Ludhiana News: रेत-बजरी की किल्लत से बढ़े दाम, एलिवेटेड रोड निर्माण की रफ्तार 70 % तक धीमी
Ludhiana News लुधियाना में रेत-बजरी की किल्लत से विकास के काम प्रभावित हाे रहे हैं। इसके चलते दाम आसमान को छूने लगे है। एनएचआइ की तरफ से बनाए जा रहे एलिवेटेड रोड के काम की रफ्तार 70 प्रतिशत नीचे आ चुकी है।
By Jagran NewsEdited By: Vipin KumarUpdated: Thu, 27 Oct 2022 09:05 AM (IST)
वरिंदर राणा, लुधियाना। Ludhiana News: रेत बजरी को लेकर सरकार की पुख्ता नीति नहीं बनने का नतीजा है कि इसका सीधा असर अब विकास कार्यों पर पड़ना शुरू हो चुका है। महानगर में रेत और बजरी की किल्लत के चलते दोनों के दाम आसमान को छूने लगे है। 23 रुपये मिलने वाली रेत के दाम किल्लत के चलते 70 रुपये फुट पहुंच गए है। यही हालात कुछ बजरी के बन चुके है। प्रति फुट बजरी के दाम भी 42 रुपये के पार पहुंच गए है। दाम इतने बढ़ने के बावजूद इसकी किल्लत चल रही है। ऐसे में शहर में बड़ी योजनाओं पर काम कर रही कंपनी अपने काम को धीमा कर दिया है।
विकास के काम हाे रहे प्रभावित
एनएचआइ की तरफ से बनाए जा रहे एलिवेटेड रोड के काम की रफ्तार 70 प्रतिशत नीचे आ चुकी है। अगर यही हालात बने रहे तो आने वाले दिनों में इस योजना पर ब्रेक लगने के आसार बन चुके है। अब देखना होगा कि सरकार या फिर प्रशासन इस किल्लत को दूर करने के लिए क्या उपाय करता है। गौरतलब है कि जितने भी विकास कार्य महानगर में चल रहे है उन सभी के लिए रेत और बजरी सबसे जरूरी होता है। इस समय बाजार में दोनों की किल्लत चल रही है।
कंपनी व ठेकेदारों की बढ़ी परेशानी
अगर किसी जगह मिल भी रही है तो उसके दाम दोगुना हो चुके है। इस हालत में कंपनी व ठेकेदारों के लिए काम करना भारी पड़ रहा है। क्योंकि जिस रेट पर उन्होंने विकास कार्य का ठेका लिया था, उसकी कीमत अब बढ़ गई है। कंपनियां व ठेकेदार दोगुणा दाम पर काम करने के लिए हाथ पीछे खींच रहे है। इसमें निगम भी अछूता नहीं है, रेत और बजरी की किल्लत के कारण निगम अपना हाट मिक्स प्लांट शुरू नहीं कर पाया है। जिसके कारण शहर सड़कों के गड्ढे भरने के लिए पैच वर्क करने का काम ठप पड़ा है।दो गुणा हो गए दाम
अगर सड़क का निर्माण करना हो तो इसमें जीरा बजरी और पठानकोट से आने वाले रेत का इस्तेमाल किया जाता है। जीरा बजरी ठेकेदारों को पहले 23 से 24 रुपये फुट के हिसाब से मिल रही थी, अब इसके लिए 38 से 42 रुपये दाम चुकाने पड़ रहे है। अगर ठेकेदार या कंपनी दस गाड़ियों की मांग करता है तो उसे दो गाड़ियां बड़ी मुश्किल से मिल रही है। अब अगर पठानकोट से आने वाले रेत की बात करे तो पहले यह रेत 36 से 37 रुपये फुट के हिसाब से मिल रही थी, जिसके दाम अब 65 से 70 रुपये प्रति फुट पहुंच गए है। यही कारण है कि निगम की तरफ से जितने भी सड़कों के निर्माण कार्य करवाए जा रहे है, उससे ठकेदार हाथ खींच रहे है।
एलिवेटेड रोड के कालम बनाने का काम पड़ा धीमा
एनएचआई की तरफ से फिरोजपुर रोड से लेकर समराला चौक तक एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जा रहा है। रेत बजरी की किल्लत का असर अब इस पर भी दिखने लगा है। अधिकारियों की माने तो इसकी रफ्तार 70 प्रतिशत धीमी हो चुकी है। एलिवेटेड रोड निर्माण में सबसे ज्यादा काम कालम का रह गया है, इसे तैयार करने के लिए सबसे ज्यादा रेत और बजरी का इस्तेमाल होता है। अब हालात यह बन चुके है कि कंपनी को कालम तैयार करने के लिए रेत बजरी नहीं मिल रही है। अगर यही हालात रहे तो इस योजना पर भी ब्रेक लग सकते है।योजना पर लग सकती है ब्रेक
एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए संबंधित कंपनी को रेत और बजरी नहीं मिल रही है। इससे हमारी योजना की रफ्तार 70 प्रतिशत नीचे आ चुकी है। सरकार को चाहिए कि वह रेत और बजरी उपलब्ध करवाए। अगर जल्द किल्लत दूर नहीं हुई तो हमारी योजना पर ब्रेक भी लग सकता है। -कृष्ण सचदेवा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआइ
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