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Stubble Burning: पंजाब के इन 6 जिलाें में जल रही सबसे ज्यादा पराली, 3 दिन से टाॅप पर CM मान का शहर संगरूर

Stubble Burning in Punjab पंजाब में पराली जलाने के बाद प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। हालात यह है कि अब धुएं से लाेगाें का दम घुट रहा है। राज्य के तरनतारन पटियाला संगरूर अमृतसर कपूरथला और फिराेजपुर में सबसे अधिक किसान पराली जला रहे हैं।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Wed, 02 Nov 2022 11:15 AM (IST)
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पंजाब में पराली के धुएं के कारण अमृतसर स्माग की चादर में लिपट गया। राघव शिकारपुरिया
आनलाइन डेस्क, एजेंसी, लुधियाना/संगरूर/अमृतसर। Stubble Burning in Punjab: पंजाब में किसान धड़ल्ले से पराली जला रहे हैं। इसके चलते प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। लाेगाें काे अब सांस लेने में भी दिक्कत आने लगी है। हैरानी की बात यह है कि सरकार इस मामले में पूरी तरह से बेबस नजर आ रही है।

सबसे ज्यादा पराली सीएम भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में जलाई जा रही है। सरकार के जागरूकता अभियान का किसानाें पर काेई असर नहीं दिख रहा है। वोट बैंक की राजनीति के कारण किसानों पर कार्रवाई के नाम पर सरकार खानापूर्ति कर रही है। पराली के धुएं के कारण स्माग पड़नी शुरू हाे गई है।

अमृतसर में भी बेधड़क पराली जला रहे किसान

गुरुनगरी अमृतसर में भी किसान खेतों में पराली को आग लगाते दिखे। किसानों का कहना है कि उनके पास पराली को संभालने के लिए कोई सुविधा नहीं है। सरकार ने कोई प्रबंध नहीं किए हैं, इस कारण उन्हें पराली जलाने के लिए विवश होना पड़ा है। हमें पता है कि इससे प्रदूषण फैलता है। 

मंगलवार को 1,842 जगह जली पराली

मंगलवार को राज्य में 1,842 जगह पराली जली। इनमें सबसे ज्यादा 345 मामले मुख्यमंत्री भगवंत मान के जिले संगरूर में सामने आए। पिछले वर्ष एक नवंबर तक 14,920 मामले आए थे। यानी इस वर्ष 2021 के मुकाबले अभी तक 2,926 मामले ज्यादा आ चुके हैं।

यही हालात रहे ताे स्थिति भयावह हाे सकती है। राज्य के तरनतारन, पटियाला, संगरूर, अमृतसर, कपूरथला और फिराेजपुर में सबसे अधिक किसान पराली जला रहे हैं। बीते रविवार को सरकार ने पराली जलने की घटनाएं रोकने में नाकाम संगरूर, पटियाला और तरनतारन में चार कृषि अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। अब सरकार ने नंबरदारों की जवाबदेही तय कर दी है।

जुर्माना माफ करती है सरकार, इसलिए नहीं डरते किसान

सरकार ने पराली जलाने पर प्रति एकड़ 2,500 रुपये जुर्माने और रेड एंट्री का प्रविधान किया है। किसानों का कहना है कि एक एकड़ में पराली निस्तारण का खर्च तीन हजार रुपये पड़ता है, जो जुर्माने से अधिक है। दूसरी अहम बात यह है कि पिछले कई वर्षों से सरकार किसानों पर लगा जुर्माना माफ करती आ रही है। वर्ष 2021 में 67,165 मामलों में 2.62 करोड़ रुपये जुर्माना किया गया था, लेकिन इसे माफ कर दिया गया था।

आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक है बढ़ता एक्यूआइ

100 से अधिक एक्यूआइ : मोहनदेई अस्पताल के डा. प्रदीप कपूर का कहना है कि जब हवा में प्रदूषण का स्तर 100 एक्यूआइ से अधिक हो जाता है तो ऐसी हवा मे सांस लेने से श्वास रोगियों को खतरा बढ़ जाता है।

200 से अधिक : इस स्थित में लोगों को आंखों में जलन महसूस होने लगती है। गले में खराश होना शुरू हो जाता है। जिन लोगों को सांस से संबंधित बीमारी होती है, उन्हें अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

300 से अधिक : ऐसी स्थिति में हवा में प्रदूषण की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है। इससे फेफड़े खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार तो स्वस्थ लोगों को सांस लेने में दिक्कत शुरू हो जाती है। मरीजों के लिए तो यह स्थिति खतरनाक होती है।

400 से ऊपर : ऐसी स्थिति तो बहुत ही अधिक खराब होती है। ऐसी हवा में अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति भी दिनभर सांस लेता है तो उसे भी 20 से 30 सिगरेट पीने से होने वाले नुकसान के बराबर होता है।

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