मुक्तसर में SAD में नहीं बगावत, सुखबीर बादल के पक्ष में उतरे नेता; बोले- चुनाव में हार के लिए पार्टी प्रधान नहीं जिम्मेदार
Punjab Politics News पंजाब में शिरोमणि अकाली दल में उथल-पुथल चालू है। पार्टी के कुछ नेता पार्टी के प्रधान को बदलने की मांग रख रहे हैं। वहीं मुक्तसर में शिअद में कोई बगावत नजर नहीं आ रही है। मुक्तसर के नेता सुखबीर बादल के साथ खड़े हुए हैं। उनका मानना है कि चुनाव में हार के लिए अकेले जिम्मेदार नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Badal) को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग को लेकर शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के राज्य में कई बड़े नेता बगावत कर रहे हैं। परंतु सुखबीर बादल को अपने पैतृक जिले श्री मुक्तसर साहिब में पूर्ण समर्थन मिल रहा है।
शिअद की जिला लीडरशिप सुखबीर के पक्ष में दावा ठोक चुकी है और शुक्रवार पांच जुलाई को शिअद की जिला लीडरशिप मुक्तसर में सुखबीर बादल के पक्ष में बैठक के बाद प्रेस वार्ता करने जा रही है।
पार्टी के खिलाफ छिड़ी हुई है बगावत
उल्लेखनीय है कि मुक्तसर से शिअद के पूर्व विधायक कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी,मलोट से पूर्व विधायक हरप्रीत सिंह, गिद्दड़बाहा से शिअद के सीनियर नेता डिंपी ढिल्लों, जगजीत सिंह बराड़ हनी फत्तनवाला,जिला प्रधान प्रीत इंद्र सिंह सम्मेवाली सहित अन्य वरिष्ठ नेता सुखबीर बादल के पक्ष में चल रहे हैं।
इसका बात का दावा पेश करने के लिए नेताओं ने पांच जुलाई को ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब के मीटिंग हाल में एकत्रता बुलाई है। हालांकि जिले में शिअद का एक भी नेता सुखबीर के खिलाफ नहीं चल रहा और न ही किसी नेता ने पार्टी के खिलाफ कोई बगावत छेड़ रखी है। वहीं एसजीपीसी सदस्य भी एकजुट होकर सुखबीर के पक्ष में ही चल रहे हैं।
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चुनाव में हार के लिए अकेले सुखबीर नहीं जिम्मेदार: फत्तनवाला
पूर्व विधायक कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी व शिअद नेता हनी फत्तनवाला ने कहा कि सुखबीर बादल ने जब कोई गलती की ही नहीं तो फिर उन्हें किस बात के लिए अध्यक्ष पद से हटाया जाए। चुनाव में जो हार हुई है उसमें अकेले सुखबीर जिम्मेदार नहीं हैं। पार्टी का स्तर ऊंचा उठाने के लिए सभी को पहले की भांति मजबूती के साथ चलना होगा। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के स्थान पर एक प्लेटफार्म पर चलना चाहिए।
104 साल पुरानी पार्टी है शिअद
शिअद 104 साल पुरानी पार्टी है। हमें शिअद को मजबूत करने पर जोर देना चाहिए। जो नेता बगावत कर रहे हैं वह राज्य में शिअद की सरकार रहते समय बड़े पदों पर रहे हैं तब भी पार्टी के प्रधान सुखबीर बादल ही थे।
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आज जब पार्टी को मजबूत करने की आवश्यकता आन पड़ी है तो कुछ नेता एकजुट होकर चलने के स्थान पर बगावत पर उतर आए हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए था। एकसाथ बैठ कर अपने मतभेद दूर करने चाहिए थे। ऐसे बगावत करने से लोगों में पार्टी प्रति गलत मैसेज जा रहा है।