Shooters Encounter in Amritsar : पांच साल से गांव नहीं आया था एनकाउंटर में ढेर हुआ मनप्रीत मनु, जेल में हुई पिटाई ने बदल दिया था जीवन
Shooter Encounter in Amritsar पंजाब पुलिस के हाथों मुठभेड़ में मारा गया मनप्रीत मनु पांच साल से अपने गांव नहीं आया था। जेल में पिटाई के बाद गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गैंग का साथ मिलने के बाद वह उसके गैंग का अचूक निशानेबाज बन गया था।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Wed, 20 Jul 2022 08:35 PM (IST)
मोगा [सत्येन ओझा]। Shooter Encounter in Amritsar : अमृतसर पुलिस के हाथों मुठभेड़ में मारा गया मनप्रीत सिंह मनु कुस्सा साल 2017 के बाद से घर वापस नहीं लौटा था, कभी पिता के साथ सुंदर फर्नीचर बनाने वाला मनप्रीत सिंह साल 2017 में गांव में दो गुटों में होने वाले मामूली झगड़े में जेल गया था, वहां के माहौल ने उसे अपराध की दुनिया का बादशाह बना दिया था। खासकर जेल में हुई पिटाई ने उसकी पूरी जिंदगी बदल दी, जिन हाथों में पांच साल पहले तक फर्नीचर बनाने वाले औजार होते थे, उन हाथों में उसे हथियार थामने पड़े।
जेल में पिटाई के बाद गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गैंग का साथ मिलने के बाद वह उसके गैंग का अचूक निशानेबाज बन गया था, यही वजह थी कि लारेंस बिश्नोई उसे बेहद खास टास्क देता था। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद से गांव कुस्सा स्थित मनप्रीत के पुश्तैनी घर में ताला लटका हुआ है। मनप्रीत सिंह उर्फ मनु का नाम अपराध की दुनिया में उस समय सुर्खियों में आया था जब दो अप्रैल को गांव माड़ी मुस्तफा निवासी बंबीहा गैंग के सदस्य हरजीत सिंह उर्फ पेंटा की हत्या में उसे नामजद किया गया था।
जेल में पिटाई ने बदला जीवन
पुलिस सूत्रों के अनुसार साल 2017 में झगड़े के एक मामूली केस में मनप्रीत सिंह फरीदकोट की केन्द्रीय जेल में बंद था। जेल के माहौल में ही वह गैंगस्टरों के संपर्क में आया था। जेल में मनप्रीत की बंबीहा ग्रुप के कुछ सदस्यों ने बेरहमी से पिटाई कर डाली थी। उस पिटाई के बाद से मनप्रीत की आंखों में जो अंगारे पैदा हुए थे, उसने उसे अपराध की दुनिया में कदम रखने को विवश कर दिया था। जेल से बाहर निकलने के बाद वह फिर अपने गांव वापस नहीं लौटा, हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली, कुछ ही समय में वह अचूक निशानेबाज बन गया गया।
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पिता के साथ पांच साल पहले बनाता था फर्नीचरमनप्रीत मनु तीन भाई थे। तीनों भाई निकटवर्ती गांव बोडे़ में पांच साल पहले तक बस स्टैंड के निकट फर्नीचर की दुकान चलाते थे। तीनों पिता के काम में हाथ बंटाते थे। गांव में पार्टीबाजी में हुए झगड़े में नामजद होने के कारण उसे फरीदकोट जेल जाना पड़ा था। जेल में गांव माड़ी मुस्तफा निवासी हरजीत सिंह उर्फ पेंटा ने उसकी बेरहमी से पिटाई की थी। उसी बदले की आग में जलते हुए मनप्रीत ने पेंटा को दो अप्रैल को उस समय गोलियों से भून डाला था, जब वह गांव में एक कबड्डी टूर्नामेंट देखने जा रहा था। मोगा का ही कुख्यात गैंगस्टर बंबीहा की गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के साथ दुश्मनी थी। मनप्रीत की पिटाई के बाद लारेंस बिश्नोई मनप्रीत के साथ गॉड फादर बनकर खड़ा हो गया था।
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