Punjab Weather Updates: पंजाब में मौसम ने फिर बदली करवट, सामान्य से 62 प्रतिशत कम हुई बारिश; जानिए पूरा अपडेट
Punjab Weather Updates पंजाब में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है। अगस्त माह में सामान्य से 62 प्रतिशत बारिश कम हुई है। इसके अलावा 13 जिले पीले निशान में हैं यहां पर सामान्य से काफी कम वर्षा रिकार्ड की गई है। जबकि 8 जिले फतेहगढ़ साहिब गुरदासपुर होशियारपुर जालंधर कपूरथला लुधियाना रोपड़ एवं एसबीएस नगर लाल निशान में है।
लुधियाना, राजीव शर्मा। मानसून सीजन के तीसरे माह अगस्त के दौरान पंजाब में सामान्य से 62 प्रतिशत कम वर्षा रिकार्ड की गई। सूबे में अगस्त माह के दौरान सामान्यत 146.3 मिलीमीटर वर्षा होती है, जबकि इस सीजन के दौरान अगस्त में केवल 55.3 प्रतिशत वर्षा रिकार्ड की गई। पूरे पंजाब में सिर्फ पठानकोट ही हरे निशान में है, जबकि फरीदकोट सफेद निशान में।
सामान्य से काफी कम वर्षा रिकार्ड
इसके अलावा 13 जिले पीले निशान में हैं, यहां पर सामान्य से काफी कम वर्षा रिकार्ड की गई है। जबकि 8 जिले फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, रोपड़ एवं एसबीएस नगर लाल निशान में है। इन जिलों में भी सामान्य से कम वर्षा हुई है। बावजूद इसके सूबे के कुछ जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराता रहा, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में हुई वर्षा के कारण डेम लबालब भरे रहे और उनमें से निरंतर पानी छोड़ा जाता रहा।
सूबे के लोगों की धड़कनें बढ़ी
इस वजह से अगस्त माह में सूबे के लोगों की धड़कनें बढ़ी रहीं। अब मौसम साफ होने लगा है और फिलहाल बाढ़ का खतरा भी टल रहा है, ऐसे में लोग भी राहत की सांस ले रहे हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1901 से लेकर वर्ष 2023 तक के वर्षों के दौरान पंजाब में अगस्त माह की सबसे सबसे अधिक वर्षा अगस्त 1908 में 399.1 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई थी।
अवधि के दौरान सबसे कम वर्षा अगस्त में हुई
जबकि इसी अवधि के दौरान सबसे कम वर्षा अगस्त 1993 में महज 17.4 मिलीमीटर रिकार्ड की गई। चालू सीजन के दौरान हालत यह रही कि सूबे के फरीदकोट जिले में अगस्त माह के दौरान एक बूंद भी पानी नहीं बरसा, वहां पर सामान्यत 87.7 मिलीमीटर वर्षा होती है, जबकि इस सीजन में फरीदकोट में वर्षा का आंकड़ा जीरो रहा। जबकि सूबे में सबसे अधिक वर्षा पठानकोट में 336.1 मिलीमीटर रिकार्ड की गई, लेकिन वह भी सामान्य 375.2 के मुकाबले दस प्रतिशत कम रही।
कहां कितनी बारिश हुई
इसके अलावा अमृतसर में सामान्य 162.4 मिलीमीटर के मुकाबले 66 प्रतिशत कमी के साथ सिर्फ 55.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। इसी तरह बरनाला में 124.6 मिलीमीटर के मुकाबले केवल पांच मिलीमीटर, बठिंडा में 94.7 के मुकाबले केवल 18.8 मिलीमीटर, फाजिल्का में 68.1 मिलीमीटर के मुकाबले 0.1 मिलीमीटर, फिरोजपुर में 74.5 मिलीमीटर के मुकाबले 17.9 मिलीमीटर हुई।
वहीं मानसा में 91.2 मिलीमीटर के मुकाबले 6.4 मिलीमीटर, मोगा में 104.4 मिलीमीटर के मुकाबले 4 मिलीमीटर, मुक्तसर में 90.7 मिलीमीटर के मुकाबले 9.2 मिलीमीटर, पटियाला में 176.8 मिलीमीटर के मुकाबले 48.2 मिलीमीटर, संगरूर में 131.9 मिलीमीटर के मुकाबले 13.4 मिलीमीटर, मोहाली में 201.7 मिलीमीटर के मुकाबले 43.3 मिलीमीटर, तरनतारन में 87.1 मिलीमीटर के मुकाबले 26.3 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई।
पंजाब के प्रमुख शहरों में बारिश कितनी बारिश की गई दर्ज
पंजाब के प्रमुख शहरों अमृतसर, पटियाला एवं लुधियाना में भी सामान्य से कम वर्षा अगस्त माह में रिकार्ड की गई। इससे पहले सूबे में वर्ष 2017 में सामान्य से अधिक वर्षा 217.1 मिलीमीटर रिकार्ड की गई थी। इसके बाद से अगस्त माह के दौरान लगातार वर्षा सामान्य का आंकड़ा भी नहीं छू पा रही है। यदि तापमान की बात की जाए तो अगस्त माह के दौरान वर्ष 2023 में लुधियाना का अधिकतम औसतन तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
कहां कितना रहा तापमान
जबकि इससे पहले अधिकतम तापमान वर्ष 1884 में 44.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। इसी तरह अमृतसर में अधिकतम तापमान अगस्त 2023 में औसतन 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि सबसे अधिक तापमान वर्ष 1964 में 40.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। इसी तरह पटियाला का अधिकतम औसतन तापमान अगस्त में 34.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि सबसे अधिक 42.7 डिग्री सेल्सियस 1954 में रहा था।
लुधियाना में अगस्त 2023 माह के दौरान औसतन न्यूनतम तापमान 26.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जबकि इससे पहले न्यूनतम तापमान वर्ष 1997 में 18 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। इसी तरह अमृतसर का न्यूनतम औसतन तापमान 24.7 डिग्री और सबसे अधिक न्यूनतम तापमान वर्ष 2004 में 18.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
इसी तरह पटियाला का न्यूनतम तापमान अगस्त 2023 में औसतन 27.1 डिग्री रहा। जबकि इससे पहले न्यूनतम तापमान 1994 में 20.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। मौसम विभाग के माहिरों का मानना है कि सितंबर माह के दौरान भी सूबे में मानसून की आंख मिचौली जारी रहेगी।