नौ माह बाद अमेरिका से लौटे चन्नी को पंजाब पहुंचते ही थमाया समन, 18 जनवरी को अदालत में होंगे पेश
मानसा में चन्नी के विरुद्ध चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज है। आरोप है कि उन्होंने समयसीमा समाप्त होने के बावजूद सिद्धू मूसेवाला के लिए प्रचार किया था। मूसेवाला मानसा से कांग्रेस के प्रत्याशी थे। वह इस मामले में 18 जनवरी को अदालत में पेश होंगे।
मानसा, जागरण संवाददाता। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अमेरिका गए पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मंगलवार को नौ माह बाद लौट आए, लेकिन उनके यहां पहुंचते ही पंजाब पुलिस ने समन थमा दिया। उन्हें रात 11 बजे उस समय समन दिया गया, जब वह दिवंगत कांग्रेस नेता व पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे थे।
चन्नी राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के बाद रात को मानसा के गांव मूसा पहुंचे और मूसेवाला के परिवार से मुलाकात की। वह रात को वहीं रुके और बुधवार सुबह अपने गृह क्षेत्र चमकौर साहिब के लिए निकल गए। चन्नी राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा में जुड़ने से पहले दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात की की थी।
चन्नी के विरुद्ध चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज
उल्लेखनीय है कि मानसा में चन्नी के विरुद्ध चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज है। आरोप है कि उन्होंने समयसीमा समाप्त होने के बावजूद सिद्धू मूसेवाला के लिए प्रचार किया था। मूसेवाला मानसा से कांग्रेस के प्रत्याशी थे। वह इस मामले में 18 जनवरी को अदालत में पेश होंगे। मानसा के एसएसपी डा. नानक सिंह ने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी ने आचार संहिता का उल्लंघन किया था।
क्या कहा चन्नी ने
उधर, चन्नी ने रात को मीडिया से कहा, 'मैं मंगलवार को ही पंजाब में दाखिल हुआ हूं और उसके बाद सिद्धू मूसेवाला के घर पर शोक प्रकट करने के लिए पहुंचा हूं। बहुत ही दुखदायक घटना हुई है। जब मैं रास्ते में था, तो पुलिस का मैसेज मिला कि यहां न आएं। आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मैंने कहा कि मैं अफसोस प्रकट करने जा रहा हूं। आपको गिरफ्तार करना है, तो कर सकते हैं। फिर मुझे कहा गया कि अगर आप मूसेवाला के घर जाना ही चाहते हैं, तो मिलकर तुरंत चले जाएं, रात को न रुकें। मैंने कहा कि मैं रात को भी ठहरूंगा। आपको जो करना है कर सकते हैं। मैं जब रात को मूसा गांव पहुंचा वहां पहले से ही पुलिस मौजूद थी। उन्होंने मुझे वहां पहुंचते ही समन थमा दिया।'
चन्नी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन मैं सिद्धू मूसेवाला के लिए प्रचार करने मानसा आया था। उस समय आम आदमी पार्टी ने शिकायत दी थी। मुझ पर धारा 188 (सरकारी आदेशों की अवज्ञा) के तहत केस दर्ज किया गया था। यह एक जमानती मामला था और झूठा केस दर्ज किया गया था। इसका चालान सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद पेश किया गया। जब मूसेवाला की मौत हो चुकी थी, तो यह चालान पेश नहीं किया जा सकता था। इसे रद किया जाना चाहिए था। मेरे खिलाफ अगर चालान पेश करना था, तो मेरा पक्ष तो जान लेना चाहिए था।
उन्होंने कहा, 'मैं चुनाव के बाद दो माह तक अपने घर पर ही रहा हूं, तब तो किसी ने मुझसे पूछताछ नहीं की। यह सरकार की बहुत बुरी बात है। सरकार को चाहिए कि वह पंजाब की ओर ध्यान दे। जो दुखदायी घटनाएं हो रही हैं, वे न हों। पंजाब को रंगला पंजाब बनाएं।'
14 किलोमीटर चले पैदल
घर से 14 किलोमीटर पैदल चल कर सवा तीन घंटे में पहुंचे चमकौर साहिबमानसा में सिद्धू मूसेवाला के परिवार से मिलने के बाद चन्नी रूपनगर के मोरिंडा स्थित अपने घर पहुंचे। यहां से वह 14 किलोमीटर पैदल चलकर सवा तीन घंटे में श्री चमकौर साहिब गुरुद्वारा साहिब पहुंचे। वह हर साल छोटे व बड़े साहिबजादों के बलिदान की याद में आयोजित 'शहीदी जोड़ मेल' के दौरान पैदल श्री चमकौर साहिब तक जाते हैं। वह सवा ग्यारह बजे मोरिंडा से रवाना हुए और रास्ते में लोगों से मिलते हुए ढाई बजे चमकौर साहिब पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं यहां कोई सियासी बात नहीं करूंगा। ये शोक के दिन हैं। मेरी आंखों का पीजीआइ चंडीगढ़ में आपरेशन होना है। आंखें ठीक हो जाएं, उसके बाद जो पूछना है, पूछ लेना।
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