Punjab Water Crisis: मुक्तसर में पीने योग्य नहीं बचा पानी, 45 में से 33 सैंपल फेल; 15 साल पहले लगाए गए थे RO प्लांट
Punjab Water Crisis पंजाब के मुक्तसर में पानी पीने योग्य नहीं बचा है। इस साल 45 में 33 सैंपल फेल आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक लगातार सार्वजनिक स्थानों से सैंपल लिए जा रहे हैं। बस स्टैंड से भी सैंपल लिए गए हैं जिसकी अभी रिपोर्ट आना बाकी है। अगर पानी का सैंपल असफल पाए जाए तो वह पानी के स्रोत पर क्लोरीकरण करते हैं दोबारा सैंपल लेते हैं।
राजिंदर पाहड़ा, श्री मुक्तसर साहिब। जिला मुक्तसर के अधिकांश हिस्सों में पानी पीने योग्य नहीं है, जोकि बेहद चिंताजनक बात है। इसकी एक ताजा उदाहरण इस बात से मिलती है कि सेहत विभाग की ओर से इस वर्ष जनवरी से जून तक सार्वजनिक स्थानों से लिए गए पानी के 45 सैंपलों में से 33 फेल पाए गए हैं।
फेल पाए गए सैंपलों में डीसी ऑफिस, कोटकपूरा रोड पर स्थित शहर का मुख्य वाटर वर्क्स, जहां से आधे शहर के घरों में पानी सप्लाई होता है, सिविल अस्पताल सहित अन्य सार्वजनिक स्थल शामिल हैं।
30 में से पांच फेल
वहीं अगस्त में लिए गए 30 सैंपलों में से भी पांच फेल पाए गए हैं, इनमें मुक्तसर का एक होटल और विधानसभा हलका लंबी के ब्लाक चक्क शेरेवाला में तीन सैंपल शामिल है। बता दें कि जिले में वर्ष 2024 में अब तक 217 पानी के सैंपल लिए गए हैं जिनमें से 38 फेल पाए जा चुके हैं जबकि शेष की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।उधर, जिला एपिडिमोलाजिस्ट डॉ. हरकीर्तन सिंह का कहना है कि सिविल अस्पताल व वाटर वर्क्स के पानी के स्रोत पर क्लोरीकरण कर दोबारा सैंपल लेने पर इनकी रिपोर्ट अभी सही पाई गई है। जबकि डीसी आफिस में दूसरी बार लिए गए सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है।
बस स्टैंड से भी लिए गए सैंपल
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक लगातार सार्वजनिक स्थानों से सैंपल लिए जा रहे हैं। जून तक 45 सैंपल लिए गए थे जिनकी रिपोर्ट आ चुकी है। वहीं जुलाई से अगस्त में अब तक पानी के जिले भर से 172 सैंपल लिए जा चुके हैं। जिनमें से अभी तक कुछ की रिपोर्ट आई है। वहीं इन्ही में से पांच के सैंपल फेल पाए गए हैं।अधिकांश सैंपल लंबी क्षेत्र से संबंधित है। डॉ. हरकीर्तन सिंह ने बताया कि उनकी टीमें सार्वजनिक स्थानों से पानी के सैंपल लेती है। बस स्टैंड से भी सैंपल लिए गए हैं, जिसकी अभी रिपोर्ट आना बाकी है। अगर पानी का सैंपल असफल पाए जाए तो वह पानी के स्रोत पर क्लोरीकरण करते हैं दोबारा सैंपल लेते हैं। उन्होंने बताया कि वह के स्रोत को बदलने की सलाह भी देते हैं।
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