लुधियाना के समाजसेवी सुखदेव सिंह के प्रयास लाए रंग, चार साल से शहादत दिवस को बाल दिवस घोषित कराने को लेकर थे प्रयासरत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छोटे साहिबजादों की शहादत को समर्पित 26 दिसंबर के दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने के एलान का सिख समुदाय ने स्वागत किया है। लुधियाना के युवा समाज सेवी सुखदेव सिंह वालिया नवंबर 2017 से इसके लिए लगातार प्रयासरत थे।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Mon, 10 Jan 2022 07:50 AM (IST)
जागरण संवाददाता, लुधियाना। दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पावन प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छोटे साहिबजादों की शहादत को समर्पित 26 दिसंबर के दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने के एलान का सिख समुदाय ने स्वागत किया है। लुधियाना के युवा समाज सेवी सुखदेव सिंह वालिया नवंबर 2017 से इसके लिए लगातार प्रयासरत थे। उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई नेताओं एवं मुख्यमंत्रियों को ई-मेल एवं पत्र लिख कर तर्काें के साथ सिख समुदाय की भावनाओं से अवगत कराया था।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से गुरुपर्व पर इस एलान के बाद सुखदेव वालिया ने कहा कि उनकी सालों की मेहनत रंग लाई है। इस संबंध में वालिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद भी किया। वालिया का कहना है कि इस मांग को लेकर उन्होंने अपने फेसबुक पेज बुलंद सोच दी बुलंद आवाज पर भी लगातार कंपेन चलाई और इससे लोगों का जबरदस्त रिस्पांस मिला। छोटे साहिबजादों के शहादत के दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। उनका यह प्रेरणा मिलेगी कि जब भी जीवन में मुश्किल आए तो वे साहिबजादों की शहादत से सीख ले सकें।
वालिया का कहना है कि अब तक जितनी भी सरकारें आई हैं, किसी ने इस दिशा में नहीं सोचा। प्रधानमंत्री मोदी ने सिखों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए यह फैसला किया है। इससे राष्ट्रवाद, देशभक्ति, विभिन्नता में एकता की भावना को बल मिलेगा। इससे पहले वालिया ने श्री गुरु नानक देव जी के जन्म स्थान ननकाना साहिब-पाकिस्तान जाने के लिए करतारपुर साहिब कोरिडोर खुलवाने के लिए भी अपने स्तर पर काफी प्रयास किए थे।
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