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पराली की आग बुझाने गए कलस्टर अफसर का घेराव, किसानों ने गाड़ी जला देने की दी धमकी, किया अपमानित

पंजाब के मोगा में पराली जलाने के मामले में क्लस्टर अफसर को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। अधिकारी को धमकियां दी गईं और उनकी गाड़ी को जलाने की कोशिश की गई। बाद में मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को समझाया और मामला शांत हुआ। किसान के खिलाफ सरकारी आदेश नहीं मानने पर केस दर्ज किया गया है।

By Sushil Kumar Edited By: Sushil Kumar Updated: Wed, 20 Nov 2024 06:30 PM (IST)
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किसानों ने पराली की आग बुझाने गए कलस्टर अफसर को दी धमकी।
जागरण संवाददाता, मोगा। धूप खिलने के बाद पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी हो गई है। पराली सूखने के साथ ही किसान आग लगाने लगे हैं। इसी बीच गांव सेखा कलां में आग लगने पर रिपोर्ट करने गए कलस्टर अफसर को विरोध का सामना करना पड़ा है।

यही नहीं मौके पर मौजूद किसानों ने अधिकारी की गाड़ी तक को जला देने की धमकी दी थी। बाद में मौके पर पहुंचे सिविल आौर पुलिस प्रशसनिक अधिकारियों की हाजिरी में किसानों ने अधिकारी से माफी मांगकर पीछा छुड़ाया। जबकि प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से अभी तक इसकी शिकायत नहीं की गई।

क्लस्टर अफसर ने खुद आग बुझाने का किया प्रयास

जानकारी के अनुसार कलस्टर अफसर राजविंदर सिंह को सूचना मिली थी कि गांव सेखा कलां में एक किसान ने खेत में आग लगाई है। जैसे ही वह मौके पर पहुंचे तो किसान खेत में ही मौजूद था। कलस्टर अफसर ने उन्हें आग लगाने से रोका और खुद आग बुझाने का प्रयास किया।

इस पर किसान ने आस पास के किसानों को एकत्र कर लिया और मौके पर किसान यूनियन के सदस्य भी पहुंच गए। इस दौरान किसानों ने कल्सटर अफसर को अपमानित भी किया और उन्हें धमकियां देनी शुरू कर दीं।

किसानों ने अधिकारी के समक्ष क्षमा याचना की

यही नहीं उन्हें वहां पर रोककर रखा और कार को आग लगा देने की धमकियां भी दीं। इस पर कलस्टर अफसर ने सीनियर अधिकारियों को इसकी जानकारी भी दी। सूचना मिलते ही मौके पर एडीसी चारूमिता और अन्य पुलिस अधिकारी पहुंचे।

विरोध कर रहे किसानों को बताया गया कि अगर वह कार्रवाई करने आए अधिकारी को नहीं छोडेंगे और काम में बाधा डालेंगे ताो सरकारी काम में बाधा डालने की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिसके बाद मौके पर मौजूद किसानों ने अधिकारी के समक्ष क्षमा याचना की और मामला सुलझा दिया गया है।

एडीसी चारूमिता के अनुसार किसान के खिलाफ सरकारी आदेश नहीं मानने पर केस दर्ज किया गया है और उसके रिकॉर्ड में रेड एंट्री भी डाली गई है।

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