सच के साथी सीनियर्स: रोहतक और लुधियाना के लोगों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचने की ट्रेनिंग दी
जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग Viswas News ने आज यानी 28 फरवरी हरियाणा के रोहतक और पंजाब के लुधियाना के लोगों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया। इस बीच विश्वास न्यूज के मीडिया साक्षरता अभियान सच के साथी सीनियर्स के अंतर्गत इस कार्यशाला को आयोजित किया गया। कार्यशाला में डिजिटल सेफ्टी के लिए जरूरी कदम उठाने जैसी भी जानकारियां भी प्राप्त कराई।
रोहतक/लुधियाना। जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने 28 फरवरी को हरियाणा के रोहतक और पंजाब के लुधियाना के लोगों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया। विश्वास न्यूज के मीडिया साक्षरता अभियान 'सच के साथी सीनियर्स' के तहत इस कार्यशाला को आयोजित किया गया। विशेष तौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित इस वेबिनार में विश्वास न्यूज के एक्सपर्ट्स ने लोगों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के साथ ही फैक्ट चेकिंग की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी।
पंजाब के लुधियाना के लोगों को दिया प्रशिक्षण
विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर पल्लवी मिश्रा ने कार्यक्रम में स्वस्थ सूचनाओं की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सूचनाएं हमारे दिमाग पर असर असर डालती हैं, इसलिए मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ सूचनाएं जरूरी होती हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम सूचनाओं के सोर्स तक पहुंचें और उसकी जांच करने के बाद ही उसे फॉरवर्ड करें। ऐसा करके हम जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य भी निभा सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने डिजिटल सेफ्टी के लिए आवश्यक कदम की जानकारी भी दी।
कार्यशाला में डिप्टी एडिटर देविका मेहता ने लोगों को डीपफेक के खतरे के बारे में आगाह करते हुए कहा कि किसी का चेहरा या आवाज बदलकर इस तरह के वीडियो को बनाया जाता है। इन वीडियो को बारीकी से देखने पर पहचाना जा सकता है। साथ ही उन्होंने गूगल लेंस और कीवर्ड की सहायता से संदिग्ध सूचनाओं की पड़ताल करने के बारे में भी ट्रेनिंग दी। अंत में देविका ने सभी से जागरूक मतदाता बनने की अपील भी की।
रोहतक के लोगों को भी दी ट्रेनिंग
लुधियाना की तरह ही फैक्ट चेकर्स ने हरियाणा के रोहतक के लोगों को भी ऑनलाइन ट्रेनिंग दी। कार्यक्रम में चीफ सब एडिटर उमम नूर ने प्रतिभागियों को डिजिटल सेफ्टी के बारे में बताते हुए कहा कि किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक पर नहीं करना चाहिए। अक्सर लुभावने मैसेज के साथ फिशिंग लिंक वायरल होते हैं। इनकी जांच करना चाहिए और दूसरों को भी इसके प्रति सजग करना चाहिए।इस तरह के लिंक पर क्लिक करने से आपका डेटा साइबर ठग के पास चला जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स या अन्य अकाउंट्स का पासवर्ड अलग और मजबूत होना चाहिए। किसी के साथ भी पासवर्ड या ओटीपी साझा नहीं करना चाहिए।इस दौरान सीनियर सब एडिटर ज्योति कुमारी ने डीपफेक वीडियो पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एआई टूल्स की मदद से बनाए गए ऐसे वीडियो को चेहरे के हावभाव या बोलने के तरीके को देखकर पता लगाया जा सकता है। जैसे- वीडियो में दिख रहे शख्स के होंठ उसके शब्दों के अनुसार, नहीं हिल रहे होंगे या उसके चेहरे की बनावट अजीब हो सकती है। अभी हाल में ही वायरल हुआ सचिन तेंदुलकर का डीपफेक वीडियो इसका उदाहरण है। ज्योति ने प्रतिभागियों को फैक्ट चेकिंग टूल्स की मदद से संदिग्ध सूचनाओं की पड़ताल करना भी सिखाया।
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