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जज्‍बे को सलाम: पति का छूटा काम तो पंजाब की महिला सरपंच खेतों में करने लगीं धान की रोपाई

पंजाब के एक गांव की म‍हिला सरपंच खेतों में धान की रोपाई कर रही है। कोरोना संकट में पति का काम छूट गया तो परिवार के गुजारे के लिए महिला सरपंच ने खेतों में मजदूरी शुरू कर दी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 23 Jun 2020 12:36 PM (IST)
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जज्‍बे को सलाम: पति का छूटा काम तो पंजाब की महिला सरपंच खेतों में करने लगीं धान की रोपाई
दोदा (श्री मुक्तसर साहिब), रणजीत सिंह। मेहनत और इरादे में ईमानदारी हर मुश्किल में नया जज्‍बा पैदा करती है। पंजाब के एक गांव की महिला सरपंच के जज्‍बे को आज लोग सलाम कर रहे हैं। पति का काम छूट गया तो परिवार के गुजारे के लिए मुश्किल खड़ी हो गई। फिर पंजाब केे एक गांव की सरपंच ने बड़ा फैसला किया। वह खेतों में मजदूरी करने लगीं और खेताें में धान की रोपाई कर रही हैं। ये हैं गिद्दड़बाहा हलके के गांव कोटली अबलू की कांग्रेस महिला सरपंच बिंदर कौर। बिंदर कौर को इस पर कोई गिला है और लोग भी उनके जज्‍बे के कायल हो गए हैं। इन दिनों उनके धान रोपाई करते वीडियो भी खूब वायरल हो रही है। उनके पति ड्राइवर का काम करते थे,लेकिन कोरोना संकट में काम छूअ गया। अब वह भी दिहाड़ी मजदूरी कर रहे हैं।

घर का खर्च चलाने के लिए के सरपंच की धान रोपाई करते वीडियो वायरल

सरपंच बिंदर कौर ने बताया कि सरकार ने सरपंची के लिए चुनाव के समय 1500 रुपये हर माह देने के लिए कहा था लेकिन बीते डेढ़ वर्ष से उसे कुछ भी नहीं मिला। कोरोना से पहले पति ड्राइवर का काम करते थे। कोरोना के कारण यह काम छूट गया। अब पति भी दिहाड़ी कर रहे हैं। दिहाड़ी की कमाई से परिवार का गुजारा नहीं हो रहा था इसलिए वह धान रोपाई का कार्य कर रही हैं। वह लगभग 10 से 12 दिन से लगातार धान की रोपाई कर रही है।

गांव कोटली अबलू में कांग्रेस की महिला सरपंच हैं बिंदर कौर

बिंदर कौर ने बताया कि अपनी ही सरकार होने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वह तो सिर्फ कागजों में ही सरपंच बनकर रह गई हैं। लोग उनसे गांव का विकास के लिए कहते हैं लेकिन पंचायत के खाते में एक पैसा नहीं है। सरपंच ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि क्या सरपंच गांव के विकास का कार्य करवाए या अपने घर को चलाने के लिए मजदूरी करे।

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28 एकड़ पंचायती जमीन की बोली का पैसा भी बीडीपीओ ले गई : बिंदर कौर

बिंदर कौर ने गिद्दड़बाहा की पंचायती विभाग अधिकारी (बीडीपीओ) सुरिंदर कौर पर भी बड़ा आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि कि गांव की 28 एकड़ पंचायती जमीन की बोली हुई थी। उसकी जो रकम बनी थी उसे बीडीपीओ ले गई हैं। इसमें पंचायत को अभी कोई हिस्सा नहीं मिला है।

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सरपंच के आरोप बेबुनियाद : बीडीपीओ

दूसरी ओर, बीडीपीओ सुरिंदर कौर ने कहा कि कि सरपंच बिंदर कौर के आरोप बेबुनियाद हैं। गांव की आबादी के हिसाब से उनको फंड दिए जा रहे हैं। बीते वर्ष 15 लाख 17 हजार तीन सौ रुपये पंचायती जमीन का ठेका हुआ था। इसमें से तीन लाख 15 हजार रुपये समिति ने काटे थे। बाकी इस गांव की ग्रामसभा में पांच पंचायतें हैं जिनमें यह राशि बांट दी गई है। इस साल 15 लाख तीन हजार तीन सौ रुपये का ठेका हुआ है। इसे भी पांच पंचायतों में बांटा जाएगा। कोटली अबलू के खाते में चार लाख 51 हजार 560 रुपये आएंगे।

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40 लाख की मिली ग्रांट : दलजीत सिंह

सरपंच यूनियन के प्रधान दलजीत सिंह मान ने बताया कि सप्ताह पहले विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने संगत दर्शन किया था। कोटली अबलू सहित पांचों गांवों के लिए 40 लाख रुपये की ग्रांट मंजूर हुई थी। उन्होंने बताया कि कुछ शर्तों रखी गई थी जिन्हें पूरा करने के बाद गांवों को यह राशि जारी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि कोटली अबलु का नाम सम्राट विलेज में भी आया हुआ है, जिसके लिए प्रोपजल तैयार किया जा रहा है।

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