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पशु पालन विभाग लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए कर रहा है हर संभव प्रयास :डीसी

पंजाब सरकार का पशु पालन विभाग पंजाब में तेजी से फैल रही पशुओं की लंपी बीमारी से बचाया जा रहा।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 12 Aug 2022 10:12 PM (IST)
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पशु पालन विभाग लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए कर रहा है हर संभव प्रयास :डीसी

संवाद सहयोगी, मोगा : पंजाब सरकार का पशु पालन विभाग पंजाब में तेजी से फैल रही पशुओं की लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए गंभीर है तथा जिसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। विभाग द्वारा पंजाब के वेटनेरी अधिकारियों, डाक्टरों की सूची समेत मोबाइल नंबर जारी की गई है, ताकि पशु पालक इस बीमारी संबंधी जरूरत अनुसार जानकारी हासिल कर सके। उन्होंने कहा कि जिला मोगा के पशु पालक इस संबंधी जानकारी के लिए डिप्टी डायरेक्टर पशु पालन विभाग मोगा डा. हरवीन कौर से संपर्क कर सकते हैं। डिप्टी कमिश्नर ने लंपी स्किन बीमारी के लक्षण, सावधानी व वैक्सीन बारे जानकारी देते कहा कि लंपी स्किन बीमारी गायों व भैंसों का एक छूत का रोग है। यह बीमारी गायों व भैंसों में मक्खी, मच्छर, चिचड़ों द्वारा फैलती है। प्रभावित पशुओं की आवागमन पूर्ण रूप में बंद होना चाहिए। बीमार पशुओं के इलाज के लिए नजदीक की पशु संस्था से संपर्क करना चाहिए। इस बीमारी से पशुओं में बुखार व चमड़ी पर धफड़ हो सकते हैं। तंदरुस्त गाय को गोट पोक्स वैकसीन लगवानी यकीनी बनाई जाए। पशु मे बीमारी के लक्षण पाए जाने के बाद बीमार पशु को अलग रखना चाहिए। पशुओं की देखभाल करने वाले कर्मी अपनी सफाई की ओर विशेष ध्यान दें। दूध अच्छी तरह उबालकर पीना चहिए। उन्होंने कहा कि यह बीमारी मनुष्यों में नहीं फैलती है। उन्होंने कहा कि भगवान न करें अगर पशु की मौत इस बीमारी से होती है तो मृत हुए जानवर को दबाने के लिए खोदा गड्ढा आबादी व पानी के स्त्रोत से कम से कम 250 मीटर दूर होना चाहिए। पशु को गड्ढे में दबाने उपरांत कम से कम तीन फुट मिट्टी ऊपर डालनी चाहिए। गड्ढे का आकार 8 फुट बाए 7 फुट तथा कम से कम 6 फुट गहरा होना चाहिए। पशु के शव के नीचे व ऊपर कम से कम दो इंच चूना डालना चाहिए।

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