नटवरलाल बनी लुधियाना की महिलाएं, 175 करोड़ बोगस बिलिंग मामले में तीसरी महिला गिरफ्तार
केंद्र और प्रदेश सरकार को जहां पुरुष नटवरलाल की ओर से चूना लगाया जा रहा है। वहीं अब महिलाएं भी बिना किसी कामकाज के बोगस बिलिंग कर करोड़ों रुपए की चंपत लगा रही है। पिछले कुछ समय में महिलाएं की भी इस गोरखधंधे में तेजी से सक्रियता बढ़ गई है।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Sat, 21 Aug 2021 09:22 AM (IST)
लुधियाना [मुनीश शर्मा]। पंजाब के आर्थिक शहर लुधियाना को ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में बेहतर उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां की हौजरी, मशीन टूल, साइकिल, आटो पार्टस, ट्रैक्टर पार्टस देश-विदेश में एक्सपोर्ट की जाती हैं। इस ग्रोथ के लिए शहर की महिलाओं की भूमिका भी अहम है और कई नामी कंपनियों का संचालन भी महिलाओं की ओर से किया जा रहा है। वहीं बात नटवरलाल की करें तो अब महिलाएं भी इस गोरखधंधे में तेजी से अग्रसर हो रही हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार को जहां पुरुष नटवरलाल की ओर से चूना लगाया जा रहा है। वहीं अब महिलाएं भी बिना किसी कामकाज के बोगस बिलिंग कर करोड़ों रुपए की चंपत लगा रही है। पिछले कुछ समय में महिलाएं की भी इस गोरखधंधे में तेजी से सक्रियता बढ़ गई है। इसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में सीजीएसटी एंटी एविजन विंग की ओर से गिल रोड की एक छोटी सी दुकान से 175 करोड़ रुपए की बोगस बिलिंग मामले में देखने को मिल रहा है।
किंगपिन की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले में चार अन्य गिरफ्तारियां की गई है। इसमें आरोपित की पत्नी सहित दो अन्य महिलाओं को विभाग ने गिरफतार कर इस बोगस बिलिंग धंधे का मास्टरमाइड माना है। विभाग द्वारा गिरफतार तीनों महिलाओं की ओर से कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में पांचवी गिरफ्तारी एक महिला की देर शाम को की गई है। जोकि इस गोरखधंधे में इस टीम का पूरा साथ दे रही थी। ऐसे में अब विभाग इन तीनों महिलाओं से संबंधित कई महिलाओं की जांच कर रहे हैं जिससे बोगस बिलिंग मामले में महिलाओं की भागीदारी का पता लगाया जा रहा है।
क्या है मामला
लुधियाना के गिल रोड स्थित साइकिल मार्केट में एक छोटी सी दुकान करने वाला लोहे का कारोबारी 175 करोड़ रुपए की बोगस बिलिंग सीजीएसटी विभाग को 31.5 करोड़ रुपए का आईटीसी रिफंड का झटका लगाते हुए पकड़ा गया था। सेंट्रल गुड्स एवं सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) विभाग को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली थी कि लुधियाना के गिल रोड पर स्टील एवं स्क्रैप का कारोबार करने वाले कुछ कंपनियां जमकर बिल काटकर बिना किसी उत्पाद की खरीद फरोखत के आईटीसी क्लेम कर रहे हैं। ऐसे में विभाग की एंटी एवीजन विंग टीम द्वारा इसको लेकर कई कंपनियों को रडार पर लिया गया और टेकनीकल एनलाइसिस के दौरान कुछ संदिग्ध कंपनियां सामने आई। इसपर जब फीजिकल वैरीफिकेशन की गई, तो पाया गया कि इन कंपनियों की ओर से बोगस बिलिंग की जा रही है। इस मामले में सबसे अहम बात है कि कारोबारी की ओर से सारी ट्रांजेक्शन आरटीजीएस में दिखाई गई है। ताकि एक तो कैश ट्रांजेक्शन के चलते वह पकड़ में न आए और घर बैठे ही ट्रांजेक्शन दिखाकर आईटीसी का क्लेम लिया जा सके। सातों कंपनियां इंटर लिंकड है, जो आपस में बिना किसी उत्पादों के लेनदेन दिखाकर आईटीसी क्लेम के लिए काम करती रही।
कैसे होती है बोगस बिलिंग
बोगस बिलिंग का कारोबार जीएसटी से पूर्व वैट प्रक्रिया से चला आ रहा है। इसमें केवल दस्तावेजों पर कंपनियां बनाकर बिना किसी मैटीरियल की खरीद फरोखत के केवल बिलों का लेनदेन कंपनियों में दिखाया जाता है और इसके एवज में सरकार से रिफंड ले लिया जाता है। ऐसे में विभाग की ओर से अब टैक्नीकल एनालाइसिस के लिए बेस्ट साफटवेयर के जरिए ट्रैकिंग की जा रही है और ऐसे कंपनियों की पूर्ण चेन को चैक किया जा रहा है। ताकि बोगस बिलिंग के मामलों को खत्म किया जा सके।
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