Sanskarshala: प्रिंसिपल रमन ओबराय का संदेश, जांच-परख करने के बाद ही इंटरनेट कंटेंट करें शेयर
Sanskarshala राम लाल भसीन स्कूल की प्रिंसिपल रमन ओबराय ने लोगों को जांच परख कर ही इंटरनेट कंटेंट शेयर करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि गलत न्यूज शेयर करने से आजकल लूट विरोध के मामले बढ़ रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: DeepikaUpdated: Fri, 11 Nov 2022 09:18 AM (IST)
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Sanskarshala: डिजिटल भारत का आगाज जुलाई 2015 को टाटा ग्रुप के चेयरमैन स्वर्गीय साइरस मिस्त्री, रिलायंस इंडस्टी लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी, विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेम की उपस्थिति में हुआ था। देश को डिजिटल रूप में विकसित करने व आइटी संस्थान में सुधार के अंतर्गत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल, ई- स्वास्थ्य, ई-शिक्षा, ई-साइन का आरंभ करके इस कार्यक्रम का अनावरण हुआ था। इसका उद्देश्य देश को डिजिटल सक्षम समाज में परिवर्तित करना है।
डिजिटल भारत मुख्यत: नौ आधारों पर कार्य कर रहा है। ब्राडबैंड सुविधा, घर-घर फोन, सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस, ई - गवर्नेंस, ई-क्रांति ( इलेक्ट्रानिक डिलीवरी आफ सर्विसेज) सभी के लिए सूचना इलेक्ट्रानिक विनिर्माण और आइटी नौकरियां कार्यक्रम इत्यादि। इस बढ़ती हुई डिजिटल जोन ने हमारे जीवन में ऐसी दस्तक दी है कि आज हर व्यक्ति साधारण विशेषपूर्णता है और उसी पर निर्भर होता जा रहा है।डिजिटल मीडिया कल्चर अनेकों साझेदारी में विभिन्नता व किस प्रकार की खबरों की लाइब्रेरी का उपयोग किया जाता है। न्यूज के आरंभ से ज्ञान संसाधन तक वह खबरों को बनाना, संवारना, दूरसंचार मीडिया प्रोफेशनल की सहायता से बड़े-बड़े मीडिया हाउस आज की खबरों को नियंत्रित करते हैं। परंतु अब डिजिटल की दुनिया में खबरों को किस प्रकार बनाया जाए उसकी प्रकृति ही मुख्य रूप से बदल गई है।
समाज डिजिटल तकनीक और बुनियादी ढांचे पर अधिक निर्भर हो रहा है। बैंकिंग, इलेक्ट्रिकल ग्रिड प्रबंधन, स्वास्थ्य रिकार्ड और अन्य व्यक्तिगत जानकारी तेजी से डिजिटल नेटवर्क और डेटाबेस पर निर्भर हो गई है। इस समय डिजिटल युग एक नए युग के रूप में परिवर्तित हो चुका है। जहां हर व्यक्ति की सुबह स्मार्टफोन व उसकी एप के साथ होती है। जबसे स्मार्टफोन का हमारे जीवन व घरों में आगमन हुआ है तब से झूठी खबरें आपत्तिजनक ट्विट व रिटविट ने एक साधारण, सामाजिक व राजनीतिक जीवन में हलचल पैदा कर दी है।
व्यक्ति की चंचल मानसिकता मैसेज को बिना कुछ समझे जाने उसे आगे भेजने की प्रवृत्ति ने समाज में अनेक कुरीतियों को जन्म दिया है। इस समय फेक न्यूज का दुनिया के हर कोने में साम्राज्य सा हो गया है। जो दंगा आगजनी लूटपाट विरोध व कई बार मासूम लोगों की जान तक लेने का कारण बन जाती है। इसलिए किसी भी न्यूज कंटेंट को बिना परखे आगे नहीं शेयर करना चाहिए। सरकारें व मीडिया खबरों की पुष्टि व सत्यापन का विशेष ध्यान रख रही है। मगर लोगों को भी इस विषय पर अपना उत्तरदायित्व समझने की आवश्यकता है। - रमन ओबराय, प्रिंसिपल राम लाल भसीन स्कूल दुगरी।
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