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घर-घर जाकर ट्रेकोमा की पहचान करेंगी आशा कार्यकर्ता : एसएमओ

सीनियर मेडिकल अफसर बलाचौर डा. कुलविदर मान के मार्गदर्शन में ट्रेकोमा के निदान के लिए सर्वेक्षण करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को बलाचौर अस्पताल में प्रशिक्षित किया गया।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 13 Jun 2022 05:07 PM (IST)
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घर-घर जाकर ट्रेकोमा की पहचान करेंगी आशा कार्यकर्ता : एसएमओ

संवाद सहयोगी, बलाचौर: सीनियर मेडिकल अफसर बलाचौर डा. कुलविदर मान के मार्गदर्शन में ट्रेकोमा के निदान के लिए सर्वेक्षण करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को बलाचौर अस्पताल में प्रशिक्षित किया गया। इस अवसर पर एसएमओ डा. कुलविदर मान ने आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार ट्रेकोमा को खत्म करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय ट्रेकोमा सर्वेक्षण कर रही है। इसके तहत आशा कार्यकर्ताओं द्वारा ट्रेकोमा के लक्षणों की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण की निगरानी 15 जून को केंद्रीय टीम करेगी। स्वास्थ्य ब्लाक बलाचौर के सात गांवों में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर ट्रेकोमा के मरीजों की पहचान कर रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को सौंपेंगी।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. रेणु मित्तल ने प्रशिक्षण के दौरान कहा कि ट्रेकोमा एक संक्रामक बीमारी है और यह पलकों को प्रभावित करती है। ट्रेकोमा एक छोटा सा दाने है जो पलकों के अंदर होता है। ये छोटे-छोटे दाने आंखों में घूमते रहते हैं, जिससे आंखें लाल रहती हैं और हर समय दर्द रहता है। इस रोग के कारण पलक अंदर की ओर मुड़ जाती है और पलकों के बालों को पुतली पर रगड़ने से आंखों को नुकसान पहुंचता है। ट्रेकोमा से पीड़ित व्यक्ति को पलक झपकते ही दर्द होता है और उनमें से पानी लगातार बहत रहता है। चिमटी से आंखों में चुभने वाले पलकों के बाल हटाने से मरीज को राहत मिलती है और अगर मरीज को ज्यादा दर्द हो तो सर्जरी करनी पड़ती है। इस अवसर पर नेत्र अधिकारी हरजिदर सिंह नागरा और निर्मल सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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