Punjab News: पंजाब में बदमाशों के हौसले बुलंद, युवक को पीट-पीट कर मार डाला, केस दर्ज
युवक को पीटकर मारने के मामले में आखिरकार थाना बाघापुराना पुलिस ने हत्या और आइटी एक्ट में केस दर्ज कर लिया है। वायरल वीडियो से पहचान कर इस केस में पांच लोगों को नामजद कर 10-15 अज्ञात को शामिल किया गया है। नामजद आरोपितों की पहचान नानक सिंह जगतार सिंह सीरा सिंह गुरनाम सिंह और धर्मपाल के रूप में हुई है।
जागरण संवाददाता, मोगा। युवक को पीटकर मारने के मामले में आखिरकार थाना बाघापुराना पुलिस ने हत्या और आइटी एक्ट में केस दर्ज कर लिया है। वायरल वीडियो से पहचान कर इस केस में पांच लोगों को नामजद कर 10-15 अज्ञात को शामिल किया गया है। नामजद आरोपितों की पहचान नानक सिंह, जगतार सिंह, सीरा सिंह, गुरनाम सिंह और धर्मपाल के रूप में हुई है।
वायरल वीडियो में भीड़ में शामिल लोग युवक को रस्सियों से बांधकर उस पर बेरहमी से लाठियों से प्रहार करते दिख रहे हैं। एसएचओ जसविंदर सिंह एक दिन पहले तक ये दावा कर रहे थे कि दोनों पक्षों में समझौते की बात चल रही है। उनके पास पीड़ित पक्ष नहीं आ रहा है, जिस कारण वे एफआईआर दर्ज नहीं कर पा रहे हैं। उधर, एसएसपी जे एलनचेजियन की सख्ती के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया।
सूत्रों के अनुसार जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के दबाव में पुलिस इस मामले में केस दर्ज करने से बच रही थी। पूरा मामला ही स्वभाविक मौत का बना दिया गया था। मृत युवक अनुसूचित जाति से संबंधित बताया जा रहा है। कुछ लोग इस मामले को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पास भी ले गए हैं। घर से उठाकर एक मकान में ले जाकर की थी पिटाई थाना बाघापुराना क्षेत्र के गांव गुरुसर माड़ी मुस्तफा में 15 अक्टूबर को एक धर्मस्थल के प्रबंध समिति के सदस्य व कुछ ग्रामीण एक युवक धर्म सिंह को उसके घर से उठा लाए थे। युवक के माता-पिता राजस्थान में कपास की खेती की मजदूरी के लिए गए हुए थे।
युवक को घर से उठाकर एक मकान में ले गए। वहां उसकी जमकर पिटाई की। फिर कुछ लोगों ने युवक को घर में ही रस्सियां से बांधकर उसकी टांगों पर लाठियों से जमकर प्रहार किए। युवक वहीं पर बेहोश होकर गिर पड़ा था। गांव के पंचायत सदस्य मेजर सिंह युवक को लेकर मथुरादास सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था।
दबंगों ने युवक के परिवार को धमकी दी थी
पुलिस ने इस मामले में स्वाभाविक मौत मानते हुए उस समय धारा 174 के तहत कार्रवाई की थी। युवक की मौत के बाद पीड़ित परिवार को कुछ दबंगों ने इतना डरा और धमका दिया था कि वे खुलकर बोल नहीं पा रहे थे। यहां तक कि पोस्टमार्टम गृह पर भी युवक के पिता उजागर सिंह से पत्रकारों ने बात करने की कोशिश की तो उनके आसपास दबंग लोग नजर रख रहे थे।
इस कारण वे खुलकर अपनी बात नहीं कह पाए थे। पुलिस के अनुसार, उस समय पीड़ित परिवार ने कहा था कि धार्मिक स्थल में चोरी करने के बाद दीवार फांदते समय उसे चोट लग गई थी। युवक को जब सरपंच इलाज के लिए मोगा ले जा रहे थे तो रास्ते में वह चन्नूवाला नहर पुल के कूद गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।