पकड़े गए लश्कर आंतकियों के पंजाब में संपर्क सूत्र का पता करने जुटी में एजेंसियां, कई क्षेत्रों में जांच
पठानकोट में लश्कर-ए-तैयबा के एक और आतंकी को गिरफ्तार किया गया है। उसके दो साथियों को दो दिन पकड़ा गया था। इसके बाद अमृतसर में सात संदिग्धों को हिरासत मं लिया गया है।
पाकिस्तान सीमा से लगते बमियाल सेक्टर के ग्रामीण रास्तों से होकर वह जम्मू कश्मीर में प्रवेश करने के प्रयास में था। जैसे ही धोबरा ब्रिज पर पहुंचा तो पुलिस ने उसे घेर लिया। उसने भागने का भी प्रयास किया। आमिर व वासिम का वह बचपन का दोस्त है। तीनों आतंकी पिछले दो-तीन साल से दिल्ली, अमृतसर व जालंधर से ट्रांसपोर्ट का काम करते थे। इस व्यापार के बहाने वे कश्मीर में आतंकियों तक हथियार भी पहुंचाते थे।
जावेद को अमृतसर में रुकने को कहा थाडीजीपी के अनुसार जावेद, आमिर व वासिम दो ट्रक लेकर एक साथ अमृतसर आए थे। 11 जून को अमृतसर में सब्जी मंडी के नजदीक वल्लाह रोड से हथियारों की खेप मिलने के बाद आमिर व वसीम कश्मीर लौट रहे थे तो उन्हें पठानकोट में नाके पर गिरफ्तार किया गया। दोनों ने जावेद को अमृतसर में ही रुकने को कहा था। यहां से उसे बाद में सप्लायर से हथियार लेकर आने थे, लेकिन जैसे ही दोनों आतंकी पुलिस की पकड़ में आए तो जावेद गुपचुप कश्मीर घाटी में लौटने की फिराक में था। डीजीपी का कहना है कि तीनों आतंकियों के अन्य संपर्कों की जांच के लिए उनसे पूछताछ जारी है। अप्रैल में गिरफ्तार हुआ था हिलालउल्लेखनीय है कि पुलिस ने वीरवार को आमिर हुसैन वानी और वासिम हसन वानी के पास से दस हैंड ग्रेनेड, एक एके-47, दो मैगजीन और 60 ङ्क्षजदा कारतूस बरामद किए थे। उससे पहले बीती 25 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने हिलाल अहमद वागे को गिरफ्तार किया था जो कश्मीर में मारे गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर रियाज अहमद नायकू के निर्देशों पर काम करता था। अमृतसर से ड्रग मनी ले जाने के लिए हिलाल अहमद ने भी ट्रक का प्रयोग किया था।बता दें कि वीरवार को पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान की कुख्यात खुुफिया एजेंसी आइएसआइ कश्मीर में हथियार भेजने के लिए पंजाब काे जरिया बना रहा है। पाकिस्तानी से तस्करी के माध्यम से पंजाब के नशा तस्करों को हथियार भेजे जा रहे हैं और इसके बाद इन्हें कश्मीर घाटी पहुंचाने की कोशिश की जाती है।
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पठानकोट में आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद अमृतसर से सात संदिग्ध हिरासत में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों आमिर हुसैन वानी, वसीम हसन वानी व जावेद अहमद भट की गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा ने शनिवार की शाम पाकिस्तान के साथ लगते सीमावर्ती क्षेत्रों से सात संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पता चला है कि आतंकियों से प्राथमिक पूछताछ में पुलिस को इनपुट मिले हैं कि लश्कर के आतंकियों के खालिस्तानी आतंकियों और तस्करों से गहन संबंध हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों के तस्करों के माध्यम से ही पठानकोट में आतंकियों से मिले हथियार अजनाला और खेमकरण सेक्टर के रास्ते सीमा पार से भारत पहुंचे थे।हिरासत में लिए गए लोगों में से तीन कुख्यात तस्कर व आइएसआइ एजेंट रंजीत सिंह उर्फ चीता के नजदीकी बताए जा रहे हैं। खुफिया शाखा के एक बड़े अफसर ने बताया कि तीनों को चीता की गिरफ्तारी के दौरान भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। सभी से अमृतसर के ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर (जेआइसी) में पूछताछ की जा रही है।बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस के कुछ अफसर भी आतंकियों से पूछताछ के लिए पहुंच चुके हैं। जेआइसी में तीनों आतंकियों से पूछताछ होनी है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को भांपते हुए तीनों को किसी सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। तीनों आतंकियों से पूछताछ के लिए एनआइए व आइबी के अधिकारी अमृतसर स्थित जेआइसी में पहुंच चुके हैं। आतंकियों के कोरोना टेस्ट के लिए सैैंपल भी लिए गए हैैं और रिपोर्ट का इंतजार है। खेमकरण सेक्टर से हथियार आने की आशंकासुरक्षा एजेंसियां ने आशंका जताई है कि पठानकोट में पकड़े गए हथियार खेमकरण सेक्टर के रास्ते भारत पहुंचे हैं। अक्टूबर 2019 मेें भी ड्रोन के माध्यम से हथियार भिखीविंड के पास उतारे गए थे। हालाकि बीएसएफ की गश्त उक्त क्षेत्र में बढ़ाई जा चुकी है, लेकिन रावी दरिया के घुमावदार रास्ते और उपजाऊ खेत दोनों देशों के तस्करों के लिए हथियार व हेरोइन को ठिकाने लगवाने में काफी सुरक्षित हैं। उल्लेखनीय है कि आमिर हुसैन वानी व वसीम हसन वानी से हैंड ग्रेनेड, एके-47 सहित मैगजीन व कारतूस बरामद किए गए थे। आतंकियों से मिले हैैंड ग्रेनेड की क्षमता की जांचखुफिया एजेंसी के एक अफसर ने बताया कि लश्कर के आतंकियों से मिले दस हैैंड ग्रेनेड और अमृतसर के राजासांसी से जून-2019 में मिले दो हैैंड ग्रेनेड को लेकर सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं। पता लगाया जा रहा है कि इन हैैंड ग्रेनेड की नुकसान करने की कितनी क्षमता है। नवंबर 2018 में राजासांसी के अदलीवाल में निरंकारी भवन पर हुए ग्रेनेड हमले से भी तार जोड़े जा रहे हैैं। यह हमला खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकियों ने किया था।यह भी पढ़ें: कश्मीर में हथियार पहुंचाने के लिए पाकिस्तानी आतंकियों व पंजाब के नशा तस्करों में गठजोड़यह भी पढ़ें: कोरोना संकट में किसान काे खूब रास आ रही अफ्रीकन तुलसी की खेती, जानें इसकी खूबियां
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