सिरसा डेरे में दिलजोड़ माला से होती शादियों पर सवालिया निशान, बठिंडा में व्यक्ति के गले पड़ी युवती, बता रही पत्नी
बठिंडा की सिविल अदालत में एक व्यक्ति ने दिलजोड़ माला को लेकर दायर किए केस में बताया है कि डेरा सिरसा में एक युवती ने उसके गले में दलजोड़ माला डाली थी लेकिन उन्होंने शादी नहीं की। अब युवती खुद को उसकी पत्नी बता रही है।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Fri, 20 May 2022 07:59 AM (IST)
जागरण संवाददाता, बठिंडा। डेरा सिरसा में दिलजोड़ माला डाल होने वाले शादियों पर अब सवालिया निशान लग गया है। बठिंडा शहर की सिविल अदालत में एक व्यक्ति ने दिलजोड़ माला को लेकर दायर किए केस में बताया है कि डेरा सिरसा में एक युवती ने उसके गले में दलजोड़ माला डाली थी, लेकिन उन्होंने शादी नहीं की। अब युवती खुद को उसकी पत्नी बता रही है। बठिंडा की सिविल अदालत में दायर एक केस में अदालत ने डेरा सिरसा को दो अगस्त के लिए सम्मन जारी किया हैं।
मामले की जानकारी देते हुए एडवोकेट रणबीर सिंह बराड़ व एडवोकेट रणधीर ¨सह सिद्धू ने बताया कि उनके क्लाइंट ने डेरा सिरसा में दिलजोड़ माला के जरिये हो रही शादियों की हिंदू मैरिज एक्ट के तहत मान्यता को लेकर केस दायर किया था। उन्होंने एक युवती के गले में दिलजोड़ माला जरूर डाली है लेकिन उन्होंने शादी नहीं की। इस मामले में एक युवती को पार्टी बनाया गया है जो खुद को उनकी पत्नी बता रही है व दिलजोड़ माला के जरिये शादी हुई बता रही है।
इस मामले में डेरा सिरसा से भी पूछा गया है कि डेरे में आनंद कारज करवाए जाते हैं या वहां पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप या फिर कोई हिंदू धार्मिक ग्रंथ मौजूद था या नहीं। इस मामले में मैरिज रजिस्ट्रार कम डीसी बठिंडा को भी पार्टी बना कर पूछा गया है कि क्या हिंदू मैरिज एक्ट के तहत दिलजोड़ माला की रस्म को मान्यता देते हैं या नहीं। इस केस से डेरा सिरसा में हुई शादियों पर सवालिया निशान लग गया है। अब इस केस के आदेश पर भी निर्भर करेगा कि दिलजोड़ माला से हुई शादियों को कानूनी मान्यता है या नहीं।
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