल के लिए ठीक नहीं है। पीएयू के धान की फसलों के विशेषज्ञ डॉ. बूटा सिंह के मुताबिक 25 सितंबर के बाद धान की फसल दाना भरने की स्थिति में होगी।

15 जून से पहले लगाई गई अगेती धान या कम समय व कम पानी में तैयार होने वाली धान पकने के कगार पर होगी। ऐसे में अगर तेज हवाओं के बीच वर्षा होती है, तो इससे धान की फसल में दाने के दागी होने की संभावना रहती है। तेज हवा चलेगी, तो ज्यादा नुकसान होगा। इस तरह की स्थिति पैदा न हो, इसके लिए यही है कि वर्षा न हो।

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