सोशल मीडिया के बाद चुनाव प्रचार का बदला ट्रेंड,कंटेंट राइटरों की बढ़ी मांग
सोशल मीडिया के आने के बाद चुनाव प्रचार का तरीका काफी बदल गया है।
जागरण संवाददाता,नवांशहर : सोशल मीडिया के आने के बाद चुनाव प्रचार का तरीका काफी बदल गया है। वर्ष 2017 में भी सोशल मीडिया का प्रयोग उम्मीदवारों की ओर चुनाव प्रचार में किया गया था पर इस बार कोरोना के कारण जिला चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण इसकी मांग बढ़ी है। जिले के लगभग सभी उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया पर अपने अपने पेज बना रखे हैं व उनको प्रोमोट करने के लिए यह लोग पैसा खर्च कर रहे हैं। कई उम्मदीवारों की ओर से कुछ एजेंसियों को भी हायर किया गया है जो की उम्मीदवार के चुनाव प्रचार को संभाल रहे हैं। इस बार बैनर पोस्टल लगे वाहनों के काफिले दिखाई नही दे रहे हैं। मैदान पर हजारों की संख्या में पार्टी समर्थकों की भीड़ भी दिखाई नही दे रही है।न इस बार चुनावी महासमर पूरी तरह वर्चुअल प्लेटफार्म पर है। चुनाव को लेकर आयोग की ओर से शारीरिक रूप से मौजूदगी वाली कोई जनसभा, पदयात्रा, साइकिल रैली, बाइक रैली रोड शो पर पाबंदी लगाने के बाद से जीत के लिए पार्टियों ने सोशल मीडिया पर अपनी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है।
पार्टी, नेता और समर्थक सभी फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वाट्सएप पर सक्रिय हैं। सभी अपने अपने तरीके से लोगों को प्रभावित करने वाले पोस्ट सांझा कर रहे हैं, तो वहीं समर्थक उनकी पोस्ट को लाइक और कमेंट कर अपना समर्थन दे रहे हैं। पार्टी और उम्मीदवारों ने अपने अपने स्तर पर कंटेंट राइटर कर रखे हैं, ताकि अधिक से अधिक जनता को प्रभावित किया जा सके।