अफगानिस्तान में फंसे सिख परिवारों ने लगाई गुहार, पीएम अमेरिकी राष्ट्रपति से बात करें तो हल हो सकता है मसला
अफगानिस्तान में माहौल लगातार खराब हो रहा है। वहां 290 लोग एयरपोर्ट के पास होटलों में फंसे हुए हैं। इन लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपील कि है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति से बात कर उन्हें वहां निकालने में मदद करें।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 21 Aug 2021 05:42 PM (IST)
लुधियाना, [राजन कैंथ]। ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहें तो वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से बात कर हमें यहां से निकालने के लिए मदद की अपील कर सकते हैं। इससे हम भी सुरक्षित निकल कर भारत पहुंच सकते हैं। फ्लाइट का इंतजार करते हुए कई दिन बीत चुके हैं। कल जिन लोगों को लेने के लिए अमेरिकन एयरफोर्स की फ्लाइट आई थी। माहौल खराब होने के कारण वह भी कैंसिल हो गई। इस कारण 290 लोग एयरपोर्ट के पास होटलों में फंसे हुए हैं।'' यह बात जागरण संवाददाता के साथ काबुल से फोन पर बात करते हुए वहां रहते सिख परिवार के सदस्य हरिंदर सिंह ने कही।
उन्होंने बताया कि 15 अगस्त के बाद से किसी भी देश की सीधी फ्लाइट अफगानिस्तान नहीं आ रही है। यहां से किसी भी देश की डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है। जिस किसी देश के नागरिक यहां फंसे हुए हैं। वे देश अमेरिका की एयरफोर्स की मदद से उन्हें ईरान शिफ्ट करवा रहे हैं। वहां से उनके देश की फ्लाइट उन्हें स्वदेश लेकर जा रही है। भारत सरकार की अपील पर वीरवार को अमेरिकन एयरफोर्स की एक फ्लाइट यहां पहुंची थी। इसमें कुल 290 लोग जाने वाले थे। उनमें 220 भारतीय तथा 70 अफगानी सिख शामिल थे। मगर उसी दौरान तालिबान ने एयरपोर्ट के बाहर फायरिंग कर दी, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। एयरपोर्ट में अंदर मौजूद अमेरिकन फोर्स ने फ्लाइट कैंसिल कर दी। बाहर तालिबान और एयरपोर्ट के अंदर अमेरिकन फोर्स है।
अमेरिकी सेना जब हरी झंडी देगी, तब ही फ्लाइट रवाना होगी। एक फ्लाइट चली गई तो दूसरी में उनका भी नंबर लग सकता है। हरिंदर सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरनाम सिंह दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ लगातार संपर्क में हैं। सिरसा के माध्यम से केंद्र सरकार से गुहार लगाई जा रही है कि उन्हें जल्दी से जल्दी यहां से निकालने की व्यवस्था की जाए। हालांकि पिछले 2-3 दिन से तालिबान नेता लगातार गुरनाम से मिल रहे हैं। उन्हें आश्वासन दे रहे हैं कि उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है। यहां उन्हें पूरी सुरक्षा मिलेगी। वह लोग अपना मोबाइल नंबर देकर गए कि किसी भी प्रकार की समस्या आने पर उनसे संपर्क कर सकते हैं।
हरिंदर सिंह का कहना है कि उसके बावजूद सभी सिखों का अंतिम फैसला है कि उन्हें भारत ही जाना है। हरिंदर सिंह ने बताया कि काबुल की पूरी मैनेजमेंट इस समय तालिबान के हाथ में हैं। वह हवा में फायरिंग करते नजर आते हैं, जिससे दहशत फैल जाती है और लोग इधर-उधर भागने लगते हैं। यहां तक कि ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए भी वह लोग अंधाधुंध हवाई फायरिंग करते हैं।
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