Prakash Singh Badal: 'पूर्व CM ने पंजाब के लिए ठुकरा दी थी PM की कुर्सी', प्रकाश सिंह बादल की बरसी पर बोले सुखबीर
Prakash Singh Badal Death Anniversary पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बरसी पर उनके बेटे सुखबीर बादल ने उनको याद किया। सुखबीर ने कहा कि पूर्व सीएम ने पंजाब के लिए पीएम की कुर्सी तक ठुकरा दी थी। बादल पार्टी के प्रति वफादार थे। हर परिस्थिति में वह कभी नहीं डगमगाते थे। पुरानी लीडरशिप कमिटमेंट करते थे उस पर अड़े रहते थे।
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। Prakash Singh Badal Death Anniversary: प्रकाश सिंह बादल की पहली बरसी पर बोलते हुए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि स्व. बादल सबके प्रिय थे। 103 साल पुरानी पार्टी शिरोमणि अकाली में 70 साल तक सेवा की। आज के नेता आते ही विधायक बनना चाहते हैं। लेकिन प्रकाश सिंह बादल ने गांव की सरपंची से राजनीतिक करियर शुरू किया। फिर कई पदों पर रहने के बाद मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया।
पार्टी के प्रति थे वफादार
पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहें। वह डेमोक्रेटिक थे। कोई भी काम पंजाब की जनता से सलाह किए बिना नहीं करते थे। सभी धर्मों को बाथ लेकर चलते थे। बादल पार्टी के प्रति वफादार थे। हर परिस्थिति में वह कभी नहीं डगमगाते थे। पुरानी लीडरशिप कमिटमेंट करते थे उस पर अड़े रहते थे। लेकिन अब नई लीडरशिप में ऐसी कोई बात नहीं। बादल साहिब ने 16 साल जेल काटी है। मुझे और मेरी माता तक को स्व बादल से जेल में मिलने नहीं देते थे।
मुख्यमंत्री मान पर भी साधा निशाना
प्रकाश बादल ने कभी घड़ी नहीं बांधी थी और न ही कभी जेब में पैसे रखे थे। लेकिन फिर भी समय के पाबंद थे। बादल साहिब राजनीति में सेवा के लिए आए थे लेकिन आज की राजनीति में पूरा बदलाव हो चुका है। पावर को दुश्मनी बढ़ाने के लिए नहीं दोस्ती बढ़ाए। अब का मुख्यमंत्री सभी से दुश्मनी किए बैठा है। अगर यह हार गया तो सभी पार्टियां इसके पीछे पड़ जाएंगी। पंजाब के लिए बादल साहिब ने प्रधानमंत्री की आफर को ठुकरा दी थी।यह भी पढ़ें: Prakash Singh Badal Death Anniversary: फिर याद आए पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल, कई बड़े नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
ओपी चौटाला से थे परिवारिक संबंध
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि उनके बादल के साथ परिवारिक रिश्ते थे। बादल सभी के दुख सुख में शामिल होते रहे हैं। बादल ने अपनी के समय देश आजाद होने के बाद सबसे ज्यादा जेल काटी है। देश की कोई जेल ऐसी नहीं जहां बादल को नहीं रखा गया। लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। किसानों व लोगों के हितों में अगर सबसे अधिक किसी ने काम किया है तो वह बादल साहिब हैं। अब हमें एकजुट होकर चलने की आवश्यकता है।यह भी पढ़ें: Muktasar Crime: ससुरालियों से तंग आकर विवाहिता ने की आत्महत्या, नहर में छलांग लगा दे दी जान; पति पर केस दर्ज
देश के किसान की जब बात आती थी तब वह कभी राजनीति के नजरिए से नहीं सोचते थे। किसान हित में फैसले लेते थे। हमारे देश की अधिकांश आबादी कृषि से जुड़ी है। अब समय है बादल साहब की नीति पर चलने का। पहले हमारा देश कर्जा देता था लेकिन आज हमारा देश दूसरे देशों से कर्ज ले रहा है। इस कारण देश की आर्थिकता कमजोर हो रही है। देश का किसान आर्थिक तौर पर कमजोर हो गए हैं। हमें आज जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे परिवारिक रिश्तों को पूरी दुनिया जानती है। आज यहां से प्रण लेकर जाएं कि बादल साहिब के बताए मार्ग पर एक प्लेटफार्म पर चलेंगे।
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