AAP के कब्जे में मोगा नगर निगम, कांग्रेस की मेयर विश्वास मत हारीं; आम आदमी पार्टी को मिला 41 पार्षदों का साथ
मोगा नगर निगम में अब आम आदमी पार्टी का मेयर बन गया है। कांग्रेस के मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जिसमें पार्षदों ने उनका साथ नहीं दिया। 50 में से 41 पार्षदों ने आम आदमी पार्टी में विश्वास जताया और मोगा में पहली बार आम आदमी पार्टी का मेयर बना दिया। आम आदमी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से यह जानकारी दी है।
By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 04 Jul 2023 06:22 PM (IST)
मोगा, जागरण संवाददाता। कांग्रेस की मेयर नीतिका भल्ला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 7 के मुकाबले 41 वोटों से पास हो गया। मेयर से पहले सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीन कुमार पीना व डिप्टी मेयर अशोक धमीजा के खिलाफ आया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। आम आदमी पार्टी के दोनों ही सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर की कुर्सी अब छह महीने के पक्की हो गई, इस अवधि में अब उनके खिलाफ दोबारा अविश्वास प्रस्ताव नहीं आ सकेगा।
चुनाव के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। पार्षदों के अलावा हाउस की बैठक में किसी को प्रवेश नहीं करने दिया गया। गौरतलब है कि 13 मई 2021 को अकाली दल की मेयर पद की प्रत्याशी हरविंदर कौर को पराजित कर 37 वर्षीय नीतिका भल्ला नगर निगम की पहली महिला मेयर बनी थीं। मेयर नीतिका भल्ला जब बहुमत के संकट में थीं, तब हरविंदर कौर उनके साथ खड़ी दिखाई दीं, उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मेयर नीतिका भल्ला के पक्ष में अपना वोट दिया था, लेकिन वे उन्हें बचा नहीं पाईं।
अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े 41 वोट
हाउस की बैठक की अध्यक्षता खुद मेयर नीतिका भल्ला ने की। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 41 वोट पड़े, जबकि मेयर सहित कुल सात वोट नीतिका भल्ला के पक्ष में पड़े। 50 पार्षदों के सदन में दो पार्षद कांग्रेस के साहिल अरोड़ा व अकाली दल की अंजू बाला अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाई बैठक में नहीं पहुंची, अंजूबाला शहर से बाहर थीं। अकाली दल यूथ के शहरी अध्यक्ष मंजीत धम्मू व उनकी पार्षद पत्नी के साथ ही अकाली दल के आब्जर्वर गोवर्धन पोपली की पार्षद पत्नी सरोज ने आम आदमी पार्टी का समर्थन करते हुए अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट डाला।पार्टी चुनाव चिन्ह पर जीतने वाले 20 पार्षदों के साथ अपना मेयर बनाने वाली कांग्रेस के पाले में सोमवार को मेयर सहित कांग्रेस के चार पार्षद ही खड़े दिखे, साहिल अरोड़ा बैठक में पहुंचे नहीं, उन्हें भी अगर कांग्रेस में शामिल किया जाए तो 20 पार्षदों वाली कांग्रेस सिर्फ पांच पार्षदों में सिमट चुकी है, बाकी पार्षद आप के साथ चले गए।
अकाली दल का भी बुरा हाल
इससे भी ज्यादा दुर्गति अकाली दल की हुई। 15 पार्षदों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सदन में उभरे अकाली दल की एक मात्र हरविंदर कौर ने ही मेयर के पक्ष में वोट डाला, दूसरी अनुपस्थित रहने वाली अंजूबाला को भी शिअद में शामिल मान लिया जाय तो तो अकाली दल के पास सिर्फ दो ही पार्षद बचे हैं, बाकी सभी सत्ता की गोद में बैठे दिखाई दिए।अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद मेयर नीतिका भल्ला तत्काल सदन से बाहर निकलीं। उन्होंने मीडिया के सामने आकर सभी दलों के पार्षदों, निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों का धन्यवाद करते हुए उसी समय सरकारी गाड़ी छोड़ दी। निगम से वे निजी गाड़ी में वापस घर पहुंची।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।