Punjab Roadways Strike: पंजाब में थमे सरकारी बसों के पहिए! कर्मचारियों ने किया हड़ताल का एलान, आखिर क्या है इसकी वजह
Punjab Roadways Strike यदि आप भी बसों से सफर करते हैं तो यह खबर समझिए आप ही के लिए है। दरअसल पंजाब में सरकारी बसों की हड़ताल शुरू हो गई है। जिसके कारण सड़कों पर बसों की भारी कमी देखी जा रही है। वहीं आम जन अपने गंतव्य की ओर नहीं जा पा रहे हैं। जिससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। Punjab Roadways Strike: बाबा बड़भाग सिंह में लगे नहरी मेले में जा रही फिरोजपुर रोडवेज डिपो की सरकारी बस कंडक्टर के ट्रैफिक मैनेजर द्वारा ऑन ड्यूटी थप्पड़ में मारने के आरोप में मुक्तसर में रोडवेज,पनबस पीआरटीसी कर्मचारियों ने बसों के पहिए जाम कर हड़ताल कर दी है।
अचानक किया हड़ताल का आह्वान
एकदम से सरकारी बसें बंद होने से यात्रियों में भी अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिल रहा है। खास कर महिलाएं काफी परेशान हो रही हैं। मुक्तसर के बस स्टैंड पर भारी संख्या में यात्रियों की भीड़ इकठ्ठी हो गई है जोकि बसें चलने का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि मुक्तसर डिपो में 100 से अधिक सरकारी बसें प्रतिदिन वर्क करती हैं जिनको कर्मचारियों ने बंद कर दिया है।
केवल 11 मिनट पहले दिया बसें बंद करने का अल्टीमेटम
मुक्तसर में रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के प्रदेश नेता गुरप्रीत सिंह ढिल्लों ने इंटरनेट मीडिया पर शुक्रवार को दोपहर दो बजे बसें बंद करने का अल्टीमेटम केवल 11 मिनट पहले दिया। 1.49 मिनट पर अल्टीमेटम देने के बाद सभी बसें दो बजे बंद कर दी गईं। इस कारण यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्री इधर-उधर भटक रहे हैं।
महिलाओं किराया खर्च प्राइवेट बसों में जाना पड़ा
सरकारी बसों में महिलाओं के लिए फ्री सफर है। ऐसे में सरकारी बसें बंद होने से महिलाएं मुक्तसर बस स्टैंड पर पहले तो करीब एक घंटे तक बसें चलने का इंतजार करती रहीं लेकिन जब उन्हें पता चला कि अब बसें नहीं चलेंगी तो उन्हें मजबूरन निजी बसों में किराया खर्च कर जाना पड़ा।
टीएम को बर्खास्त करने की मांग
रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के चेयरमैन जगसीर सिंह ने बताया कि पट्टी डिपो में तैनात टीएम द्वारा फिरोजपुर डिपो के कंडक्टर पर थप्पड़ मारने की घटना से पूरे पंजाब में सरकारी बसें बंद कर दी गई हैं। आन ड्यूटी एक कंडक्टर के थप्पड़ मारना सरासर निंदनीय है। ऐसा कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक उक्त अधिकारी को बर्खास्त नहीं किया जाता तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
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