Mega PTM In Punjab: अभिभावक-Teachers की बैठक, बच्चों की शैक्षणिक प्रगति बढ़ाने के किए विचार
शनिवार को जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में अभिभावक टीचर बैठक हुई और इसमें बच्चों की शैक्षणिक प्रगति को बढ़ाने के लिए विचार चर्चा की गई। वहीं अभिभावकों ने अपने बच्चों का रिपोर्ट कार्ड भी चेक किया। राज्य के सीएम भगवंत सिंह मान ने शनिवार को अभिभावक टीचर्स में बैठक रखी गई और राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में सुबह 10 बजे से दोपहर 330 बजे तक बैठक चलीं।
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। PTM In Punjab: शनिवार को जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में अभिभावक टीचर बैठक हुई। इसमें बच्चों की शैक्षणिक प्रगति को बढ़ाने के लिए विचार चर्चा की गई। वहीं अभिभावकों ने अपने बच्चों का रिपोर्ट कार्ड भी चेक किया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की ओर से शनिवार को अभिभावक टीचर्स में बैठक रखी और जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक यह बैठक हुईं।
टीचर्स और अभिभावकों में हुई बातचीत
मुक्तसर शहर में बठिंडा रोड पर स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़के, सरकारी प्राइमरी स्कूल सहित अन्य स्कूलों में अभिभावक 10 बजे से पहले ही पहुंचने शुरू हो गए थे। हालांकि सुबह की सभा के चलते कुछ क्षणों तक अभिभावकों को टीचर्स से बैठक के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ी।
सभा समाप्त होने के बाद टीचर्स ने पहले अभिभावकों को उनके बच्चों का रिपोर्ट कार्ड दिखाया और जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं या उनमें पढ़ने की शक्ति और बढ़ाने को लेकर टीचर्स व अभिभावकों में वार्तालाप हुई। बता दें कि मुक्तसर शहर के विभिन्न स्कूलों में एक हजार से अधिक अभिभावक स्कूलों में टीचर्स से बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हुए थे।
अभिभावकों को बच्चों के साथ डेस्क पर बैठा दिखाए रिपोर्ट कार्ड
मुक्तसर के सरकारी प्राइमरी स्कूल में अभिभावकों को उनके बच्चों के साथ डेस्क पर बैठाया गया और एक एक कर बच्चों के पढ़ाई को लेकर रिपोर्ट कार्ड पेश किए गए। प्रिंसिपल ने बताया कि सरकारी स्कूलों में मेगा पीटीएम के दौरान मिशन समर्थ, मिशन शत प्रतिशत, बच्चों की उपस्थिति और सरकारी स्कूलों में दाखिला मुहिम को लेकर अभिभावकों को बताया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पीटीएम माता-पिता को उनके बच्चे की सीखने की यात्रा में सहायता करने के लिए ज्ञान और उपकरणों से लैस करके सशक्त बनाते हैं।
जब माता-पिता घर पर अपने बच्चे की मदद करने की अपनी क्षमता में आत्मविश्वास महसूस करते हैं, तो इसका बच्चे की शैक्षणिक प्रगति और आत्म-सम्मान पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।