जैन स्थानक में मनाई जन्माष्टमी, प्रवचन कर प्रभु चरणों से जोड़ा
जैन स्थानक मोगा में शासन प्राभाविका उप प्रवर्तनी महासाध्वी कैलाशवती जी महाराज ने प्रवचन किया।
संवाद सहयोगी, मोगा : जैन स्थानक मोगा में शासन प्राभाविका उप प्रवर्तनी महासाध्वी कैलाशवती जी महाराज की सुशिष्याएं पंजाब सिंहनी श्रमणी सूर्या महासाध्वी श्री ओम प्रभा जी महाराज की शिष्य मंडली ठाने-5 के पावन सानिध्य में भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़े हर्षोल्लास और श्रद्धाभाव से मनाया गया। तपस्विनी महासाध्वी श्री पदम प्रभा जी महाराज, प्रवचन प्रभाविका मधुर वक्ता महासाध्वी श्री श्वेता जी महाराज एवं महासाध्वी श्री सुमन प्रभा जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर अपनी अपनी वाणी के माध्यम से बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने त्रेता युग में अवतार लेकर अन्याय के विरुद्ध अहंकारी और पापी प्राणियों की जीवन लीला समाप्त कर मुक्ति दे कर जीवन का उद्धार किया। भगवान श्री कृष्ण ने अपनी प्रेम लीलाओं के द्वारा समाज में रह रहे लोगों को प्रेम प्यार का संदेश दिया। मधुर वक्ता महासाध्वी श्री श्वेता जी महाराज ने अपने प्रवचन में भगवान श्री कृष्ण जी को जिन अलग अलग नामों से पुकारा जाता है के बारे में और उनकी अनेक लीलाओं का वर्णन अपने मुखारविद से विस्तार सहित फरमाया। जैन धर्म में भगवान श्री कृष्ण जी महाराज को भावी तीर्थंकर बताया और उन्होंने जैन धर्म के मुख्य सिद्धांतों एक दूसरे के प्रति प्रेम प्यार की भावना और आदर्श जीवन जीने की कला का भी प्रचार किया। भगवान श्री कृष्ण जी की माता देवकी और पिता वसुदेव की सात सन्तानों से अपने मृत्यु के डर से किये सेतानों के नरसंहार और अष्टम संतान भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय हुए चमत्कारों, और उनकी बाल लीलाओं से शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करने की सभी धर्म प्रेमी बंधुओं को प्रेरणा दी।