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Sariya-Cement Rate: कंस्ट्रक्शन के कामों पर बाढ़ और महंगाई का ग्रहण, पंजाब में इतना चल रहा सीमेंट का दाम

Sariya And Cement Rate पंजाब में बांधों से लगातार पानी छोड़ने के कारण आई बाढ़ एवं महंगाई के कारण कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर एक तरह से ग्रहण लग गया है। कारोबारी मानते हैं कि इस सीजन में निर्माण कार्यों में लगभग तीस प्रतिशत तक की गिरावट है। उनको उम्मीद है कि मानसून सीजन खत्म होने के बाद अक्टूबर से इस सेक्टर में फिर से तेजी आएगी।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 30 Aug 2023 11:01 AM (IST)
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पंजाब में इतना चल रहा सिमेंट और सरिया का दाम
लुधियाना, राजीव शर्मा। Cement And Sariya Rate: पंजाब में मानसून के सीजन में हो रही वर्षा, बांधों से लगातार पानी छोड़ने के कारण कुछ हिस्सों में आई बाढ़ एवं महंगाई के कारण कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर एक तरह से ग्रहण लग गया है। कारोबारी मानते हैं कि इस सीजन में निर्माण कार्यों में लगभग तीस प्रतिशत तक की गिरावट है। उनको उम्मीद है कि मानसून सीजन खत्म होने के बाद अक्टूबर से इस सेक्टर में फिर से तेजी आएगी।

इसके अलावा निर्माण कार्यों में लगने वाले कच्चे माल की कीमतों में भी इजाफा दर्ज किया जा रहा है। सूबे की नदियों में जलस्तर बढ़ा हुआ है। पानी आने के कारण रेत एवं बजरी की उपलब्धता कम हो गई है और इनकी कीमतें बढ़ रही हैं। कारोबारियों का तर्क है कि इस सेक्टर में तेजी लाने के लिए सरकार को इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां बनानी होंगी।

मोटी रेत का दाम 48 रुपए प्रति क्यूबिक

कारोबारियों का कहना है कि पानी के कारण पठानकोट के क्रशर का रेट पहले 40 रुपये क्यूबिक फीट था जोकि अब बढ़ कर 52 रुपये पर पहुंच गया है। पठानकोट की क्रशर वाली मोटी रेत का दाम पहले 48 रुपये प्रति क्यूबिक फीट से बढ़ कर 63 रुपये पर पहुंच गया है। इसी तरह येलो रेत का दाम लगभग तीस रुपये प्रति क्यूबिक फीट चल रहा है। जबकि व्हाइट रेत का दाम अभी 45 रुपये प्रति क्यूबिक फीट है। बाजार में सीमेंट का दाम 360 रुपये से लेकर चार सौ रुपये प्रति बोरी तक चल रहा है।

दस दिन पहले ही इसमें दस रुपये प्रति बोरी का इजाफा हुआ है। जबकि बाजार में सरिया के भाव 54 से 55 रुपये प्रति किलो के आसपास चल रहे हैं, जबकि दस दिन पहले सरिया के भाव 52 से 54 रुपये प्रति किलो थे। मिट्टी के रेट पहले दस पंद्रह रुपये फीट थे और अब यह बीस रुपये में भी मुश्किल से मिलती है।

मानसून के कारण सरिया की मांग में तीस प्रतिशत की कमी

आल इंडिया इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन के चेयरमैन केके गर्ग कहते हैं कि मानसून सीजन के कारण सरिया की मांग में तीस प्रतिशत तक की कमी है। बाजार में सरिया के दाम 54-55 रुपये चल रहे हैं। सूबे में स्क्रैप एवं स्पांज आयरन से सरिया बनाया जाता है। स्पांज आयरन के रेट 34 से बढ़ कर 37 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। इससे सरिया के दाम भी डेढ़ दो रुपये तक बढ़े हैं। इसके अलावा अब स्क्रैप भी 42-42 रुपये प्रति किलो में मिल रही है।

बढ़ रहे मिट्टी के रेट

लुधियाना बिल्डर्स एसोसिएशन के पैटर्न एसएस मावी ने कहा कि सूबे में सरकार की नीतियों के कारण सफेद रेत मिल नहीं रही है। यह चिनाई एवं प्लास्टर में काम आती है। रूटीन में यह 25 रुपये में मिलती है और अब इसका रेट 45 रुपये प्रति क्यूबिक फीट तक पहुंच गया है। इसके अलावा मिट्टी हासिल करने का प्रोसेस काफी पेचीदा है। इसमें सरकारी मंजूरियों की अड़चनों को पार पाना मुश्किल है। ऐसे में मिट्टी भी नहीं मिल रही है। इसके रेट भी बढ़ रहे हैं।

मानसून के बाद बढ़ेगी मांग 

सीमेंट के होलसेल डीलर बाबू राम एंड संस के संचालक महेश गुप्ता का कहना है कि सीमेंट के रेट पिछले करीब एक साल से एक दायरे में ही घूम रहे हैं। दस दिन पहले सीमेंट की कीमत में दस रुपये प्रति बोरी का इजाफा हुआ। आने वाले दिनों में भी रेट 360 से 400 रुपये प्रति बोरी के आसपास ही रहेंगे। हां अभी मांग कम है। मानसून सीजन के बाद मांग बढ़ेगी

आसमान छू रही रेत, बजरी, मिट्टी की कीमतें

प्रीत बिल्डिंग मेटिरियल स्टोर के संचालक एवं लुधियाना टिप्पर यूनियन के पूर्व चेयरमैन रमनप्रीत सिंह सोबती कहते हैं कि सूबा सरकार की नीतियों के कारण रेत, बजरी, मिट्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं। बावजूद इसके रेट एवं मिट्टी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। सरकार को इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां बना कर निर्माण सेक्टर को सहयोग करने की जरूरत है।

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