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कमाल की रिसर्च: अब सर्दी में भी नहीं लगेगी ठंड, इस कपड़े में 15 सेकेंड के अंदर पैदा होगी 50 डिग्री गर्मी

आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन कॉटन टेक्नोलॉजी (आईसीएआर-सीआईआरसीओटी) मुंबई के विज्ञानियों ने कपास आधारित गर्मी पैदा करने वाले कपड़े विकसित किए हैं। कपड़े में ऐसी तकनीक का उपयोग किया गया है कि 15 सेकेंड के अंदर 50 डिग्री सेल्सियस की अधिकतम गर्मी उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इन वस्त्रों को ऐसे बनाया गया है कि सर्दी में भी गर्मी का अहसास करवाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 05 Oct 2023 09:10 AM (IST)
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कपास आधारित गर्मी पैदा करने वाले वस्त्र दिखाते हुए आईसीएआर-सीआईआरसीओटी के वैज्ञानिक।

आशा मेहता, लुधियाना। Punjab News Today: आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन कॉटन टेक्नोलॉजी (आईसीएआर-सीआईआरसीओटी), मुंबई के विज्ञानियों ने कपास आधारित गर्मी पैदा करने वाले कपड़े विकसित किए हैं। जिसमें ऑटोमोबाइल सीट कवर, थर्मल जैकेट, हीटिंग दस्ताने, गर्म माउस पैड और हीटिंग पैड शामिल है। इन वस्त्रों को ऐसे बनाया गया है कि सर्दी में भी गर्मी का अहसास करवाएंगे।

15 सेकेंड के अंदर पैदा होगी 50 डिग्री सेल्सियस की गर्मी

कपड़े में ऐसी तकनीक का उपयोग किया गया है कि 15 सेकेंड के अंदर 50 डिग्री सेल्सियस की अधिकतम गर्मी उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इन वस्त्रों जब सिफेट में आयोजित किसान मेले में प्रदर्शित किया गया, तो लोगों में इसके बारे में जानने को लेकर काफी जिज्ञासा दिखी।

आईसीएआर-सीआईआरसीओटी के निदेशक डॉ. एसके शुक्ल ने बताया कि कपास के धागे पर विशेष तरह का ट्रीटमेंट किया गया है। जिसे कपास आधारित विद्युत प्रवाहकीय यार्न कहते हैं। इस विशेष तरह के धागे कोलेकर पेटेंट के लिए भी अप्लाई किया गया है।

कपड़े में घटाया और बढ़ाया भी जा सकता है तापमन

खास बात यह है कि इसे किसी भी कपड़े पर सिला जा सकता है। इसे स्मार्ट टेक्सटाइल उत्पादों को सुरक्षा उपायों के साथ डिज़ाइन किया गया है। पांच से बारह वोल्ट की बैटरी से पंद्रह सेकेंड में 50 डिग्री सेल्सियस का अधिकतम तापमान प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि इन वस्त्रों में तापमान को घटाने व बढ़ाने का विकल्प भी दिया गया है। मुख्य रूप से हाथों और पैरों के लिए डिज़ाइन किए गए इन वस्त्रों का उद्देश्य अत्यधिक ठंड की स्थिति में शीतदंश या शीतदंश से निपटना है।

स्मार्ट कपड़ा उत्पादों के निर्माण में होगा इजाफा

संस्थान के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. अशोक कुमार व सीनियर साइंटिस्ट डॉ. पी जगजानंथा ने बताया कि आसाधारण लचीलेपन, हल्के गुणों, सुरक्षा सुविधाओं और बेहतर आराम के साथ गर्मी पैदा करने वाला यह वस्त्र आगे चलकर स्मार्ट कपड़ा उत्पादों के निर्माण के रास्ते खोलेगा। हालांकि, इसी तरह की तकनीक पश्चिमी देशों में उपलब्ध हैं, लेकिन वे बेहद महंगी हैं।

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इस कपड़े को पहनने से शरीर पर नहीं होगा कोई नुकसान

वहीं, बाजार में मौजूदा गर्मी पैदा करने वाले कपड़ों में इलेक्ट्रोनिकों उपकरणों के साथ पॉलिएस्टर और नायलॉन सामग्री का उपयोग होता है। जिससे पतले धातु के तारों के टूटने, शॉर्ट सर्किट और आग लगने का खतरा होता है। जबकि विद्युत प्रवाहकीय यार्न से बनाएं गए इन वस्त्रों में यह खतरा बिलकुल नहीं है।

इसे पहनने या इस्तेमाल करने से शरीर पर किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है। इसके पीछे की तकनीक एक सरल प्रवाहकीय सिद्धांत पर काम करती है, जो एक रिचार्जेबल बैटरी से प्रतिरोधी सामग्री पर कम वोल्टेज लागू करती है। उनकी तरफ से पास-आधारित वस्त्र काफी अधिक आरामदायक और सुरक्षित विकल्प प्रदान करते हैं।

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