लुधियाना में स्वाइन फ्लू का आंकड़ा चौंकाने वाला, 80 प्रतिशत 50 से अधिक उम्र के लाेग; डेंगू से राहत
Swine Flu Cases in Ludhiana औद्याेगिक नगरी लुधियाना में काेराेना के बाद अब स्वाइन फ्लू ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। अब तक जिले में 10 मरीजों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 80 प्रतिशत मरीज 50 साल से अधिक उम्र के हैं।
By Asha Rani Edited By: Vipin KumarUpdated: Tue, 11 Oct 2022 01:37 PM (IST)
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Swine Flu Cases in Ludhiana: जिले में कोरोना संक्रमण के घटने से जहां सेहत विभाग ने राहत महसूस की है, वहीं स्वाइन फ्लू व डेंगू की वजह से विभाग की नींद उड़ी हुई है। खासकर, स्वाइन फ्लू ने विभाग की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि इस साल मानसून सीजन में ही स्वाइन फ्लू के 50 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 10 मरीजों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 80 प्रतिशत मरीज 50 साल से अधिक उम्र के हैं। मरीजों का आना लगातार जारी है, जबकि अभी सर्दियों का मौसम बाकी है। ऐसे में विभाग की चिंता बढ़ गई है कि अगर गर्म मौसम में इतने अधिक मरीज आ रहे हैं, तो सर्दियों में क्या होगा।
2021 में स्वाइन फ्लू का मिला था केवल एक मरीज
पिछले कुछ सालों के ट्रेंड को देखें तो स्वाइन फ्लू के ज्यादातर मामले नवंबर से लेकर फरवरी के बीच ही आते रहे हैं। जुलाई से सितंबर में बहुत कम मामले आते थे। लेकिन इस साल वायरस का व्यवहार अलग लग रहा है। यही विशेषज्ञों की चिंता की वजह है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले साल 2021 में जनवरी से लेकर दिसंबर माह तक स्वाइन फ्लू का केवल एक मरीज मिला था, जबकि 2020 में एक भी मरीज रिपोर्ट नहीं हुआ। जबकि साल 2018 मेें स्वाइन फ्लू के 6 मरीज मिले थे, वहीं साल 2019 में स्वाइन फ्लू के 86 मरीजों की पुष्टि हुई थी। साल 2020 व 2021 में मरीजों की संख्या कम होने को लेकर विभाग का तर्क है कि कोरोना की वजह से उक्त दोनाें सालों स्वाइन फ्लू टेस्टिंग व रिपोर्टिंग पर ध्यान नहीं गया। जिसकी वजह से इन दोनों वर्षाें में मरीज कम हैं।
स्वाइन फ्लू की टेस्टिंग पर अधिक फोकस
अगर कई लोगों को स्वाइन फ्लू के लक्षण महसूस हुए भी होंगे, तो उन्होंने से कोरोना से जोड़कर टेस्टिंग नहीं करवाई होगी। क्योंकि कोरोना व स्वाइन फ्लू के ज्यादातर लक्षण मिलते जुलते हैं। अब जब कोरोना संक्रमण कम हो गया है, तो स्वाइन फ्लू की टेस्टिंग पर अधिक फोकस हो गया है। इसी वजह से मरीज अधिक रिपोर्ट हो रहे हैं। उधर डेंगू की बात करें, तो जिले में जनवरी से अब तक 169 मरीजों की पुष्टि विभाग ने की है। जोकि पिछले सालों के मुकबाले कम है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में जनवरी से दिसंबर तक डेंगू के 1829 मरीज मिले थे। जिसमें से 13 मरीजाें की मौत हुई थी। जबकि साल 2020 में 1355 मरीज डेंगू पाजिटिव मिले थे और इनमें से दो मरीजों की मौत हुई थी। वहीं साल 2019 में डेंगू की चपेट में 1509 मरीज मिले थे, माैत कोई नहीं थी।2018 में डेंगू के कुल 489 मरीजों की हुई थी पुष्टि
इसी तरह साल 2018 में डेंगू के कुल 489 मरीजों की पुष्टि हुई थी और इनमें से दो मरीजों की मौत हुइ थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू के अधिकांश मरीज जून से लेकर दिसंबर के बीच मिलते हैं। इस साल डेंगू कंट्रोल में हैं। इसके पीछे की वजह से लोगों की जागरूकता हो सकती है। अब तक विभाग की ओर से करीब डेढ़ लाख से अधिक घरों में जाकर लार्वा की चेकिंग कर चुका है। इसी वजह से इस साल डेंगू के मरीज कम आए हैं। हालांकि अभी अक्तूबर व नवंबर माह में डेंगू मच्छर के डंक का खतरा बरकरार रहेगा।
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